जय शिव शम्भू PART-03
"प्रेम का सागर" ...by Neeha
मेरी चाहत थी गंगा सी, वो सागर में समाँ जाती,,
मगर मैं ढूंढती कब से, कि सागर कौन है मेरा,
मुझे आवाज सी आती, मैं उसकी धुन में खो जाती,
सुनो प्रियतम, सुनो मोहन, सुनो प्रभु ,
प्रेम का सागर, मेरी आँखों मे है...
प्रभुवर तुम्हारी एक सुरतिया सी,
ना "मोहन" हो मेरे प्यारे ,ना तुम "शिव" से ही लगते हो,
ना जाने फिर भी क्यों हमको, तुम्ही तुम सबमे दिखते हो,
कदम जब तुम उठाते हो, मेरे भी पैर चलते है,
मुझे महसूस होता है, कहीं घूँघरू से बजते है,
मैं देखूँ जब मेरे आगे ,ना दिखता कुछ भी है पीछे,
ना जाने तुम कहाँ से, हे प्रभु बस आ ही जाते हो,,
मेरी तुम बंद आँखों में ,बहुत सुन्दर से लगते हो.,
मगर जब आँख खुलती है, कहीं तुम खो से जाते हो,,
मैं चाहूँ बस यही प्यारे, खुली जब आंखें हो मेरी,
तुम मेरे पास रह जाओ..,
मुझे ना फ़िक्र हो तन की, ना मेरा मन यें बिचलित हो,,,
मेरे तुम पास बैठें हो, मुझे महसूस हो हरदम,,.....
मेरे तुम हर अकेलेपन की ,एक घूँटी सी बन जाओ,,,
मै जब सोचूँ मैं तन्हा हूं, तुम मेरे पास आ जाओ,,
जहाँ मैं ख्वाहिशेँ टांगू, तुम वो खूंटी सी बन जाओ,,,
मेरी आँखों से जो निकले, वो आँसू पोंछ दो आकर,,,
नहीं सुनता कोई मेरी.. मुझे तुम सुनलो आकर के...
मैं रोती हूं अकेले में, मगर साथ सबके हंसती हूँ...
मेरे होठों को मत देखो, हंसी यें झूठी लगती है,,,.....
मेरी आँखों में बस झांको, जो कभी ना झूठ कहती है,,
जो सागर है तेरे अंदर, मुझे उसमे बहा ले जा,
तू आना एक दफा हमदम, मैं सब कुछ छोड़ चल दूंगी..
🙏 "शिवोहम "🙏 जय शिव शम्भू 🙏
"बंधन" .........Written by Neeha Shukla!
ना बांधो बंधनों मे अब, मुझे अब खोजना "शिव" है,
मुझे है जानना सब कुछ, कहो मैं कौन हूं प्यारे,
कहाँ से आ गयी हूं मैं, मुझे सब कुछ बताओ तुम,
मैं जानूँ सिर्फ इतना ही,
मैं तो हूँ एक ज्योति ,जिसको ज्वाला मे मिलना ही है..,
मगर मैं राह क्या चुन लूँ, मुझे इतना तो समझाओ,
मैं पहले से ही उलझी हूं, मुझे अब और ना बांधो,
नहीं बंधन से भागूँगी अगर तुम हाथ थामोगे,
मुझे वो सब बताओ ना, जो तेरे पास ले आये,
सभी कहते है तुम कण - कण मे बसते हो,,
मेरे अंदर भी रहते हो, मेरे बाहर भी रहते हो ,
मुझे अंदर तो मिलते हो,मगर बाहर नहीं मिलते,,
मैंने एक राह थामी है ,वहाँ हर पल नहीं दिखते,,
मैं कैसे हर कदम समझूँ ,तुम्हारे साथ ही तो हूं,
ना ही कंगन मे बजते हो, ना ही पायल कि धुन मे हो,
मगर है शुक्र फिर भी प्रभु,
मेरी साँसो कि सरगम मे, तुम्ही तुम ही तो बस्ते हो,,,
सच है सदा से एक ही,..ना रंग ना कोई रूप है..
ईश्वर सभी का एक ही,.नजरों से क्यों फिर दूर है,.
है ढूंढना, मिलना तुम्हे,. हर दिल यहाँ मजबूर है,,,
🙏 "शिवोहम "🙏 जय शिव शम्भू 🙏
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🙏"""मेरे साथ चल"""🙏 .......Written by Neeha Shukla!
मेरे साथी सुनो मेरी, मेरे तुम साथ चल दो अब,...
वहाँ पर ले चलूँ तुमको जहाँ सब एक ही तो है,...
जहाँ नदिया का जल भी तुम, वहाँ पूनम की लाली तुम,
वहाँ मौसम बदलते तुम, वहाँ की हर अदा मे तुम.,,
नहीं कुछ भेद चेहरों मे वहाँ, सब आत्मायेँ है ,....
मगर प्यारे सुनो मेरी ...मेरी एक बात मानो तुम,,
उड़ा दो सब गमों को तुम, वो जैसे आसमानों पर धुँआ हो उड़ गया,....
फिर मेरे साथ चलने को ,वो जनम बैन्गनी सी तुम चुनरिया ओढ़ लो,.....
और मेरी ओर देखो तुम, मुझे पहचान लो....
जला दो बंधनों को तुम ह्रदय थाम के,
फिर समझ आएगा ,क्यों थे तुम बंधे,.....
भूलकर खुद को ,मेरी तुम ओर देखो,....
नहीं आये थे तुम इनके लिए, जिनके लिए तुम मर रहे,...
तुम तो सदा से हो मेरे, मेरे लिए ही आये हो,,.....
पूछते रहते हो हरदम क्यों जिस्म हमको दे दिया,,
तो सुनो पूरी करो वो दास्तां, जो थी अधूरी रह गयी,.....
फिर बह चलो तुम सँग मेरे,...
मैं चाहता हूँ आजकल, दुनिया यें दूनती रहे,
और तुम गंगा सी, सागर मे समा जाओ,..
मेरे साथ चलते- चलते,, मेरे साथ चलते - चलते
🙏 "शिवोहम "🙏 जय शिव शम्भू 🙏
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🙏""""""मेरा चाँद"""""🙏
जिद है मेरी बस एक ही, पाना मुझे वह चाँद है,
दूर हाथो से मेरे, दिल के बहुत ही पास है,
देखूँ मैं उसको रोज ही, पाना मगर एक ख्वाब है,
वह तो सांसों से जुड़ा, फिर मैं गिला किससे करूँ,
खुद से शिकायत जब करूँ, दिल यह कहे उसे भूल जा,
बेचैन धड़कन फिर कहे, तू जा निकल और पा ले उसको,
जो तेरा एक ख्वाब है,
जिद है जरुरी जानें जा ,जीने कि यह एक आस है,
जिन्दा हो तुम यह जान लो, जिद को पकड़ कुछ ठान लो,
पाना है गर उस चाँद को, तो चांदनी को जान लो,
वह बंद हो पहरों में ,फिर भी जाओ और पहचान लो,
जीने की एक ही वजह काफी है, गर उसमे वफ़ा,
पर वफ़ा किसके लिए, पहले तो तुम यह जान लो,
तुमने जो ठाना, एक ठिकाना वो है,
सही या है गलत, यह जान लो,,
मरना तो सबको एक दिन ,जीना बड़ा मुश्किल यहाँ,
जीने कि जिद पकड़ो यहाँ, चलते रहो - चलते रहो,
जाना कहाँ यें जानकर,,,,,,,
रास्ते कठिन यह मान लो, पर चाँद, की खातिर तुम्हे सूरज,
में जलना ही होगा, तो ठान लो, फिर जान लो होगा मिलन,,
"पृथ्वी" का अब उस "क्षितिज" से,
🙏 "शिवोहम "🙏 जय शिव शम्भू 🙏
🙏"" जुदा हो गए ""🙏
मैंने सुनी थी, " एक दास्तां" आओ सुनाऊ मैं तुम्हे,,
दादी मेरी कहती थी, हरदम, देखो जरा उस चाँद को,
हाथों को अपने तुम बस उठाओ, छू लो तुम उस आकाश को,,
सच्ची सी बातें थी सभी.. .
तब चाँद भी मेरा ही था, और चांदनी भी थी मेरी,
देखा था मैंने तब हजारों ही दफा उस चाँद को,
सुन्दर बहुत लगता था, थाली में उतर आता था वो,
तब था मेरा सब कुछ ही, जब दादी सुनाती थी कथा,,
तब पँख भी मेरे ही थे, और आसमाँ भी था मेरा..
थी बहुत प्यारी सी वो गोदी ,जो मेरे पास थी,
तब तो लगता था मुझे, दुनिया में बस इतना ही है..
मगर जब धीरे - धीरे हम ,बड़े थे हो गए..
देखते थे मुड़के जब, सब किस्से झूठे हो गए,,
बस सच तो था इतना ही बस,, कि अब बड़े तुम हो गए,
फिर दूर सब किस्से हुए,, जैसे मेरे हिस्से हुए,,
सबसे था बनता तब मुझे,कुछ ना खबर कितने हिस्से हुए,,
मगर कुछ ऐसा लगा, मेरे अपने ही मेरे दुश्मन हुए,,
जब टूटा भरोसा, और टूटी मैं,,,
तब समझ आया मुझे, क्या खूब बोला है किसी ने,,,
देख जब सकते ना थे हम,, सामने बैठें रहे तुम,,
आँखों में जब नूर आया ,भीड़ में तुम खो गए,
हमने दर्दों को समेटा, हर ख़ुशी बिखरा डाली,,
तुमने खुशियों को समेटा, दर्द सारे बो गए,,
आज जब सोचूँ तो लगता है...
सही था, कि हम जुदा थे हो गए,,!
🙏 "शिवोहम "🙏 जय शिव शम्भू 🙏
🙏" वो आपकी बातें"🙏
कुछ ना सही, कुछ ना गलत, तुमने कहा था, एक दिन,.....
सबकुछ सही, सबकुछ गलत, गर उसमे कोई हद ना हो,....
तुमने कहा था सीख लो, जीना यहाँ सब छोड़कर,,,
छोड़ो यें दुनिया सँग चलें, पीछे तुम्हारे हम चले,
क़दमों के जो थे, वो निशा,मंजिल पे जाकर मिट गए,
रस्ते बहुत आसान थे ,तुम सँग चले थे जब मेरे,,,
तुमने कहा अब लौट जा, यादों को मेरी दे भुला,
ज़ब देखा पीछे मुड़कर, तो बेबस सा एकदम मैं खड़ा,,,
तुमने कहा अब ढून लो, अंदर तेरे मैं हूं बसा,
मैं जानती थी,, सच है यह,फिर भी नहीं जाना मुझे है अब कहीं,,,
तुमसे जुड़े है इसकदर, मेरे रास्ते वो हमकदम,,,
जैसे जुडी है सांस, इस जीवन से वो जानेजिगर,,
विश्वाश मेरा मान लो, मैं सच कहूं यें जान लो,,
जाओगे तुम जो इस कदर ,हमको अकेला छोड़कर,,,
मर जायेंगे यूँ ही सनम ,एक बार तुमको देखकर,,,
हम जानते है सबकुछ मगर, मेरी भी है, मजबूरियां,,,
मुश्किल बहुत यह दूरियां,,,
फिर भी तुम इतना जान लो,यादें मेरे कुछ पास है,,
उनमे तेरा अहसास है,दिल में बसी एक आस है,,,
"""" शिव """" पर मुझे विश्वाश है,,
पूरी होंगी वोह हर दुआ, दिल में जो तेरे है बसी,,,
प्यास जो आँखों कि है, अब वोह पलक तक आ गयी,,,
पँख भी है पास तेरे,, अब हवा बांकी है बस...
फिर दूर तुम आकाश में,, हम ताकते तुमको रहेंगे,,, ,
🙏 "शिवोहम "🙏 जय शिव शम्भू🙏
""" बहुत मासूम सी है वो"""❤
एक मासूम सा मुखड़ा, मेरे अब ख्वाब में आने लगा,,,
कहाँ से अब बताऊँ मैं, समझ में ही नहीं आता,,,,
बहुत प्यारी लगे मुझको उसकी तो बातें सभी,
ग़म भुला देने लगीं अब वोह मुलाकातें सभी,
खुद समझ आता नहीं है, क्या बताऊँ अब किसी को,,
कोई ना समझेगा इसको,, क्या यें हमको हो रहा है,,
हम किसी के हो रहे है,, या कोई मेरा हो रहा है,,
बस मेरा दिल बोलता है, सच्चाई उसके शब्दों में,,
मोहोब्बत दिल में बसती है....मुझे हर बार लगता है,,
बड़ी ही फ़िक्र करती है,,बहुत मासूम ऑंखें है,,
उन्ही में ग़म छुपाती है,,, बहुत मासूम सी बातें मेरे दिल को लुभाती है,,
दर्द जब होता उन्हें,, तो ऐसा लगता है मुझे,
ग़म नहीं कोई भी है अब, एक तेरे आँशू से बढ़कर,
मगर जब मुस्कुराती है, खुशी दुगनी सी होती है,,
और तो क्या - क्या कहूं उस पागल सी लड़की को,
बहुत मासूम है हरपल उसे कोई ना समझेगा,
मैं कितना भी बतालू अब, मेरा बस रब ही मानेगा,,
मेरा दिल चाहता है अब,, ख़ुशी अपनी उसे दे दूँ,
गमों को और चुरा लूँ मैं,
हँसे जब सामने मेरे, यूँ ही बस मुस्कुरा दूँ मैं,,,
मैं त्याग दूँ सबकुछ ही गर वो कहे मुझे प्यार से,
❤️❤️❤️❤️ ❤️
रोने में भी प्यारी लगे,,,,,,,,,, हँसने में भी अपनी लगे,,,,,,,,,,,,,
गाने में छोटी सी परी,,,,,,,,,,,,,, पर ज्ञान की बातें करे,,,,,,,,,,,,
मैं प्यार जितना दूँ उसे,,,,,,,,,,,,,, उतना ही दाँटे वोह मुझे,,
मगर एक फर्क हम दोनों में है,,,,, मैं उससे प्यार करती हूं,,
वो मुझपर हक़ समझती है,,, ❤️ ❤️❤️ 😜😜 वोह मेरी प्यारी है ,,,
🙏 "शिवोहम "🙏 जय शिव शम्भू🙏
"" सावन""
सावन का आना, हरियाली छाना, मेहंदी का लगना,
खुशबु का उड़ना, तुम्ही से है तुम्ही से है,,..........
हरी साडी बदन पर जब तुम्हारे ऐसे खिलतीं है...
मुझे लगता है, कुछ ऐसे, कहीं कोई मोरनी सी है,
खुले पंखो में वोह देखो,, है कैसे नाचती गाकर,,
उसी संगीत मे तुम भी हो,, जैसे झूमता सागर,.........
महक कुछ ऐसी आती है, हो सदियों से ही जानी सी,,
तेरी आँखों में जब देखूँ, तो लगता है मुझे ऐसे,
लहर कोई बहा ना ले,, लहर कोई बहा ना ले,,
तेरे मैं होंठ जब देखूँ,, लगे अब चूम लूँ इनको,,
तेरे हाथों कि मेहंदी में, मुझे रंग सारे दिखते है,,
कहूं क्या हाल होता है,, कि दिन में तारे दिखते है,,
मेरे हमदम चले आओ तुम्हे मेरा प्यार कहता है,,
कहूं जो मैं यहाँ तुमसे सुनो सब सच ही है मानो,,,,,
मेरी चाहत नहीं यारा, जो इस दुनिया में बस्ती है,,,,
मोहोब्बत ऐसी है, तुमसे समझ तुम भी ना पाओगे,,
मेरे दिल से निकलती है, तुम्हारा दिल ही समझेगा,,
नहीं बंधन कोई तुम पर, मुझे मुस्कान बस प्यारी,,,
यें सावन का महीना है यहाँ बिछड़े हुए मिलते,,,,
कभी जब तुम अकेले हो,, तो तुम यें सोचना जानम,,
कि दिल क्या चाहता है अब,,,,
तेरी आँखों में दिखता है,, भरोसा फिर भी कर लो ना,,
न हीं मैं झूठ कहती हूं,, इसे तुम जब भी समझोगे,, दुआ तुम शिव से मांगोगे,,
मेरे तू साथ रह जाये,, मेरे तू पास रह जाये,, ..
मैं फिर एक दफा तेरे पास में सावन सा आउंगा सनम,,,
🙏 "शिवोहम "🙏 जय शिव शम्भू🙏 ❤️ ❤️❤️
" वादा करो ""
मेरे साथ चलना तुम यूँही,, हाथों को मेरे थाम के,,
कुछ है नहीं, कल का पता,, जो आज है ,
इस पल में है, जीवन इसी का नाम है,,
हो अगर कोई दीवार भी,, जो बीच में अपने खड़ी,,
"शिव" को बना लो तुम गवाह, उसे तोड़ दो,, "
"शिव" की तरफ रुख मोड़कर,, कांटों भरा पथ छोड़ दो,,
जब हम रहें यू साथ में, खुशियों भरा हर पल ही हो...
तुझे वास्ता हर सांस का वादा करो,
मिलकर के तुम ना अब कभी होंगे जुदा,,
है खास तो हर दिन ही अब, पर खास वोह दिन भी तो है,,
आये थे जब तुम इस जहाँ में,, करने कमी पूरी खुदा की,,,
तो मान लो तुम रब से हो. है ना खबर, तुम कब से हो ,
बस रब से हो,, हर एक दुआ के बदले में...
हमको मिले उपहार से,, जब हमको लगा,,
अब है नहीं जीवन में कुछ भी तो बचा,,
जब हार कर बैठें अकेले, मरना ही था एक रास्ता,,
तुम आ गए, तब पास में, मुझको मिले ऐसे थे तुम,
जैसे कोई डूबा ही हो, उसको किनारा मिल गया,,,
है सुक्रिया तेरा सनम जितना करूँ वो कम लगे.......
❤️ ❤️❤️ जहाँ अहसास होते है, वहाँ शब्द नहीं होते,,
कुछ अहसास तो ऐसे भी है जिनके लायक कोई शब्द नहीं होता,,,
पर किसी ने कहा था अगर कुछ कहना हो तो आज ही कह दो... कल का कोई भरोसा नहीं है,
जब हम कीचड में फसे तो धक्का देने वाले बहुत मिले..
पर हाथ पकड़ कर बाहर निकालने वाला पहली बार मिला,,, ❤️ ❤️❤️
🙏 "शिवोहम "🙏 जय शिव शम्भू🙏 ❤️ ❤️❤️
❤️नये अंदाज से जीना वोह लड़की सीख लेती है ❤️ !!!!!!!!!
🙏नये अंदाज से जीना, वोह लड़की सीख लेती है,
बहुत है बावरे किस्से, बहुत नटखट सी बातें है,, ,
ख़ुशी के सब बहाने है, बहुत ही यें पुराने है,
लिखूं क्या इनके बारे में, इन्हे महसूस बस कर लूँ,,
लगे भर सी गयी हूं मैं,चमकते इन सितारों से,,
बताती जब मुझे हंसकर, लगे हरदम उसे सुनकर,,
भरा एक जोश है उनमे, बहुत ही खूबसूरत है,,
बताती है, मुझे अक्सर, वो किस्से कुछ पुराने से,
लगे सुनकर मुझे उनको, ये मेरा आज ही तो है,
कहानी उसके जीवन की जुबानी उसकी ही सुन लो,,
ना मेरी हैसियत ही यह, लिखूं कुछ उसके बारे में,
जब वोह छोटी सी लड़की थी,, तो वो यें जानती ना थी,,
यें जीवन चीज ही क्या है,,,
वो जी रही थी झूम- कर जीवन भरे दिल को लिए,,
हाथों से छूकर चाँद को,, फूलों को खिलता देखना,
बारिश कि बुंदेँ देखकर,, तितली के पीछे भागकर,
भंवरे कि गुंजन को सदा दिल में बसा लेती थी वोह,,
नये अंदाज से जीना, वो लड़की सीख लेती थी....
शब्द तो कुछ कम से है, महसूस तुम ज्यादा करो,,
वोह पापा कि परी बनकर, जमाना जीत लेती थी,
जमाने में सभी ऑंखें, जलन कुछ उससे खाती थी,,
वो आगे थी, समय से भी, थी दुनिया हाथ में उसके,
बहुत नाजुक था मन उसका, वोह सब महसूस करती थी,,,
नये अंदाज से जीना, वो लड़की सीख लेती थी,
खुली जुल्फों में जब भी वोह, गगन के नीचे होती थी,,
यें लगता था, उसे देखो, कोई तो अप्सरा सी है,,
मगर जब गुस्सा होती थी, तो सबको बचना पड़ता था,
कहीं कुछ मार ना दे वोह,,,
मगर हर हाल में हंसना, वो लड़की सीख लेती थी,,
बड़ी सुन्दर सी आँखों में, वो सपनों को छुपाये थी,,,
मगर जब पलकें उठती थीं, तो लगता था कहीं से तो, निगाहें हम पे आयी हैँ ,,
बहुत सुन्दर सा चेहरा था, बहुत मासूम ऑंखें थीं,,
गुलाबी होंठ थे उसके,, बहुत प्यारी सी बातें थीं,,,
वोह जैसे सावन आता था, घरों में झूले पड़ते थे,,
नयी सी कलियाँ खिलतीं थीं,, बहुत हरियाली छाती थी,,
"धरा" दुल्हन सी सजती थी, "गगन" जब दूल्हा बनता था,,
यही सब देखकर वो भी ख़ुशी से झूम उठती थी,,
नये अंदाज से जीना, वो लड़की सीख लेती थी,,
वो जब झूले पे जाती थी, गगन से फूल गिरते थे,,
वोह कुछ ऐसे महकते थे,,,
वो महक आज भी उसके,, हर एक लहजे में आती है,,
अलग वोह दुनिया से है,, अब,, मगर मेरी दुनिया है वोह अब,,, ❤️❤️
🙏 "शिवोहम "🙏 जय शिव शम्भू🙏 ❤️ ❤️❤️
बहुत सुन्दर यें दुनिया है,, मगर तुमसा नहीं कोई🙏🏾
जहाँ में सब तो अच्छा है, मगर तुमसा नहीं कोई,
लगे प्यारे थे तुम इतने, लगन तुमसे लगा बैठें,
मगर मैंने सुना हरदम, सभी के तुम नहीं होते,
हैँ कुछ ही खास किस्से जो, तू आकर पूरे करता है,,
मगर खुद के लिए सोचूँ, तो कैसे मैं भला सोचूँ,,
कि, तुम एक रोज आओगे कहानी पूरी करने को,
मेरा तो भाग्य ऐसा है, जिसे मैं मान लेती हूं कि मेरा प्यार है इनसे,,
वोह मुझसे दूर हो जाते है, कभी मेरे नहीं होते,
मैं कैसे अब बताऊँ कि ,मेरे तुम कौन लगते हो,,
मेरे "गोविन्द" हो तुम तो, मेरे तुम प्राण लगते हो,,
मगर डरती हूं मैं हरदम, कहीं मैं चाहकर तुमको,
खुदी से दूर ना कर दूँ,,
मेरा जन्मों का किस्सा है,, अधूरा तुमसे रिश्ता है,
मेरे आँसू मुझे कहते, कि तू अहसास कर इसका ,,
यहाँ पर भीड़ अपनों की, मगर अपना नहीं कोई,,
मगर मैं जानती तुमको, कि, तुम दुश्मन के भी अपने,,
मेरे "गोविन्द" हो जाते,,
फिर मैं तो तेरी बूंद हूँ, मेरे भी हो जाओ,,,
बना दो रास्ता कांटों का, मैं नंगे पाँव चल दूँ अब,,
मगर बस विनती है इतनी, मुझे रास्ता दिखाओ तुम..
जो रास्ता तुम तक ले आये....
🙏 राधे राधे 🙏राधे राधे 🙏
उसने जीना सीख लिया है ...by Neeha उनसे मिले थे एक दिन, देखा उन्हें बड़े पास से,,, क्या यें वही पागल सी है, जो जानती दुनिया न थी,, उसने कहा बोलो नहीं ,देखो मुझे बस देख लो... अपनों से भारी इस दुनिया में, खुद से ही हंसना सीख लिया है... मैंने अब जीना सीख लिया है, मैंने अब जीना सीख लिया है, वो पागल मासूम कली, जिसको कुचला था अपनों ने,, उसकी खुशबू ने अब जाकर, खुलकर के महकना सीख लिया, दबी रही हरदम मुझमे, एक चाह मेरे प्रियतम की सी, आज उसी पागल मैंने ,शिव को ही प्रियतम मान लिया,, दिल ने मेरे ये जान लिया है,, प्रियतम मेरा वो है सब कुछ, अब सखा भी उसको मान लिया है,, सबको मैं बोलू क्यों और क्या... जब सच को हमने जान लिया है, शिव को ही सब कुछ मान लिया है, वो पागल सच को जान गयी है,, दुनिया को अब पहचान गयी है,, भोली थी वो बचपन से ही,,सबने उसको पागल जाना, पर उसके उस भोलेपन के कारण ही तुमको आना है,, वो राह ताके कुछ कर न सके,,पर तुम तो सब कुछ कर सकते... उसको बस एक आस यही 🙏 "शिवोहम "🙏 जय शिव शम्भू 🙏
written by DIVINE SOUL मैंने जब चंदा को देखा,सूरत तुम्हारी बस दिखी,
सबने दुआएं मांग ली,पर हम वहाँ खामोश थे,,
हंसकर के उसने जब कहा, तुम भी तो कुछ अब मांग लो...
हमने कहा- जो मांगना था, वो सामने है,,
उसके सिवा कुछ और माँगा तो लालची समझें जायेंगे,,
काजल तेरी आँखों से जब बहकर मुझे छूने लगा...
मुझको लगा मैं जल गया,,,
पर था भरम वो तो मेरा, तूने मुझे ठंडा किया,,
आँखों में मेरी जलन थी,,
काजल तेरा सब सह गया,,,, काजल तेरा सब सह गया,,,
भीड़ में देखा तुझे पहचान तो झट से गए,
पर था पता कुछ लोग हैँ,,जीने तुझे देंगे नहीं...
जब नज़रे हटायी तुझसे तो,साया भी मेरा जल गया,,
मिट्टी सा मैं तो ढह गया,,,,
🙏 "शिवोहम "🙏 जय शिव शम्भू 🙏
❤कलरव❤....!
आज फिर चिड़ियों का वो कलरव सुनाई दे रहा है,,
बीते दिनों की याद फिर से आज हमको आ गयी है,,,
आज फिर दिल पर कोई दस्तक सी जैसे दे रहा है,,
आँखों से मेरी गुजर कर दिल में मेरे वो जा रहा है,,,
धड़कन में मेरी गर बसा,, तो छोड़ दूंगी यें समाँ,,
पहले मैं इतना जांन लूँ,, किस ओर से आया है वो,,
पीछा जो उसका मैं करूँ खो सा कहीं जाता है वो,,
वो धुन मेरे तो मन में है, डमरू में बसते नाद सी,,
उसकी ही धुन में खो रही. ये जानकर हैरान हूं,,
कारण भी उसका तुम हो, मंजिल भी मेरी तुम ही हो,,,
सांसों कि मैं माला बनाकर तुझको अब पहनउंगी,
जल जायेगा जब यें बदन तो पास तू आ जायेगा,,
जब तक जलूँगी मैं नहीं बस गीत तेरे गाउंगी,,
गीतों को तू स्वीकार ले,, तेरी सरण में आ गयी,,.
जोगन हूं यें कहती नहीं, तुम जानते मेरे दिल में क्या,
कोयल के उस संगीत में बसती हुयी धुन है कोई,,
पहचान कोयल की बनी संगीत से ,,,
पहचान मेरी भी बने वो नाम बस तेरी ही हो,, ...
कलरव सा तू दिल में बसें, वो बस जगह तेरी रहे,
ना और कोई आ सके, ना तू वहाँ से जा सके,,,,
कारण मेरी कविताओं का बस तुम रहो यू ही उम्र भर,,,,
🙏 "शिवोहम "🙏 जय शिव शम्भू 🙏
🙏🏾दो रास्ते🙏🏾
मेरे पास तो कुछ था नहीं, दो रास्ते थे दिख रहे,
किश्मत मे काली रात थी, अब दिन भी काले दिख रहे,
चाहत थी हो कोई एक तो, जो हमको समझें, बिन कहे,
पर "शिव" यहाँ दुनिया मे तेरी, काले मुखड़े दिख रहे,
हम भी पर कुछ कम न थे, जो तुमको उनमे ढूंनते ,,
वोह लोग तो कुछ और थे, जो दिखने मे तो काले थे,
सुन्दर सा दिल ले घूमते,, उनको न कोई बूझता,,
देखें सभी मुखड़े यहाँ, दिल को न कोई देखता,
हम बेजार थे, बेचैन थे तब रास्ते हमको दिखे,
दो रास्तों को देखकर, बेचैन सा मैं हूँ खड़ा,
आना मुझे तेरे पास है, रस्ता मुझे मालूम नहीं,
मैं किससे पूछूँ और क्यों, सबने यहाँ मुझको ठगा,,
उलझी हुयी मैं इस कदर, इन रिश्तों, और इन नातों मे,,
जैसे कोई मकड़ी यहाँ, खुद घर बनाकर फंस गयी,
मैं भी यहाँ पर हे प्रभु, अब चोट खाकर मर चुकी,
एक लाश को लादे हुए, मैं हर कदम हूं घूमती,,
पांच तत्वों से बनी इस देह का अब नाश कर दो,
अब हम भी तेरे कदम चूमें, ऐसा मेरा विश्वास कर दो,,
बनाते भी तुम हो, मिटाते भी तुम हो,
दो रास्ते दिखाते हो, और उन्हें मिलाते भी तुम हो,,
🙏 "शिवोहम "🙏🏾जय शिव शम्भू 🙏🏾 चितचोर.... तुम्हे महसूस होगा जब... ये दिल किसने चुराया है,
ना माखन चोर आया है, ना कोई शोर आया है,,
धड़क ये दिल रहा मेरा ,वही चितचोर आया है,
वो ऑंखें बंद जब मेरी, कहे हरदम सुनो प्रियतम,,
वो मेरी गोपियाँ ही क्या,
जो चोरी पर भी लड़ती हैँ,बिना चोरी के भी लड़ती,,
मेरा कान्हा मुझे कहती, मुझे पलकों तले रखती,
मुझे हैँ याद सब बातें ,कहे प्रियतम मेरे आके,,
जैसे दिल को चुराया था, मुझे भी अब चुरा लो तुम,
पलक ना झुक सके मेरी, मुझे आँखों मे भर लो तुम,,
मेरे मन को चुरा लो तुम ,मेरी सांसे चुरा लो ना,
मेरे चितचोर हो तुम, तो मेरा सब कुछ चुरा लो ना...
🙏 "शिवोहम "🙏🏾जय शिव शम्भू 🙏🏾
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