top of page

Recent Posts

Archive

Tags

क्या है बंधन दोष?

  • Writer: Chida nanda
    Chida nanda
  • Oct 20, 2018
  • 14 min read

तंत्र-मंत्र यदि आप तंत्र-मंत्र या फिर टोने-टोटके जैसी बातों में विश्वास रखते हैं, विश्वास नहीं तो कम से कम इनके बारे कुछ जानकारी रखते हैं, तो आप इस आर्टिकल की गहराई को बखूबी समझ सकेंगे। बंधन अर्थात्‌ बांधना... जिस प्रकार रस्सी से बांध देने से व्यक्ति असहाय होकर कुछ कर नहीं पाता, उसी प्रकार किसी व्यक्ति, घर, परिवार, व्यापार आदि को तंत्र-मंत्र आदि द्वारा बांध देने से काम में रुकावट आ जाती है। 2-तांत्रिक विधि आम जनमानस की भाषा में बंधन एक तांत्रिक विधि है, लेकिन ऐसा नहीं है। ऐसा कहीं भी उल्लेखित नहीं है कि बंधन जैसी क्रिया को केवल तांत्रिक ही कर सकते हैं, जिसे इसे करने की विधि मालूम है वह भी इसे आज़मा सकता है। 3-बंधन दोष बंधन एक ऐसी समस्या है जो यदि किसी व्यक्ति को लग जाए, तो वह समझ भी नहीं पाता कि उसके साथ हो क्या रहा है। यदि बंधन किसी व्यक्ति विशेष पर हो तो उसकी जिंदगी में रुकावट आनी शुरू हो जाती है। 3-बांधना प्राचीन समय में इसे बांधना कहा जाता था, यानी कि किसी को तरक्की ना कर देने से रोककर बांधना, लेकिन समय के साथ इसका नाम बदलकर बंधन पड़ गया। 5-कार्य में रुकावट यदि व्यापार पर हो तो तमाम कोशिशों के बाद भी व्यापार में घाटा ही मिलता है। वर्षों से जमा की गई पूंजी खत्म होने लगती है, और तो और व्यापार खत्म करने जैसी नौबत भी आ जाती है। इसके अलावा किसी व्यक्ति को नष्ट करने, उसके घर को तबाह करने, उसके दाम्पत्य जीवन को चोट पहुंचाने के लिए भी बंधन जैसी तांत्रिक क्रिया का प्रयोग किया जाता है। 6-एक तांत्रिक क्रिया आप यकीन नहीं कर पाएंगे, लेकिन सच में एक छोटे लेकिन प्रभावी प्रयोग से किसी भी व्यक्ति की काया पलट की जा सकती है। इसका एक उदाहरण हम ले सकते हैं, शायद इससे आपको बंधन की परिभाषा और भी अच्छे से समझ आ जाए... 7-उदाहरण किसी के घर में 9-10 माह का छोटा सा बच्चा है, वह अपनी सहज बाल हरकतों से सारे परिवार का मन मोह रहा है। पूरा दिन खिलखिला कर हंसना, अपनी तोतली आवाज़ में मीठे स्वर निकालना और कभी-कभी तो कुछ बोलने की कोशिश भी करना। इसकी इस प्यारी हरकतों से पूरा परिवार खुश रहता... 8-बेहद असरदार लेकिन अचानक बच्चे के व्यवहार में बदलाव आता है। अचानक वह सुस्त या निढाल हो जाता है, उसकी हंसी बंद हो जाती हैऔर वह बिना कारण के रोना शुरू कर देता है, दूध पीना छोड़ देता है। बस रोता और चिड़चिड़ाता ही रहता है। 9-जल्द से जल्द निवारण करें ऐसे में माता-पिता डॉक्टर की सलाह लेते हैं, लेकिन दवा का भी कोई असर नहीं हो रहा। सब परेशान हैं कि आखिरकार ऐसा क्यों हो रहा है, लेकिन यदि तांत्रिक विधा की जानकारी रखने वाले किसी से पूछा जाए तो वह यकीनन बच्चे पर बाधा का साया ही बताएंगे। 10-व्यापार संबंधी उदाहरण एक और उदाहरण... फर्ज़ कीजिए आपके इसी जानकार का कपड़े का बहुत बड़ा कारोबार है। शहर की सबसे बड़ी मार्केट में उनकी नामी दुकान है और केवल शहर में नहीं बल्कि पास के कस्बों और भारत के ना जाने कितने ही राज्यों में उनका माल ज 11-अचानक होता है असर सब कुछ अच्छा चल रहा है, व्यापार अच्छा मुनाफा भी दे रहा है। पूरी मार्केट में वह दुकान हमेशा ही ग्राहकों की भीड़ से भरी रहती है, लेकिन अचानक उसके व्यापार में नित नई परेशानियां आने लगती हैं। मशीन और मजदूर की समस्या उत्पन्न हो जाती है। 12-समझ से बाहर होती हैं परिस्थितियां जो फैक्ट्री कल तक फायदे में थी, अचानक घाटे की स्थिति में आ जाती है। मजदूर धीरे-धीरे काम छोड़ रहे हैं, वहीं बाहर से काम भी कम आ रहा है। प्रोडक्शन ना होने के कारण ग्राहकों का आना-जाना भी कम हो गया.... लेकिन ऐसा क्यों हुआ? 13-कैसे बचें इनसे? यह कुछ ऐसी परिस्थितियां हैं जिन्हें आंखों के सामने देखते हुए भी व्यक्ति विश्वास नहीं कर पाता। यदि विश्वास कर भी ले तो उसे यह समझ में नहीं आता कि उसके साथ जो बुरा समय घट रहा है इसके पीछे कारण क्या है.... ऐसे में यदि उन्हें कोई राय दे कि हो ना हो आपके व्यवसाय, घर पर या जीवन पर कोई तांत्रिक साया है... तो उन्हें और गुस्सा आने लगता है। 14-पहले तो विश्वास करें मॉडर्न सोच रखने वाले लोग ऐसी बातों पर विश्वास करना तो दूर, सुनना भी नहीं चाहते। लेकिन आप चाहे कितने ही मॉडर्न क्यों ना हो जाएं, परन्तु आपसे ईर्ष्या रखने वाले लोग आपको तबाह करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। 15-लोग बदला लेते हैं यदि वे आपके जीवन की खुशहाली से, आपके बढ़ते व्यापार से या फिर आपकी तरक्की से जलते हैं... तो वे आपको बर्बाद करने के लिए कोई भी तरीका अपना सकते हैं। इसलिए कम से कम एक बार सलाह लेकर देखिए, कि कहीं सच में आपके ऊपर कोई तांत्रिक साया तो नहीं। 16-किसी भी हद तक जाते हैं यदि जवाब ‘हां’ में आता है तो घबराने वाली बात नहीं है... यहां हम आपको ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं जो आपके ऊपर, आपके घर पर, बच्चों पर या व्यापार पर हुए बंधन दोष का निवारण करेगा। यह उपाय काफी आसान हैं, इन्हें आप बिना किसी तांत्रिक गुरु की सहायता लिए खुद भी कर सकते हैं। 17-व्यापार अथवा कार्य बंधन किसी व्यक्ति विशेष के व्यापार, दुकान, फैक्ट्री या व्यापारिक स्थल को बांधना व्यापार बंधन अथवा कार्य बंधन कहलाता है। इससे उस व्यापारी का व्यापार या तो कम होने लगता है या पूरी तरह से चौपट ही हो जाता है। ग्राहक उसकी दुकान पर नहीं चढ़ते और वक्त के साथ-साथ दुकान बंद कर देने जैसी नौबत आ जाती है। 18-उपाय यदि आपके किसी जानकार या फिर आपके साथ ही ऐसा कुछ हो रहा है तो यहां हम कार्यक्षेत्र पर बंधन दोष संबंधित एक निवारण देना चाहेंगे। जिस भी व्यक्ति की दुकान, ऑफिस या कार्यक्षेत्र है, यह कार्य उसे स्वयं ही करना होगा। कार्य बेहद आसान है, ऐसे व्यक्ति को अपनी दुकान में प्रवेश करने से पहले एक लोटे में लिए हुए पानी के प्रयोग से प्रवेश द्वार पर जल धार बनाना है, इसके बाद ही भीतर जाना है। 19-कोख बांधना कई बार लोग यह शिकायत करते हैं कि वैज्ञानिक एवं ज्योतिषीय दोनों तरीकों से वह संतान प्राप्ति के लिए सक्षम हैं, फिर भी उनकी संतान नहीं हो रही, लेकिन क्यो! हो सकता है उस पति-पत्नी पर बंधन दोष हो, जिसे कोख बांधना कहा जाता है क्योंकि यह महिला पर ही किया जाता है। 20-स्त्री पर होता है यह क्रिया कई प्रकार से की जाती है - कभी स्त्री के माहवारी के कपड़े का उपयोग कर तो कभी पहने हुए वस्त्रों अथवा बालों का। इस दोष से प्रभावित दंपत्ति शारीरिक रूप से पूर्ण स्वस्थ होते हुए भी संतान सुख से वंचित रह जाते हैं। 21-उपाय यदि ऐसा ही कोई उदाहरण आपके सामने है तो इसका तुरंत निवारण करें। ऐसी स्त्री अपने जन्म अथवा विवाह के वार के दिन या अमावस्या अथवा शनिवार को पहने हुए कपड़ों में से कुछ धागे निकालकर कड़वे तेल में रूई की जोत में मिलाकर अपनी इष्ट देवी अथवा देवता के समक्ष प्रज्वलित करे। 22-किसी स्थान विशेष को बांधना शायद आपने ऐसी जगहों के बारे में सुन रखा हो जहां सालों से कोई रहने नहीं आया। या फिर चाहते हुए भी वह स्थान उपयोग नहीं हो रहा, खंडहर है और वीरान पड़ा है। हो सकता है उस स्थान पर बंधन दोष हो, ऐसे स्थान पर लोगों का आना-जाना बाधित हो जाता है और वे उससे भयभीत रहने लगते हैं। लेकिन इसका भी निवारण है, किसी भवन या स्थान के बंधन का निवारण अत्यंत कठिन कार्य है क्योंकि ऐसे स्थान पर बुरी आत्माओं का वास हो जाता है। ऐसे स्थान पर निरंतर हवन, यज्ञ आदि अनुष्ठान करते रहने चाहिए। इसके साथ ही पवित्र गंगाजल का छिड़काव भी नियमित रूप से करते रहना चाहिए। 23-स्वयं ना करें पीपल आदि वृक्षों को ऐसे स्थान पर उगने नहीं देना चाहिए, क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पीपल के वृक्ष पर ही आत्माओं का वास होता है। यह एक ऐसा बंधन है जिसके निवारण के लिए आपको किसी योग्य विद्वान की सलाह लेनी चाहिए। स्वयं इसका निवारण करने का ख्याल भी अपने दिमाग में ना लाएं, यह काफी खतरनाक हो सकता है। 24-पद अथवा पदवी बांधना ऐसा बंधन किसी विशेष प्रतिनिधि अथवा उच्च पद को बांधने के लिए किया जाता है जिससे वह पद विशेष ही समाप्त हो जाता है। ऐसा बंधन बांधना अत्यंत दुष्कर कार्य है और उस बंधन को काटना उससे भी दुष्कर है। ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;; क्या होता है उतारा करना.. उतारा शब्द का तात्पर्य व्यक्ति विशेष पर हावी बुरी हवा अथवा बुरी आत्मा, नजर आदि के प्रभाव को उतारने से है। उतारे आमतौर पर मिठाइयों द्वारा किए जाते हैं, क्योंकि मिठाइयों की ओर ये श्ीाघ्र आकर्षित होते हैं। उतारा करने की विधि :—- उतारे की वस्तु सीधे हाथ में लेकर नजर दोष से पीड़ित व्यक्ति के सिर से पैर की ओर सात अथवा ग्यारह बार घुमाई जाती है। इससे वह बुरी आत्मा उस वस्तु में आ जाती है। उतारा की क्रिया करने के बाद वह वस्तु किसी चौराहे, निर्जन स्थान या पीपल के नीचे रख दी जाती है, और व्यक्ति ठीक हो जाता है। किस दिन किस मिठाई से उतारा करना चाहिए, इसका विवरण यहां प्रस्तुत है;—– 1-रविवार को तबक अथवा सूखे फलयुक्त बर्फी से उतारा करना चाहिए। 2-सोमवार को बर्फी से उतारा करके बर्फी गाय को खिला दें। 3-मंगलवार को मोती चूर के लड्डू से उतार कर लड्डू कुत्ते को खिला दें। 4-बुधवार को इमरती से उतारा करें व उसे कुत्ते को खिला दें। 5-गुरुवार को सायं काल एक दोने में अथवा कागज पर पांच मिठाइयां रखकर उतारा करें। उतारे के बाद उसमें छोटी इलायची रखें व धूपबत्ती जलाकर किसी पीपल के वृक्ष के नीचे पश्चिम दिशा में रखकर घर वापस जाएं। ध्यान रहे, वापस जाते समय पीछे मुड़कर न देखें और घर आकर हाथ और पैर धोकर व कुल्ला करके ही अन्य कार्य करें। 6-शुक्रवार को मोती चूर के लड्डू से उतारा कर लड्डू कुत्ते को खिला दें या किसी चौराहे पर रख दें। 7-शनिवार को उतारा करना हो तो इमरती या बूंदी का लड्डू प्रयोग में लाएं व उतारे के बाद उसे कुत्ते को खिला दें। 8-इसके अतिरिक्त रविवार को सहदेई की जड़, तुलसी के आठ पत्ते और आठ काली मिर्च किसी कपड़े में बांधकर काले धागे से गले में बांधने से ऊपरी हवाएं सताना बंद कर देती हैं। 9-नजर उतारने अथवा उतारा आदि करने के लिए कपूर, बूंदी का लड्डू, इमरती, बर्फी, कड़वे तेल की रूई की बाती, जायफल, उबले चावल, बूरा, राई, नमक, काली सरसों, पीली सरसों मेहंदी, काले तिल, सिंदूर, रोली, हनुमान जी को चढ़ाए जाने वाले सिंदूर, नींबू, उबले अंडे, गुग्गुल, शराब, दही, फल, फूल, मिठाइयों, लाल मिर्च, झाडू, मोर छाल, लौंग, नीम के पत्तों की धूनी आदि का प्रयोग किया जाता है। 10-स्थायी व दीर्घकालीन लाभ के लिए संध्या के समय गायत्री मंत्र का जप और जप के दशांश का हवन करना चाहिए। हनुमान जी की नियमित रूप से उपासना, भगवान शिव की उपासना व उनके मूल मंत्र का जप, महामृत्युंजय मंत्र का जप, मां दुर्गा और मां काली की उपासना करें। स्नान के पश्चात् तांबे के लोटे से सूर्य को जल का अर्य दें। पूर्णमासी को सत्यनारायण की कथा स्वयं करें अथवा किसी कर्मकांडी ब्राह्मण से सुनें। 11-संध्या के समय घर में दीपक जलाएं, प्रतिदिन गंगाजल छिड़कें और नियमित रूप से गुग्गुल की धूनी दें। प्रतिदिन शुद्ध आसन पर बैठकर सुंदर कांड का पाठ करें। किसी के द्वारा दिया गया सेव व केला न खाएं। रात्रि बारह से चार बजे के बीच कभी स्नान न करें। NOTE;- उतारा आदि करने के पश्चात भलीभांति कुल्ला अवश्य करें। इस तरह, किसी व्यक्ति पर पड़ने वाली किसी अन्य व्यक्ति की नजर उसके जीवन को तबाह कर सकती है। नजर दोष का उक्त लक्षण दिखते ही ऊपर वर्णित सरल व सहज उपायों का प्रयोग कर उसे दोषमुक्त किया जा सकता है। बंधन मुक्ति के 10 चमत्कारिक टोटके/उपाय;- 1-कुल देवी या देवता को मनाएं : आजकल के परिवार को अपने कुल देवता और कुल देवी के स्थान के बारे में कोई जानकारी नहीं है। कुलदेवी या कुल देवता के स्थान से आपके पूर्वजों का पता लगता है।कुल देवी या देवता के स्थान पर जाकर एक साबूत नींबू लें और उसको अपने उपर से 21 बार वार कर उसे दो भागों में काटकर एक भाग को दूसरे भाग की दिशा में और दूसरे भाग को पहले भाग की दिशा में फेंक दें। इसके बाद कुलदेवी या देवता से क्षमा मांग कर वहां अच्छे से पूजा पाठ करें या करवाएं और सभी को दान-दक्षिणा दें। 2-हनुमान चालीसा : प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें। मंगलवार या शनिवार को हनुमानजी के मंदिर में जाकर उनकी पूजा करें और उनको कम से कम पांच बार चौला चढ़ाएं। बंधन मुक्ति का सबसे उत्तम उपाय हनुमानजी की भक्ति है। हनुमानजी के भक्त बने रहेंगे तो कभी भी ‍जीवन में बंधन महसूस नहीं करेंगे। 3-व्यक्तिगत बाधा : व्यक्तिगत बाधा के लिए एक मुट्ठी पिसा हुआ नमक लेकर शाम को अपने सिर के ऊपर से तीन बार उतार लें और उसे दरवाजे के बाहर फेंकें। ऐसा तीन दिन लगातार करें। यदि आराम न मिले तो नमक को सिर के ऊपर वार कर शौचालय में डालकर फ्लश चला दें। निश्चित रूप से लाभ मिलेगा। 4-फलदान : पांच या सात तरह के फल लें और उनको लेजाकर मंदिर में रख आएं। भगवान से अपनी सहायता और बंधन मुक्त करने की प्रार्थना करें। ऐसा पांच मंगलवार या गुरुवार को करेंगे तो बंधन से मुक्ति हो जाएंगे। 5-सिक्के का टोटका : जब कभी भी शमशान में जाने का मौका लगे तब आते वक्त कुछ सिक्के पीछे फेंकते हुए आएं। ध्यान रखें कि फेंकते वक्त या फेंकने के बाद मुड़कर पीछे न देखें। इससे आपको देवीय सहायता मिलने लगेगी और आप बंधन मुक्त हो जाएंगे। 6-काला जादू : आपको लगता है कि किसी ने काला जादू कर रखा है या घर की प्रगति को बांध रखा है तो इस उपास से उसका असर खत्म हो जाएगा। तंत्र शास्त्र में अनेक वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है जैसे- काली हल्दी, शंख, रत्न, बांदा, श्रीफल, एकाक्षी नारियल, कौड़ी आदि। इन सबका अलग-अलग महत्व व प्रयोग है। यह सब चमत्कारी वस्तुएं हैं। 7-ऐसा ही एक चमत्कारी पौधा है अफेद आक (आंकड़ा)। यह बहुत चमत्कारी पौधा है। जिस घर में यह लगा होता है उस घर किसी भी प्रकार के तंत्र-मंत्र या जादू-टोने का असर नहीं होता है। 8-लक्ष्मी बंधन : यदि यह उपाय नहीं कर सकते हैं तो माता काली का को प्रतिदिन दो लकड़ी वाली (बांस वाली नहीं) अगरबत्ती लगाएं या एक धूपबत्ती लगाएं। प्रत्येक शुक्रवार को काली के मंदिर में जाकर पूजा करें। लोग कहते हैं की अच्छा खासा चलता बिजनेस या दुकान अचानक से ठप हो गई। पैसे की आवक ख़त्म हो गई रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना भी मुश्किल हो रहा है। यह सिर्फ बिजनेस वालो की नहीं नौकरी वालों की भी समस्या होती है। 8-1-किसी भी पक्ष की अष्टमी अथवा किसी भी शुक्रवार के दिन एक लकड़ी की चौकी या पाटे पर एक लाल वस्त्र बिछाएं। उस पर माँ काली का एक विग्रह या चित्र स्थापित करें। पाटे या चौकी के चरों कोनो पर एक एक उड़द की ढेरी बना कर उस पर एक एक लघु नारियल स्थापित करें। 8-2-मां के चारों ओर उड़द और चावल की पांच ढेरियां बनाकर प्रत्येक पर 3-3 गांठ काली हल्दी की रखें और दो-दो गोमती चक्र चढ़ाएं। विग्रह के सामने तीन मुट्ठी अक्षत और सवा मुट्ठी उड़द की ढेरियां बनाएं। चावल वाली ढेरी पर सियार सिंगी का जोड़ा और उड़द वाली ढेरी पर हत्था जोड़ी स्थापित करें। चमेली या तिल के तेल का दीपक जलाएं। गणेश पूजा के बाद फिर मां और सभी वस्तुओं की पंचोपचार पूजा करें। चंदन की धूप या धूनी जलाएं। मां को खीर का भोग अर्पित करें। इस तरह विधिपूर्जक 10 दिन तक माता की पूजा काली के उपासक किसी जानकार से पूछकर करें। आपकी समस्या समाप्त हो जाएगी। 9-बीमारी से मुक्ति के लिए नीबू से उतारा करके( सिर से पैर की ओर सात अथवा ग्यारह बार घुमाई जाती है )उसमें एक सुई आर-पार चुभो कर पूजा स्थल पर रख दें और सूखने पर फेंक दें। यदि रोग फिर भी दूर न हो, तो रोगी की चारपाई से एक बाण निकालकर रोगी के सिर से पैर तक छुआते हुए उसे सरसों के तेल में अच्छी तरह भिगोकर बराबर कर लें व लटकाकर जला दें और फिर राख पानी में बहा दें। 10-बंधन मुक्ति कवच : कभी मनुष्य एकाएक इतनी परेशानियों या तकलीफों में फंस जाता है कि कुछ समझ ही नहीं आता। कई बार इसका कारण होता है कि जातक भूत-प्रेत अथवा नजर, हाय या किसी दुष्ट आत्मा के जाल में फंस जाता है। ऐसी विकट स्थिति में ज्योतिषीय सामग्रियों के धारण या पूजन से अवश्य लाभ मिलता है। बाधामुक्ति कवच बुरी नजर से बचाव करता है। तंत्र-मंत्र-जादू, टोने के दुष्प्रभाव को काटता है व शनि दोष, साढ़ेसाती, ढैय्या की अवधि में विशेष रूप से शुभ रहता है। इसके चमत्कारिक प्रभाव से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में वृद्धि होती है तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार धारक को आशा और उन्नति की ओर लेकर जाता है ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;; नींबू के 10 चमत्कारिक टोटके यह आस्था और अंधविश्वास का मामला है। बहुत से लोग नींबू का उपयोग किसी तांत्रिक कर्म के लिए करते हैं लेकिन नींबू के सात्विक उपयोग भी होते हैं। यहां नींबू के केवल सात्विक प्रयोग की बताए जाएंगे जो कि समाज में प्रचलित है। स्वास्थ्य की दृष्ठि से नींबू बहुत ही लाभदायक होता है। लेकिन नींबू में आपके संकट दूर करने की क्षमता भी है और यह नींबू आपको मालामाल भी बना सकता है। जो जानिए नींबू के 10 चमत्कारिक टोटके.... बुरी नजर से बचाए नींबू यह उपाय तो आप जानते ही होगे। अक्सर दुकानों में हरी मिर्च के साथ एक नींबू टंगा होता है। जिस तरह एक प्याज टांगने से वह आसपास की गर्मी सोख लेता है उसी तरह नींबू बुरी नजर को सोख लेता है। माना जाता है कि नींबू का खट्टा और मिर्च का तीखा स्वाद बुरी नजर वाले व्यक्ति की एकाग्रता भंग कर देता है। जिससे वह अधिक समय पर घर या दुकान को नहीं देख पाता है। वास्तु दोष मिटाएं नींबू जिस घर में नींबू का पेड़ होता है वहां किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा सक्रीय नहीं हो पाती है। नींबू के वृक्ष के आसपास का वातावरण शुद्ध और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर रहता है।नींबू का पेड़ घर के वास्तुदोष को दूर कर देता है। यदि पेड़ नहीं है तो एक नींबू लेकर उसे घर के चारों कोनों में 7 बार घुमाएं और कहीं सुनसान जगह पर ले जाकर उसके चार टुकड़े करके चारों दिशाओं में नींबू का एक एक टुकड़ा फेंककर लौट आएं। लौटते वक्त पीछे.मुड़कर न देखें। सफलता हेतु कड़ी मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है तो किसी हनुमान मंदिर जाएं और अपने साथ एक नींबू एवं 4 लौंग लेकर जाएं। इसके बाद मंदिर में पहुंचकर नींबू के ऊपर चारों लौंग लगा दें। फिर हनुमानजी के समक्ष हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके बाद हनुमानजी से सफलता दिलवाने की प्रार्थना करें और नींबू लेकर कार्य प्रारंभ कर दें। इससे आपके कार्य में सफलता की संभावना बढ़ जाएंगी। बुरी नजर उतारने के लिए यदि किसी बच्चे को या बड़े इंसान को किसी की बुरी नजर लग गई है तो उसके सिर के उपर से पैर तक सात बार नींबू वार लें। इसके बाद इस नींबू के चार टुकड़े करके किसी सुनसान स्थान पर या किसी तिराहे पर फेंक दाएं। नींबू के टुकड़े फेंकने के बाद पीछे न देखें। व्यापार में लाभ हेतु यदि किसी का व्यापर अच्छे से नहीं चल रहा है तो उसके लिए एक छोटा सा उपाय है। एक नींबू को दुकान या संस्थान की चारों दीवारों पर स्पर्श कराएं। इसके बाद नींबू को चार टुकड़ों में अच्छे से काट लें और चारों दिशाओं में नींबू का एक एक टुकड़ा फेंक दें। इससे दुकान की नेगेटिव एनर्जी नष्ट हो जाएगी और व्यापार में लाभ होना शुरू हो जाएगा। यह उपाय कम से कम 7 शनिवार को करें। भाग्य को चमकाने हेतु एक नींबू लें और उसको अपने सिर के उपर से सात बार वार कर उसके दो टुकड़ें करें। बाएं हाथ का टुकड़ा दाईं तरफ अर दाएं हाथ का टुकड़ा बाईं तरफ फेंक दें। नौकरी पाने हेतु एक नींबू के ऊपर चार लौंग गाड़ दें और 'ॐ श्री हनुमते नम:' मंत्र का 108 बार जप करके नींबू को अपने साथ लेकर जाएं। आपका काम अवश्य बन जाएगा। अगर आपको नौकरी या काम नहीं मिल रहा है और आप मारे-मारे फिर रहे हैं तो एक दागरहित बड़ा नीबूं लें और चौराहे पर बारह बजे से पहले जाकर उसके चार हिस्से कर लें और चारों दिशाओं में दूर-दूर फेंक दें। फलस्वरूप बेरोजगारी की समस्या समाप्त हो जाएगी। रोग से मुक्ति हेतु यदि घर में कोई व्यक्ति या बच्चा रोगग्रस्त है और काफी दवाईयां लेने के बाद भी सही नहीं हो रहा है तो शनिवार को एक नींबू लेकर रोगी के सिर से 7 बार उल्टा घुमाएं। फिर एक चाकू सिर से पैर तक धीरे-धीरे स्पर्श करते हुए नींबू को बीच से काट दें। दोनों टुकड़े दो दिशा में संध्या समय फैंक दें। अगर बीमारी पीछा नहीं छोड़ रही है तो तीन पके हुए नींबू लेकर एक को नीला एक को काला तथा तीसरे को लाल रंग कि स्याही से रंग दे। अब तीनों नीबुओं पर एक एक साबुत लौंग गांड दें। इसके बाद तीन मोटी चूर के लड्डू लेकर तथा तीन लाल पीले फूल लेकर एक रुमाल में बांध दें। अब प्रभावित व्यक्ति के ऊपर से सात बार उबार कर बहते जल में प्रवाहित कर दें। ध्यान रहे प्रवाहित करते समय आसपास कोई खड़ा न हो। संतान प्राप्त हेतु उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में नीबू की जड़ लाकर उसे गाय के दूध में मिलाकर निःसंतान स्त्री को पिलाएं, उसे पुत्र की प्राप्ति होगी। समृद्धि के द्वार खोलने हेतु;- कई बार व्यक्ति के पास धन की आवक रुक जाती है। समृद्धि के द्वार बंद हो जाते हैं। हर तरह की प्रगति रुक जाती है। ऐसा लगता है कि किसी ने बंधन कर दिया हो। जिस प्रकार रस्सी से बांध देने पर व्यक्ति खुद को असहाय महसूस करता है ऐसा ही आपको महसूस हो रहा है तो यह उपाय आजमाएं। एक नींबू लें और किसी चौराहे पर जाकर उसे सात बार अपने उपर से वार कर उसे दो भाग में काट लें। एक भाग पीछे की ओर फेंक दें और दूसरा आगे की ओर फेंक कर काम पर चले जाएं या घर आ जाएं। दूसरा उपाय अपने उपर से एक साबूत नींबू लेकर उसे 21 बार सिर से पैर तक वार कर उसे विपरित दिखाओं में फेंक दें। इसके बाद एक साबूत पानीदार नारियल लें और उसे अपने उपर से 21 बार वार कर उसे किसी देवस्थान पर साबूत का साबूत ही जला दें।

LikeShow more reactions

Comment

Comments

Write a comment...


コメント


Single post: Blog_Single_Post_Widget
bottom of page