कर्ज मुक्ति के लिये शमशान की उर्जाओं का प्रयोग करें
कई बार लोगों को कर्ज बहुत पीड़ा देता है. मांगने वालों का भय हर पल जीवन को मुश्किल बना देता है. एक कर्ज उतारने के लिये दूसरा लेना पड़ता है. तनाव के कारण कामकाज में मन नही लगता. या तगादगीरों से बचने के लिये भागते रहना पड़ता है. उनसे बार बार झूठ बोलना पड़ता है. हालात यहां तक पहुंच जाते हैं कि मोबाइल पर बजने वाली घंटी से भी डर लगता है. सारी कमाई ब्याज में चली जाती है. घर के खर्च चला पाना मुश्किल हो जाता है. एेसा पूर्व जन्मों से आई दूषित उर्जाओं के कारण होता है. जब कोई व्यक्ति आलोचनायें करता है तो ये उर्जायें विकराल रूप ले लेती हैं. और कर्ज के रूप में सामने आती हैं. इनसे मुक्ति का आज मै सरल उपाय बता रहा हूं. पहली बात को कर्ज में डूबे लोग आलोचनाओं से बचें. एेसा करने से कर्ज उतरने के आसान रास्ते मिल जाते हैं. पूर्व जन्मों से आई दूषित उर्जाओं का शमशान की उर्जाओं से शमन हो जाता है. शमशान की उर्जायें एेसी उर्जाओं को तोड़कर व्यक्ति के आभामंडल से निकाल देती हैं. शमशान की उर्जाओं का उपयोग करने के लिये वहां के पानी का उपयोग करना चाहिये. पानी स्थानीय उर्जाओं को अपने भीतर संचित कर लेता है. विधि.... शमशान जाने से पहले भगवान शिव को साक्षी बनायें. कहें- हे शिव आप मेरे गुरू हैं मै आपका शिष्य हूं, मुझ शिष्य पर दया करें. आपको साक्षी बनाकर मै कर्ज की दूषित उर्जाओं से मुक्ति हेतु एनर्जी गुरूजी द्वारा बताई विधि के मुताबिक शमशानी उर्जाओं का उपयोग कर रहा हूं. इसकी सफलता हेतु मुझे दैवीय सहायता और सुरक्षा प्रदान करें. फिर शमशान में जायें. वहां कुआं हो तो उसका जल किसी पात्र में भर लें. कुआं न हो तो नल का पानी ले लें. पानी लेते समय शमशान भूमि से जन्मों से आई दूषित उर्जाों को नष्ट करने का आग्रह करें. कहें- हे शमशान भूमि आप यहां मौजूद पवित्र पंच तत्वों की उर्जाओं का प्रयोग करके मेरे आभामंडल से जन्म जन्मांतर से आई दूषित उर्जाओं को समाप्त कर दें. इसके लिये मै आपके जल का उपयोग कर रहा हूं. मुझे इसकी अनुमति दें. शमशान भूमि का जल लेकर पीपल के किसी पुराने पेड़ की जड़ में चढ़ायें. जल चढ़ाते समय पीपल के पेड़ से आग्रह करें. कहें- दिव्य पीपल वृक्ष आपको प्रणाम है. मेरे द्वारा अर्पित जल को स्वीकारें और इसके माध्यम से मुझे कर्ज में डालने वाली उर्जाओं का निष्कासन करके उन्हें पाताल अग्नि में भेजकर नष्ट कर दें. प्रयोग पूर्ण होने के बाद भगदवान शिव को धन्यवाद दें. शमशान भूमि को धन्यवाद दें. शमशान जल को धन्यवाद दें. पंच तत्वों को धन्यवाद दें. पीपल के वृक्ष को धन्यवाद दें. विधि से अवगत कराने के लिये मुझे धन्यवाद दें. ये बहुत जरूरी है. अन्यथा दूषित उर्जायें पुनः आभामंडल की तरफ आकर्षित होने लगती हैं. विधि बताने के बदले में मेरी दक्षिणा के रूप में हर बार किसी एक जरूरतमंद मजदूर को खाना खिलाना है. प्रयोग आठ शनिवार लगातार करें. आलोचनाओं से मुक्त रहकर किया गया ये प्रयोग कभी निष्फल नही जाता. सबका जीवन सुखी हो, यही हमारी कामना है.