देव शक्तियों को भी सम्मोहित करने में सक्षम सम्मोहन साधना/अधिक लाभ के लिये कच्चे सूत से उर्जित करें
सभी अपनों को राम राम जो साधक 22 व 23 अप्रैल को मुम्बई में मेरे साथ सम्मोहन साधना करना चाहते हैं. वे अपने मोहिनी रुद्राक्ष को आज रात गंगा जल या मिनिरल वाटर में रख दें. उसे परसों सुबह निकालकर 1 घंटे के लिये धूप में रखकर चार्ज कर लें. ये साधना देव शक्तियों को भी सम्मोहित करने में सक्षम होती है. सामान्य स्थितियों में इसकी सिद्धी में डेढ़ से तीन साल का समय लगता है. यदि इसे मोहिनी गुटिका या मोहिनी रुद्राक्ष के साथ किया जाये तो तत्काल सिद्ध हो जाती है. दरअसल ब्रह्मांड के एक क्षेत्र की उर्जाओं में सम्मोहन की बड़ी क्षमता है. सम्मोहन साधना में साधक खुद को इसी क्षेत्र की उर्जाओं से कनेक्ट करता है. इसी प्रक्रिया में लम्बा समय लगता है. एेसे में पहले से सिद्ध यानि ब्रह्मांड के सम्मोहन क्षेत्र की उर्जाओं से कनेक्ट मोहिनी गुटिका या मोहिनी रुद्राक्ष को साधना का माध्यम बनाया जाता है. जो उसी क्षण साधक को उस क्षेत्र की उर्जाओं से जोड़ देता है. पहले किसी साधना में यूज हो चुके मोहिनी रुद्राक्ष को ऊपर लिखी विधि अपनाकर दोबारा सम्मोहन साधना के लिये तैयार किया जाता है. जो लोग अपने घर में रहकर सम्मोहन साधना कर रहे हैं वे भी इसी विधि से अपने मोहिनी रुद्राक्ष को दोबारा उपयोग के लिये तैयार कर लें*
1. सम्मोहन का दुरुपयोग बिल्कुल न करें. 2. अधिक से अधिक उपयोग के लिये इसे पशु पक्षियों पर अपनायें. जो विधि कल बताई गई उससे आस पास बैठे पक्षियों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिये प्रयोग करें. 3. कुछ ही समय में आप पाएंगे कि सिद्धी का प्रयोग करते ही पक्षी आपकी तरफ आकर्षित होने लगे. 4. पेड़ पौधों के आकर्षण के लिये भी इसका उपयोग कर सकते हैं. इससे वे साधक को अधिकाधिक उर्जायें देने लगते हैं. 5. सम्मोहन सिद्धी का जितना अधिक प्रोय करेंगे उतनी शक्तिशाली होती जाएगी. 6. दिल के मरीजों पर सम्मोहन सिद्धी का उपयोग अधिक न करें. यदि उनसे कोई काम अटका पड़ा है तो सिर्फ एक बार प्रयोग करके परिणामों का इंतजार करें. अन्यथा उनका रोग बढ़ सकता है.
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कई बार व्यापार में एक के बाद एक रुकावटें आने लगती हैं. कुछ लोग बड़ी मेहनत लगन और निष्ठा के बाद भी व्यापार में लाभ नही कमा पाते. एेसे में मन बिगड़ जाता है. निराशा परेशान करती है. डिप्रेशन हावी होने लगता है. घर के खर्च मुश्किल हो जाते हैं. हर वक्त तनाव और चिंता छायी रहती है. मेहनत करते रहें साथ में अपने कारोबार का नियमित उर्जन करें. तो लाभ होने लगता है आज मै व्यापार के उर्जन हेतु सरल और घरेलु उर्जन उपाय बता रहा हूं. असंख्य लोगों ने इसका लाभ उठाया है.
1. प्रयोग शुक्रवार को करें. 5 हाथ लम्बा कच्चा सूत लें. उसे फोल्ड करके एक फुट का कर लें. उसके बाद उसे केसर से रंग लें. 2- पूरे प्रयोग के दौरान मानसिक रूप से *महालक्ष्मै नमः* मंत्र का जप करते रहें. 3. भगवान शिव से व्यसायिक उन्नति प्रयोग में साक्षी बनने का आग्रह करें. कहें- *हे शिव गुरू आपको मेरा प्रणाम है. आपको साक्षी बनाकर मै व्यसायिक उन्नति प्रयोग सम्पन्न कर रहा हूं. इसकी सफलता हेतु मुझे दैवीय सहायता और सुरक्षा प्रदान करें*. 4. केसर से रंगे कच्चे सूत से व्यापार उर्जन का आग्रह करें. कहें- *हे दिव्य उर्जन सूत्र आप ब्रह्मांड में महालक्ष्मी की दैवीय उर्जाओं के साथ जुड़ जायें. उन्हें आकर्षित करके अनवरत मेरे व्यापार स्थल में स्थापित करें.* 5. अपने व्यापार स्थल से उन्नति का आग्रह करें. कहें- *मेरे व्यवसायिक स्थल आप शिव कृपा से ब्रह्मांड से महालक्ष्मी की उन्नति कारी धनदायी उर्जाओं को ग्रहण करके अपने अंदर स्थापित करें. और मेरे कारोबार को उत्तरोत्तर उन्नति प्रदान करें.* 6. उसके बाद कच्चे सूत को अपने व्यवसायिक स्थल एेसी जगह रखें. जहां लोग उसे बार बार छुवें नहीं. 7. धागा स्थापित करने के बाद प्रयोग की सफलता हेतु भगवान शिव को धन्यवाद दें. मां लक्ष्मी को धन्यवाद दें. केसर प्रदान करने हेतु प्रकृति को धन्यवाद दें. उर्जाओं से लिंक करने हेतु पंचतत्वों को धन्यवाद दें. धरती मां को धन्यवाद दें. व्यापार स्थल के वास्तु देव को धन्यवाद दें. स्थान देव को धन्यवाद दें. ग्राम देव को धन्यवाद दें. विधान से परिचित कराने के लिये मुझे धन्यवाद दें. प्रयोग को लेकर कोई संसय हो तो मृत्युंजय योग की हेल्पलाइन पर काल कर लें. *सबका जीवन सुखी हो यही हमारी कामना है.*