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कौड़ियों का क्या महत्व हैं?

  • Writer: Chida nanda
    Chida nanda
  • Apr 16, 2022
  • 12 min read

Updated: Apr 29, 2022


कौड़ियों का महत्व ;-

05 POINTS;-

1-विष्णु पुराण के अनुसार जब देवता दरिद्र हो गए तो उन्होंने समुद्र मंथन करने का निर्णय किया। समुद्र मंथन से 14 रत्न निकले तथा अनेकों उपरत्न भी निकले जिनका उपयोग आमजन अपनी जीवन स्तर को उठाने में करते हैं।देव और दैत्यों के युद्ध उपरांत अमृत प्राप्ति के लिए जब समुद्र मंथन हुआ था। तब उसमे समुंद्र से 14 रत्नो की प्राप्ति हुई थी … जिसमे भगवान विष्णु का पंच जन्य शंख निकले थे।और उसी के साथ रत्नो के रूप में अनेक रंगों की कौड़ियां भी निकली जिनमें काली कौड़ी बड़ी अनमोल थी।शास्त्रों के अनुसार कौड़ी के विषय में यह मान्यता है कि लक्ष्मी और कौड़ी दोनों सगी बहने है। कौड़ी धारणकर्ता की माँ के रूप में रक्षा करती है। बुरी नजर व संकटो से बचाने की इसमे अदभुत क्षमता होती है।वास्तु शास्त्र के अनुसार भवन निर्माण करते समय छत पर पहले कौड़ी डाली जाती है। फिर दरवाजे की चौखट के साथ भी सबसे पहले कौड़ियाँ ही बाँधी जाती है।

2-समुद्र मंथन के बाद जो चौदह रत्नों की प्राप्ति हुई थी जो निम्नलिखित हैं:-

1-हलाहल (विष)

2-कामधेनु

3-उच्चे: श्रवा (अश्व)

4-ऐरावत हाथी

5-कौस्तुभ मणि

6-कल्पद्रुम

7-रंभा

8-वारुणी (मदिरा)

9-लक्ष्मी

10-चन्द्रमा

11-पारिजात वृक्ष

12-पांचजन्य शंख

13-धन्वन्तरि (वैद्य)

14-अमृत

3-दुनिया के सबसे अमीर शहर समुद्र के किनारे ही बसे हुए हैं चाहे अमेरिका का न्यूयार्क हो या भारत की मुंबई जिसे इकोनॉमी सिटी कहा जाता है। दुनिया में अमीरी का रास्ता समुद्र से ही खुलता है। उसी समुद्र से जहां से संपन्नता निकली, मां लक्ष्मी जहां से आई वहीं से एक और चीज आती है जिसे हम कौड़ी के नाम से जानते हैं। मानव इतिहास में जब वस्तुओं का आदान प्रदान शुरू हुआ तो मूल्यवान वस्तुओं में कौड़ी भी हुआ करती थी। जिसे सिक्के या रुपए के अल्टरनेट के रूप में चलाया गया। भारत में 1930 से पूर्व मुद्रारूप में प्रचलन में थी। कौड़ी समुद्री कीड़े का अस्थिकोष है। इसे साइप्रिया या देवाधिदेव कहते हैं, इसकी आकृति शिव की जटाओं से मेल खाती है अतः इसे कपार्दिन भी कहते हैं।विश्व में 185 प्रकार की कौड़ियां होती हैं, जिनमें प्रिंस या राजा कौड़ी सर्वश्रेष्ठ है। कौड़ी मूल्यहीन है, किन्तु अपने गुणों के कारण अमूल्य बन गई है।

4-कौड़ी 5 प्रकार की होती है... कौड़ी सफेद, पीली, लाल, काली और नीली होती है।

सुनहरे रंग की { सिद्धि},धूमल रंग की {व्याघ्री},पीठ पीली व सफेद पेट {मूंगी},सफेद {हॅसी},चितकबरी {विदांता}

5-कौड़ी का खेल .. नेपाल में कौड़ियों का उपयोग जुए के खेल के लिए किया जाता है, जहां चार अलग-अलग सट्टेबाजों (और उनके अधीन उप-सट्टेबाजी) द्वारा कौड़ियों के 16 टुकड़े फेंके जाते हैं। यह खेल आमतौर पर घरों और सार्वजनिक रूप से दीपावली के हिंदू त्योहार के दौरान खेला जाता है। उसी त्योहार में इन कौड़ियों को देवी लक्ष्मी और धन के प्रतीक के रूप में भी पूजा जाता है। लक्ष्मी पूजा के दौरान कौड़ियों के खेल का अभ्यास काफी लंबे समय से प्रचलित है। इसकी परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। दृढ़ विश्वास यह है कि यह भाग्य और समृद्धि लाता है। लक्ष्मी पूजा के दौरान पुरी भगवान जगन्नाथ मंदिर में कौड़ी खेल अनुष्ठान अभी भी प्रचलित है।ओडिशा में देवी और कौड़ियां शांति, समृद्धि और धन की अग्रदूत हैं।कौड़ी खेल कई गांवों में पूजा का प्रमुख आकर्षण है। उम्र, जाति और पंथ की परवाह किए बिना सभी परिवार इसमें भाग लेते हैं। यह चार समूहों के बीच खेला जाने वाला एक विशिष्ट खेल है जिसमें प्रत्येक समूह में तीन सदस्य होते हैं। कौड़ियों को पासे जैसी शीट पर उछाला जाता है। कौड़ी के ऊपर और नीचे गिरने के बिंदु होते हैं। प्रत्येक ऊपर की ओर गिरने के लिए, अतिरिक्त अंक होते हैं जबकि नीचे की ओर गिरने से अंक प्राप्त नहीं होते हैं। उनके लिए कौड़ियां शुभ प्रतीक हैं। लक्ष्मी पूजा के बाद उनको सावधानी से संरक्षित किया जाता है।

कौड़ियों को अभिमंत्रित सिद्ध करने की विधि ;-

04 FACTS;-

1-पीली कौड़ी;-

कौड़ियों को प्रयोग में लाने के लिए पहले उन्हें सिद्ध करना जरूरी है। यहां पर सबसे पहले पीली कौड़ी उसे सिद्ध करने का मंत्र भी बताया जायेगा ।कुबेर के निम्न मन्त्र से अभिमंत्रित सिद्ध कौड़ी बनती है।सबसे पहले किसी शुभ मुहूर्त में पाँच या सात धनलक्ष्मी कौड़ीअथार्त लाल कौड़ी तथा पीली कौड़ी जिसे राजा कौड़ी कहा जाता है खरीद लाएं। फिर इनको गंगाजल में धो कर साफ़ बर्तन में पीला कपड़ा बिछाकर पूजाघर में रख दें। नित्य प्रातः स्नान आदि करके भगवान की पूजा के बाद कौड़ियों की भी पूजा करें तथा निम्न मन्त्र का 108 बार यानि 1 माला रुद्राक्ष की माला से जप करें :- मंत्र: ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रवाणाय, धन धन्याधिपतये धन धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा। यह उपाय आपको तीन माह तक करना है। जब तीन माह हो जाएं तो यह उसी पीले कपड़े जो की अपने कौड़ियों के नीचे बिछाया था में बांध कर कौड़ियां अपनी तिजोरी में या जहां आप पैसा रखते हैं वहां रखें। इस उपाय से जीवनभर आपको पैसों की कमी नहीं होगी। उपाय शुक्ल पक्ष के किसी शुभ दिन से ही शुरू करें।लाल कपड़े में 5 पीली बड़ी कौड़ी दीपावली की रात्रि में अपनी पारम्परिक पूजा-मुहूर्त में लक्ष्मी जी के चरणों में रख दें। एक माला मंत्र, 'ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सौः '' की जप करें। प्रातः यह पोटली बनाकर अपनी तिजोरी में रख लें। धन लाभ का यह एक अच्छा उपक्रम सिद्ध होगा।

2-काली कौड़ी;-

1-शनिवार [8 ]से लेकर या 4 अमावस्या के दिन सायंकाल को श्री शनिदेव के मंत्र ॐ शं शनेश्चराय नमः से 108 बार जप कर शनिदेव मन्दिर में जाकर तेल का दीपक जलाकर उसके साथ उनके चरणों में अर्पण करने से श्री शनिदेव की ढईया या साढ़े साती का नकारात्मक प्रभाव कम होकर विशेष कृपा प्राप्त होती है।वैसे भी इस मंत्र से काली कौड़ी को जपकर सिद्ध करके अपने गले या बाह में पहन लिया जाये तो भी व्यक्ति की सभी प्रकार से रक्षा होकर कल्याण होता है।

2- वास्तव में,कालरात्रि देवी /काली माता या शनिदेव के विभिन्न रूप ही सभी तांत्रिक शक्तियों के स्वामी और रक्षक देव है।यो केवल इसके 1 माला यानि रुद्राक्ष की माला जपकर कौड़ी पर अपनी मनोकामना कहते हुए 9 बार फूँक मारना और फिर एक काले रंग के कपड़े में बांधकर नीचे लिखे उपाय करने से आपका कल्याण होगा।काली कौड़ी का गुप्त सिद्ध शावर मंत्र है:-

कौड़ी कौड़ी काली कौड़ी

मंत्र सिद्ध तू भाग को मोड़ी।

शत्रु मिटे घर रक्षक तुझ आन

कालरात्रि संग तू लक्ष्मी जोड़ी।।

3-धन की प्राप्ति के लिए पूर्णिमां की या अक्षय तृतीया की रात में और शनिदेव की महाकृपा ,भाग्य व्रद्धि से लेकर तांत्रिक अभिचार की समाप्ति के लिए अमावस्या की रात्रि को किये जाने वाला विशेष प्रयोग इस प्रकार से है ...

पूर्णमासी की रात 8 बजे के करीब नौ लाल रंग के या पीले रंग के गुलाब के फूल और साथ ही नौ पीली बड़ी कौड़ी और 9 काली कौड़ियां के साथ एक–एक गुलाब पुष्प पर..ये शाबरी मंत्र जप करते हुए उन्हें अभिमंत्रित करें., और लाल रंग के कपड़े में बांधकर उसी समय या अगले दिन प्रातः अँधेरी ही जाकर अपनी दुकान, कार्यस्थल पर रख देने से आप देखेंगे कि- उसी दिन से आपकी आय या धन व् कार्य में दिन पे दिन वृद्धि होने लगेगी।

3-1-अमावस्या की रात्रि 10 से 1 बजे के बीच कभी भी एक काली कौड़ी तथा कनेर का एक फूल या गुड़हल का एक फूल या मालती पुष्प की जड़ को पीले कपड़े में बांध करके उसे इसी मंत्र से अभिमंत्रित कर ताबीज़ की तरह अपने गले या सीधी बांह में धारण कर लेंने से सभी प्रकार के क़र्ज़ से मुक्ति ,भाग्य बन्धन खुलकर शनिदेव की कृपा और अच्छी प्रकार से धन की व्रद्धि होती हुयी सभी प्रकार के पद प्रतिष्ठा आदि में लाभ प्राप्त होता हैं।

NOTE;-

यदि कोई विश्वासी अपने गुरु मंत्र के जप से भी किसी भी वस्तु को अपने ध्यान में रखकर सिद्ध करेगा तो वही वस्तु उसका मनोरथ पूर्ण करती है।सबके मूल में होता है ...अपने मंत्र और शुभ संकल्प में पूर्ण विश्वास।जोकि तीन नियम से आता है ...

1-कोई भी गुरु या इष्ट या माता पिता व् बन्धु और किसी भी प्रकार की जनसेवा निरन्तर सेवा करने से।

2-कल्याण और धर्म वृद्धि को निरन्तर निस्वार्थ भाव से अधिक से अधिक दान करने से ।

3-अधिक से अधिक अपने गुरु और इष्ट मंत्र का जप करते हुए नियमितता रखना ही तप के प्रभाव से सभी भौतिक और आध्यात्मिक मनोरथ सम्पूर्ण होते है।

4-आजकल बाजार में कुछ लोग फाइबर प्लास्टिक की कौड़ियां बेच रहे हैं। जो दिखने में हूबहु कौड़ी की तरह दिखती हैं।उससे सावधान रहें और परख कर लें ..तभी आपको मनवांछित सफलता मिलेगी।

3-लाल कौड़ी ;-

वैसे तो यह कौड़ी मिलना मुश्किल है, लेकिन भाग्य से जिसे मिल जाए वह कुबेर के समान धनपति हो जाता है।जिस तरह पीली कौड़ी होती है उसी तरह लाल कौड़ी भी होती है।ये कौड़ी कोको कोला रंग की होती है।लाल कौड़ी के बारे में कहा जाता है कि यह यक्षराज कुबेर के सिंहासन में जड़ी हुई थी।लाल कौड़ी को प्रयोग करने से पहले उसे सिद्ध करना जरूरी होता है। बिना सिद्ध किए वह अपना प्रभाव नहीं दिखा पाती।उससे पहले यह एक सामान्य कौड़ी ही है।लाल कौड़ी को सबसे पहले तांत्रोक्त मंत्रों से सिद्ध किया जाता है। लाल कौड़ी को दीपावली की रात में लक्ष्मी के तांत्रोक्त मंत्रों से सिद्ध किया जाता है। दशांश हवन किया जाता है और फिर प्रयोग किया जाता है।इसको सिद्ध करने के लिए अमावस्या का दिन सर्वश्रेष्ठ माना गया है। अमावस्या की रात्रि से प्रारम्भ कर अगली अमावस्या तक 1008 श्री सूक्त के पाठ करने से यह सिद्ध हो जाती है। श्री सूक्त माँ लक्ष्मी का पाठ है।सात लाल कौड़ी पर किसी भी अमावस्या की रात्रि में 108 श्रीसूक्त के पाठ करके सिद्ध करें। इन पर केसर का तिलक लगाएं और लाल कपड़े की थैली में बांधकर घर की उत्तरी दीवार पर लटका दें। इससे धन की आवक बढ़ जाती है और कुछ ही वर्षों में व्यक्ति गरीब से करोड़पति बन जाता है।लाल कपड़े में ग्यारह कौड़ी लपेटकर अपनी पूजा में स्थापित कर लें। नित्य मंत्र, ''ऊँ श्री महालक्ष्म्यै नमः'' का जप किया करें धन लाभ का यह एक अच्छा उपक्रम सिद्ध होगा।ब्राह्मण ''ॐ ह्रीं पद्मावति त्रैलोक्य वार्ता कथय कथय ह्रीं स्वाहा'' की एक माला मंत्र जप करें ।लाल /पीली कौड़ी को अक्षय तृतीया में भी अभिमंत्रित किया जा सकता है।

NOTE;-

काली कौड़ी, लाल कौड़ी और चितकबरी कौड़ी एक ही है। केवल प्रयोग विधि अलग - अलग है।

राजा कौड़ी की प्रयोग विधि:-

राजा कौड़ी पीली और काली कौड़ी को कहा जाता हैं।कौड़िओं के कुछ अनुभूत प्रयोग जिनसे आप अपने घर की समस्याओं का समाधान कर सकें .... 1-मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनके साथ 11 कौड़ियों की भी पूजा करें। इन कौड़ियों को पीले रंग के कपडे में बांध कर अपनी तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होगी आपकी तिजोरी हमेशा पैसों से भरी रहेगी।सिद्ध लाल कौड़ी को लाल रेशमी कपड़े में बांधकर घर की उत्तर दिशा में रखी तिजोरी में रखने से व्यक्ति धनवान बनता है।लाल कौड़ी को सोने की चेन में डालकर पेंडेंट की तरह पहनने से व्यक्ति पूरी दुनिया को सम्मोहित करने की शक्ति प्राप्त कर लेता है। ऐसा व्यक्ति समाज का सर्वप्रतिष्ठित व्यक्ति बनता है और उसकी ख्याति चारों ओर फैलती है।

2-अपने घर में सुख समृद्धि लाने के लिए अपने घर के मुख्यद्वार पर 11 कौड़ियों को लाल कपडे में बांध कर लटका दें। ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि तो आती ही है साथ ही आपके घर में कोई भी नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती है।

3-अगर आप बुरी नज़र से अपना बचाव करना चाहते है तो एक पीले रंग की कौड़ी को अपने गले में ताबीज की तरह पहनें। ऐसा करने से कोई भी बुरी नज़र आपको छू भी नहीं पाएगी।

4-अगर आप सावन महीने में अपने घर की उत्तर दिशा में 11 पीले रंग की कौड़ियों को हरे कपडे में बांध कर छुपा देंगे तो कुबेर प्रसन्न होकर आपको मालामाल कर देंगे।

5-नकारात्मक शक्तियाँ दूर करने के लिये: -

कौड़ी का यह उपाय आप नवरात्रि के दिन करे या फिर नवरात्रि को आप चूक जाए तो आप इस उपाय को दिवाली के दिन भी कर सकते हैं। लेकिन नवरात्रि में यह उपाय करना अत्यंत फलदायी होता हैं। इसलिए कोशिश करे कि यह उपाय आप नवरात्रि के समय ही करे। पाँच पीली कौड़ियाँ और पाँच हल्दी की गांठ ले, और इन्हें एक काले कपड़े में बांध कर घर, या व्यापारिक स्थल के मुख्य द्वार के ऊपर लटका दे।

6-धन प्राप्ति के लिए: -

लाल कपड़े में बंधी 2 अलग अलग अभिमंत्रित पीली कौड़ियां एक तिजोरी में रखें व दूसरी पर्स में रखें। सात लाल कौड़ी और सात गोमती चक्र को हर सिंगार की जड़ के साथ सिद्ध करके एक पोटली बनाकर घर की नींव में दबा दिया जाए तो उस घर में रहने वाले लोगों पर कभी भी गरीबी का साया नहीं पड़ता है। वह घर साक्षात कुबेर का भंडार बन जाता है। लाल कौड़ी को चांदी की डिबिया में रखकर अपने बिजनेस प्लेस या कार्यस्थल पर रखा जाए तो बिजनेस में कभी नुकसान नहीं होता। पूर्णिमा की रात में नौ लाल रंग के गुलाब के फूल, नौ लाल कौड़ी के साथ एक लाल रंग के कपड़े में बांधकर अपनी दुकान, कार्यस्थल पर रखें। फिर आय ही आय होगी।

7-सरकारी नौकरी पाने:-

व नौकरी में जल्द ही तरक्की हेतु शुक्रवार के दिन, शुभ महूर्त में, अभिमंत्रित 11 कौड़ी धागे में पिरोकर कलाई में पहने।

8-सर्व कार्य सिद्धि हेतु:-

अक्षय तृतीया पर अभिमंत्रित 3 कौड़ियां मौली में बांधकर बाजू में धारण करें।

काली कौड़ियो के प्रयोग ;–

इन कौड़ियों में श्रेष्ठ काली कौड़ी का उपयोग भाग्य के देव शनिदेव की कृपा तथा काली माता व् कालरात्रि देवी और महालक्ष्मी की प्रसन्नता प्राप्ति को अमावस्या या अष्टमी की रात्रि के 11 से 1 बजे के मध्य पूजन करके काले जादू की सभी तांत्रिक क्रियाओं और नजर आदि के तोड़ के लिए प्रयोग किया जाता है ।अब वर्तमान में बहुत से प्रयोग गुप्त और लुप्त भी हो गए है।उन्हीं में से कुछ प्रयोग यहां दिए गये है....

1-काले कपड़े में एक बड़ी काली कौड़ी बांधकर अपने व्यापार या ऑफिस में अपनी मेज की दराज में मंत्र से अभिमंत्रित कर रख लें,तो नजर लगनी बंद होकर धन और कार्य में बड़ी व्रद्धि होकर लाभ और सफलता की प्राप्ति होती हैं।

2- 2 या 7 काली कौड़ी, सात काली हल्दी की बिन टूटी गांठ को लेकर मंत्र से अभिमंत्रित करके एक काले रंग के कपड़े में बांधकर घर के दक्षिण भाग में या तिजोरी के दक्षिण भाग में रख यानि स्थापित कर लें।तो तांत्रिक असर समाप्त होकर आपके घर या ऑफिस में सदैव धन कार्य की व्रद्धि और आने वाले और परिजनों में प्रेम, स्नेह और भाग्योदय का वातावरण बना रहता हैं।

3-कोई व्यक्ति या स्त्री, कन्या या बच्चा यदि नींद में अचानक डर जाता हो, तो उसके सिरहाने एक काली बड़ी कौड़ी अभिमंत्रित करके सिरहाने रख दें।तो सभी प्रकार का नींद में डरना बंद हो जाता हैं ।

4-अपने घर या दुकान आदि का निर्माण करते समय उसके ईशान्य यानि उत्तर कोने की नीव में मंत्र से अभिमंत्रित 9 असली काली कौड़ियां दबा देने से सभी प्रकार के वास्तु दोष एवं उस जगह में होनेवाले सभी तांत्रिक क्रियाओं के निगेटिव असर और उनके दुष्परिणाम से सुरक्षा होकर घर कीलित होकर सुरक्षित रहता हैं।भवन निर्माण के समय ग्यारह कौड़ी तथा पांच हल्दी की गांठ एक काले कपड़े में बांधकर भवन के मुख्य द्वार पर लटका दें। नज़र दोष से भवन की रक्षा होगी।

कौड़ियां के अन्य प्रयोग;-

1-घर में कौड़ियां रखना बेहद शुभ होता है किसी शुभकाल में 11 धनदायक कौड़ियों को हल्दी से रंगकर पीले वस्त्र में बांधकर धन रखने के स्थान पर रखने से आर्थिक स्थिति में स्थिरता बनी रहती है। मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहें, इसके लिए धनतेरस के दिन चांदी की डिब्बी में 5 धनकारक कौड़ियां, कचनार के पत्ते व शहद के रखने से मां लक्ष्मी व कुबेर जी कृपा बनी रहती है।समृद्धि हेतु शुभ महूर्त में महालक्ष्मी का पूजन कर लाल कपड़े में बंधी 2 अलग अलग पीली कौड़ियां देवी पर चढाएं । एक तिजोरी में रखें व दूसरी पर्स में रखें।

2- महालक्ष्मी पर चढ़े व अभिमंत्रित कमलगट्टे, कौड़ियां, गोमती चक्र, मोती शंख व काली हल्दी गुलाबी कपड़े में बांधकर घर की उत्तरपश्चिम दिशा में छुपाकर रखें।

3-अटूट धन प्राप्ति हेतु दीपावली की रात्री महालक्ष्मी का षोडशोपचार पूजन कर केसर से रंगी कौड़ियां समर्पित कर पीले कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखें।

4-धन कुबेर की प्रसन्नता हेतु किसी श्रवण माह के सोमवार को 12 पीली कौड़ियां हरे कपड़े में बांधकर घर की उत्तर दिशा में छुपाकर रखें।

5-व्यवसायिक सफलता हेतु शरद पूर्णिमा की रात्री महालक्ष्मी का विधिवत पूजन कर 11 पीली कौडियों को चढ़ाकर ऑफिस में स्थापित करें।

6-गुप्त नवरात्र की अष्टमी के महूर्त में पूजा घर में 27 कौड़ियां स्थापित करें। इससे हर दिन (नक्षत्र) में घर में लक्ष्मी का वास होता है।

7-नौकरी में सफलता हेतु शुक्रवार के दिन शुभ महूर्त में महालक्ष्मी पर चढ़ी कौड़ियां गुलाबी धागे में पिरोकर कलाई में पहने। 8-जादू टोने से बचने हेतु छिन्नमस्ता बीज मंत्र [ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐ वज्र वैरोचनीये हुं हुं फट् स्वाहा।]से अभिमंत्रित 8 कौड़ियां काले धागे में पिरोकर धारण करें।

9-कार्य सिद्धि हेतु अक्षय तृतीया पर अभिमंत्रित 3 कौड़ियां मौली में बांधकर बाजू में धारण करें। 10-यदि आपके व्यापार पर किसी ने तान्त्रिक क्रिया करवा रखी है, तो होली की रात्रि में जिस स्थान पर होलिका दहन हो उस स्थान पर एक गडडा कर उसमें 11 अभिमंत्रित धनदायक कौड़ियां दबा दें। दूसरे दिन सुबह कौड़ियां निकालकर व्यवसाय स्थल की मिट्टी के साथ नीले वस्त्र में बांधकर बहते हुये जल में प्रवाहित कर दें। यह क्रिया करने से व्यवसाय का बन्धन हट जायेगा एंव प्रगति होने लगेगी।

11-यदि कोई व्यक्ति काफी समय से रोगग्रस्त है और स्वस्थ्य नहीं हो रहा है। तो वह प्रथम सोमवार को सफेद वस्त्र में 3 अभिमंत्रित गोमती चक्र, 11 नागकेसर के जोड़े व 7 धनदायक कौड़ियां बांधकर कपड़ें पर हरसिंगार का इत्र लगाकर व्यक्ति के उपर से 9 बार उतार कर किसी शिव मन्दिर में अर्पित कर दें। लाभ अवश्य मिलेगा।

12-अभिमंत्रित कौड़ी में छेद कर बच्चे के गलें में काले धागे के साथ धारण करवाने से बच्चा सदैव बुरी नजर व उपरी हवा से बचा रहता है।

13-वाहन में कौड़ी का उपयोग ..जब भी आप कोई वाहन खरीदते है उसमे लाल या काले धागे में कौड़ी को पिरोकर बांध देने से बुरी नजर और दुर्घटना की सम्भावना नहीं रहती।5, 7 अथवा 11 कौड़ी अपने वाहन में पीले कपड़े में लपेटकर रख लें, यह पोटली एक सुरक्षा कवच का काम करेगी। 15. लाल कपड़े में एक बड़ी पीली कौड़ी बांधकर अपने कैश बॉक्स में रख लें, आशातीत धन लाभ होने लगेगा। 16-बच्चा यदि सोते समय डरता है अथवा दुःस्वन के कारण बेचैन रहता है तो उसके सिरहाने एक पीली बड़ी कौड़ी रख दें। दुष्प्रभाव से उसकी रक्षा होगी ।

17-पूर्णिमा की रात्रि में नौ लाल रंग के गुलाब के फूल, नौ पीली बड़ी कौड़ी के साथ एक लाल रंग के कपड़े में बांधकर अपनी दुकान, कार्यस्थल पर रख लें। आप देखेंगे कि आय और व्यय में सन्तुलन होने लगा है।

18-एक काली कौड़ी तथा हरसिंगार वृक्ष की जड़ पीले कपड़े में बन्द करके ताबीज़ की तरह गले में धारण कर लें। ऋण से उऋण होने का यह एक अच्छा उपक्रम सिद्ध होगा। ....SHIVOHAM....


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