चन्द्रग्रहण काल के उपाय/वास्तु उपाय
- Chida nanda
- Jul 24, 2018
- 4 min read
चन्द्रग्रहण काल में ऐसे करे उपाय: 1-जिसकी कुंडली चंद्रग्रहण योग से पीड़ित है, यानी चंद्रमा राहु की युति और चंद्रमा केतु की युति या दृष्टि है तो उस जातक का मन किसी काम में स्थिर नहीं होने देता है। वह व्यक्ति अपना विचार और काम बदलता रहता है। माता बीमार रहती है, आंख की रोशनी और मन की शान्ति खराब हो जाती है। चंद्र केतु के योग से जातक के टांग में दर्द, कमर में दर्द, पेशाब की समस्या, संतान की परेशानी होती रहती है। 2-ऐसे में जातक मेहनत का काम करे और जितना मिल रहा उस पर भगवान को धन्यवाद दे, नहीं तो जातक को बीमारी, परेशानी या नुकसान बना रहेगा। इस प्रकार के योग वाले जातक का पैसा लोग लेकर दबा लेते हैं और उनके पैसे मारे जाते हैं। चंद्र-केतु वाले जातक को सर्दी, जुकाम और नजला की शिकायत अधिक होती है। उपाय1;- इन सबके लिए उपाय है कि चांदी के दो कडे़ बनवाकर अपने बच्चे के पैर में या गाय के बछडे़ के पैर में पहना दें। अब अगर प्रतीक रूप में देखे तो जातक का संतान केतु है, पैर भी केतु है। चांदी चंद्रमा है। उसके पैर में पहनाने से चन्द्र-केतु का झगडा समाप्त हो जाता है जिससे बुरा प्रभाव भी शान्त होगा। उपाय2:- जातक का कान- केतु है और सोना- गुरु ग्रह है। इसलिए कान में सोना धारण करने से गुरू कायम हो जाता है। गुरू ग्रह केतु ग्रह का मित्र है और चंद्रमा का भी मित्र है दोनों का मित्र गुरू अब चंद्र और केतु की भी मित्रता करा देगा। अर्थात् चंद्र केतु को ठीक रखेगा और आपस में समझौता करवा देगा जिससे पीड़ित जातक को सुख शान्ति मिलेगी। चंद्रग्रहण पर सामान्य उपचार: नारियल, जौ, कच्चा कोयला, बादाम आदि की पोटली बनाकर अपने ऊपर से उसारा करके ग्रहणकाल में जल प्रवाहित किया जाना चाहिए। 27 जुलाई को एक सदी का सबसे लंबा और पूर्ण चंद्र ग्रहण लगने वाला है। चंद्र दोष से बचने के उपाय 1-चंद्र दोष से जाने अंजाने में कोई न कोई पीड़ित हो जाता है, और पीड़ित होने के बाद से ही जातक के जीवन में उथल-पुथल मचने लगती है। वह आशंकित रहने लगता है, भयभीत हो जाता है, लगातार हो रही हानियों से तनावग्रस्त हो जाता है यहां तक पारिवारिक जीवन भी असंतोष से भरने लगता है। कई बार तो जीवन साथी के साथ मतभेद इतने बढ़ जाते हैं कि अलगाव की स्थिति पैदा हो जाती है। इसलिए चंद्र दोष से बचाव के उपाय जरुर करने चाहिए। 2-चंद्र दोष से बचाव के लिए पीड़ित को चंद्रमा के अधिदेवता भगवान शिवशंकर की पूजा करनी चाहिए साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप एवं शिव कवच का पाठ भी चंद्र दोष को कम करने में सहायक होता है। 3-इनके अलावा चंद्रमा का प्रत्याधिदेवता जल को माना गया है और जल तत्व के स्वामी भगवान गणेश हैं इसलिए गणेशोपासना से भी चंद्र दोष दूर होता है विशेषकर तब जब चंद्रमा के साथ केतु युक्ति कर रहा हो। 4-इनके अलावा दुर्गासप्तशती का पाठ, गौरी, काली, ललिता और भैरव की उपासना से भी राहत मिलती है।
;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;
“वास्तु कोई जादू की छड़ी नहीं है। यह एक आर्ट है, जिसकी प्रैक्टिस करनी पड़ती है। यह एक विज्ञान है, जिसके पीछे प्रोफाउंड लॉजिक्स हैं और आपको इस कला व विज्ञान के प्रति वचनबद्ध होना पड़ता है”
एक आदमी कैसे सोचता है। किस दिशा में सोच रहा है। उसकी ओरिएंटेशन क्या है। उसकी गुणवत्ता क्या है। सोच की क्वालिटी क्या है और किस दिशा में है। किस बारे में सोचता है और किस बारे में नहीं सोचता है। उसका ध्यान कहाँ है और उसका ध्यान कहाँ नहीं है। यह निर्भर करता है कि वह आदमी किस वातावरण में रह रहा है। उसका वातावरण तय करता है कि उसकी सोच किस दिशा में है। किस बारे में है। उस सोच की क्वालिटी क्या और कैसी है। सोच की गहराई कैसी है। सोच की बैंडविड्थ कितनी है।
आपका ध्यान कहां जा रहा है और किस गहराई तक जा रहा है। वह अर्थ-पूर्ण है या नहीं। वह प्रासंगिक है कि नहीं। यह बातें इन बातों पर निर्भर करती हैं कि आप कहां सो रहे हैं। कहां बैठ रहे हैं। बैठते हुए आपका मुंह किस तरफ है। इन बातों का अध्ययन करना ही वास्तु शास्त्र है। हमारे यहां यह अध्ययन का एक विषय है, जो संज्ञानात्मक व्यवहारिक कार्य के साथ काम करता है और इसकी अभिविन्यास पृथ्वी के चारों ओर की पारिस्थितिकी तंत्र पर आधारित है। इसे ही भारत में वास्तु कहा जाता है। जीवन में अधिक धन और समृद्धि को आकर्षित करने के लिए अपनी बिल्डिंग के उत्तर (N) में कुबेर और दक्षिण (S) दिशा क्षेत्र में लाल घोड़े के जोड़े को रखें। यह आपके करियर में विकास और बिजनेस में सक्सेस देता है।
#अगर आपको पॉवर के साथ फेमस होने की चाह है तो फेम के दिशा क्षेत्र दक्षिण (S) में 12 लाल घोड़े की महावास्तु रेमिडीज रखें। साथ ही सामाजिक सहयोग के दिशा क्षेत्र पूर्व (E) में सूरज रखने से आप पॉवरफुल कनेक्शन्स और फेम दोनों की प्राप्ति साथ में कर पाएंगे।
#अगर आप खुद को कामुकता या लालच में डूबा हुआ महसूस कर रहे हैं तो इस असहज स्थिति से निकल पाने के लिए, सेक्स के दिशा क्षेत्र उत्तर-उत्तर-पश्चिम (NNW) में रखे पौधों को हटा दें। अन्यथा, आपकी प्रोडक्टिविटी और क्रिएटिविटी को कामुक लालसा और लालच तबाह कर देगी।
#अगर आप किसी कानूनी या व्यापारिक मसलों में फंसे हुए हैं और इसे जीतना चाहते हैं तो घर के पूर्व-उत्तर-पूर्व (ENE) दिशा क्षेत्र में तलवार, दक्षिण (S) दिशा क्षेत्र में हरे रंग का त्रिकोण और पश्चिम (W) दिशा क्षेत्र में गांव का दृश्य लगाएं और महावास्तु के इस रेमिडीज का जादू देखें।
#अपने बेड को पूर्व-दक्षिण-पूर्व (ESE) से दक्षिण दिशा क्षेत्र में शिफ्ट करें। जीवनसाथी के साथ होने वाली रोज-रोज की बहस से बचें।
#यदि आपको लगता है कि ‘सब कुछ ठीक है लेकिन हमारे हाथ में धन नहीं है तो आपको अपने घर के दक्षिण-पूर्व दिशा क्षेत्र से नीले रंग को हटाने की जरूरत है।
#किसी भी तरह की दुर्घटना और असुरक्षा से बचने के लिए दक्षिण-दक्षिण-पूर्व (SSE) दिशा क्षेत्र में लाल रंग के फूल लगाएं।
#नए अवसरों की खोज में धन की बरबादी से बचने के लिए दक्षिण-पूर्व (SE) से नीले रंग को हटा दें।
#इनसोमनिया और थकान से परेशान हैं तो इसे दूर करने के लिए दक्षिण (S) दिशा क्षेत्र में महावास्तु रेमिडीज लाल घोड़े के जोड़े का प्रतीक रखें। यह आपको शांति व ऊर्जा का अनुभव देगा।