जय शिव शम्भू PART-02
ये जो तुम्हारी मुस्कराहटे हैं....
ये जो तुम्हारी मुस्कराहटे हैं ,
तुम्हें तो यह भी नहीं पता.. कि यह क्या है,
कोई जीता है इनके लिए ,तो कोई मर भी सकता है इनके लिए,
तुम क्या जानो,यह कैसी चाहते हैं?
तुम्हारी यह जो मुस्कराहटे हैं।
कभी-कभी यह सोचते हैं कि..,
तुम संसार में हो, या संसार तुममें है ,
तुम्हारी तो बस ऐसी ही मुस्कराहटे हैं।
जब यह मुस्कुराहट तुम्हारे होठों पर खिलती हैं,
तो लगता है कि, किसी निर्जन जगह की शोभा बढ़ रही है ,
क्योंकि अब कोई मोर आ गया है, नाचने को,
एक सूखी कली पुष्प बन रही है।
इन मुस्कुराहटों से यह धरती नाच रही है ,
गगन घूम रहा है, पत्ते गा रहे हैं।
यह सब बस ,इन मुस्कुराहटों से ...
ये जो तुम्हारी मुस्कराहटे हैं...।
हम क्या कहें कि यह हमारे लिए क्या है।
बरसों बाद जब हम हंसे तो सबने पूछा कि ..क्या हुआ ?
बस एक हम ही थे, जिसने कहा कि,
आज रेगिस्तान में भी एक कमल खिला है,
और उसे सच भी समझा ,वो तुम थे ... बस तुम थे,
तभी से बहुत खास हो गई है... ये मुस्कुराहटें,
अब लगता है कि तुम समझोगे कि,
क्यूँ खास है बस ...तुम्हारी ही ये मुस्कराहटे।
🙏 "शिवोहम "🙏 जय शिव शम्भू 🙏
"""मुस्कुराहट""
जिंदगी का मकसद बन गयी है, मुस्कुराहट तुम्हारी,
जब हँसते हो तुम चमन में फूल खिलते है,
नहीं तो सूखी पड़ी है, हर शाख,और हर डाली,
बहुत खास है, यह मुस्कुराहट तुम्हारी,,
जब हंसोगे मन से तो अपनो कि ताकत बन जायेगी , यें मुस्कुराहट तुम्हरी,
क्योकि खुदा कि दुआ सी है,,,यह मुस्कुराहट तुम्हारी,
बख्सी है हमारे भाग्य में तो धन्य यें जीवन हुआ है,,,
खिलते बाग़ में फैली बेला कि सुगंध सी है यें मुस्कुराहट तुम्हारी,
हम धन्य है, पाकर तुम्हे ओ ""माँ"" मेरी ,
तुम खुश रहो हम जीत लेंगे हर ख़ुशी,,
क्या कहें इसके बारे में, बस बहुत ही प्यारी है,यें मुस्कुराहट तुम्हारी,, ❤
बहुत बेचैन सी होती हूँ तो देखती हूँ,, तुमको बहुत ही ध्यान से,,
मुझे फिर से खड़े होने का साहस देती है, यें मुस्कुराहट तुम्हारी,,,
चाहें तुम जहाँ रहो, बस यूँ ही हंसती रहो, है यें दुआ "शिव" से मेरी ,,
तुम खुश रहो बस खुश रहो ..मेरे साथ भी, मेरे बाद भी,,,,
तुम खुश रहो हंसती रहो,, और दूर तुमसे गम रहे,,
ओ "माँ" मेरी ओ "माँ" मेरी ...
तुमको तो शायद पता भी नही, कितनी खास हो तुम मेरे लिए,,,,
बस माँ मेरी ,बस माँ मेरी मेरी,, दुनिया तुमसे है शुरू ,,
और ख़त्म भी तुमपे ही करदूं, "माँ" मेरी ओ "माँ" मेरी..
शब्द मेरे पास में कुछ है नहीं, कहने को माँ,,,
बस समझो मेरे मौन को, ओ "माँ" मेरी ओ "माँ" मेरी ....
🙏 "शिवोहम "🙏 जय शिव शम्भू 🙏
तुम्ही तुम हो""" तुम्ही तुम हो ख्यालों में, तुम्ही तुम हो सवालों में, तुम्ही तुम हो जवाबों में, तुम्हरी खुशबू ही तो है, जो मेरे साथ चलती है, ना मिलती है बिछड़ती है, मुझे बस छू के जाती है,, तुम्ही तुम हो इशारों में,तुम्ही तुम हो, नजारों में, तुम्ही तुम हो धड़कनो में,तुम्ही तुम हो विचारों में,, तुम मेरे साथ रहते हो, तुम्ही मेरे सहारों में, मुझे उम्मीद है तुमसे, ना देकर तुम कभी कहते, उलझनेँ लाख हो दिल में, सहारा बन ही जाते हो, दिखाई तुम नहीं देते सुनाई तुम नहीं देते, मगर जब दर्द होता है, दवा तुम बन ही जाते हो, मेरे जब लब यें खुलते है, दुआ तुम बन ही जाते हो, यें दुनिया भी तुम्ही तुम हो, यें सांसे भी तुम्ही तुम हो, जीवन भी तुम्ही तुम हो और मृत्यु भी तुम्ही तुम हो..,
🙏 "शिवोहम "🙏 जय शिव शम्भू 🙏 जानम समझा करो """"""❤
मेरी बेचैनी को, और मेरी उलझन को, जानम समझा करो,................
मुझसे देखा नहीं जाता, तुम्हारा यूँ रोना, ओ मेरी जाना,.............
मुझे उलझन सी होती है, बहुत बेचैनी होती है,
तुम्हारे अक्स ना पूछो मुझे क्या दर्द देते है,................
मेरी दुनिया तुम्ही तक है, तुम्ही से अंत मै कर दूँ,
तुम्हे जो आंसू देते है, मुझे मेरा मन यें कहता है,
चला दूँ खंजर उसपे मैं, कहीं मै अंत ना कर दूँ,...................
मेरी बेचैनी को समझो, मेरे तुम पास आ जाओ,
गिरें ना मोती आँखों से, यें जानम याद तुम रखना,........................
मुझे मालूम है हमदम, क्यों डरते हो मोहोब्बत से,
मगर मेरी सुनो तुम, और तुम यें याद रखना,
मिटा दूंगा मैं दुनिया को, जो तुमको दर्द अब देंगे,.......................
मेरा अब प्यार है पूजा, मेरा अब यार है मंदिर,
तुम्ही तुम हो जहाँ रहते, मेरी वो दुनिया साहिल है,......................
ओ जानम अब तो तुम समझो, मै किसकी बात करता हूँ,
क्यों हर पल तुम परखती हो, बहुत मैं प्यार करता हूँ.,,,...
🙏 "शिवोहम "🙏 जय शिव शम्भू 🙏
"""""""""" तेरी बिंदिया """"""""""""" Written by Neeha Shukla! ये जो तुम्हारे माथे पर बिंदिया चमकती है, यह तुम्हे एक मंचले से नूर से भरती है, यह खींचती है, हमको तुम्हारी तरफ जानम, यह इतनी खूबसूरत है, जैसे चंदा सी मूरत है, जो माथे पर सजाया है, मैं क्या कहूं तुमसे , इसने मेरे मन को कैसे लुभाया है, बस इतना कहना है मुझे तुमसे, यूँ ही खुद को बनाये रखना, देखना कहीं भूल ना जाओ, माथे पर बिंदिया लगाए रखना, ऐसे सजती है ये तुम पर, """जैसे """
बर्फ के पहाड़ों पर कई दिनों बाद कहीं दूर से सूरज चमक रहा है, उसकी लालिमा सी है ये बिंदिया, दो आँखों के बीच में जो पहले से नशे में चूर हैँ, उनके बीच में रखे जाम सी है, यें बिंदिया बहुत कमाल की है ,, यह उड़ने कि वजह देती है हमको, मगर फिर खींचती है, अपनी तरफ तुम्हारी बिंदिया,, ज़मी पर रहने की वजह देती है, मेरी रोती आँखों को भी हंसा देती है, मैं पहले से ही बता देता हूँ तुमको, इस बार जब तुम हमसे मिलने आना, तो, माथे पर बिंदिया और हाथों में कँगना सजा कर आना, बदन पर पीले कुर्ते संग, होठों पर मुस्कुराहट लिए आना, तुमको तो पता है कि, मुझे क्या आस है तुमसे ,, बस मेरे नाम लेना पीछे से, और मुझे चौँका जाना, ओ मेरी जाना,हमसे मिलने एक बार आ जाना... माथे पर बिंदिया सजा कर आना...
🙏 "शिवोहम "🙏 जय शिव शम्भू 🙏
"क्या मैं अकेली हूँ"""" " ❤
बैठी थी आंगन में अकेली सोचती थी मैं यही,,
सचमुच अकेला कौन है, मेरे साथ में "शिव " है ,
दिखते नहीं हरदम मुझे, मगर, थामे रहते हैँ सदा ,,
सजती हूँ मैं उनके लिए यें दुनिया पागल क्या जाने,
ना दुनिया ने जाना "राधा" को ना दुनिया ने जाना "मीरा" को
एक प्रेम कि प्यासी थी, और एक दर्श कि प्यासी थी,
लोग समझें पागल हैँ, पर "श्याम" तो थे आ गए,,,,
मैं जानती हूं मैं भी,अब पागल सी होने लग गयी हूं,
मुझे तो प्यास दोनों की ना "राधा" हूं ना "मीरा" हूं,,,
प्यार कि प्यासी यें अखियाँ हैँ दरश को रो रही,,
मुझे अब चैन सा दे दो, अपना दीदार करवा दो,,
नहीं तो मै यें कहती हूं, मुझे भी साथ ले जाओ,
जहाँ पर वास करते हो,,
नहीं मैं जानती प्रियतम तुम्हे, मगर मैं चाहती तो हूं,
मेरी भक्ति अगर सच्ची है तो सुन लो "शिवा"
तुम्हे तो एक दिन आना ही होगा,
मेरे रास्ते को फूलों से सजाना ही होगा,
मैं जानती हूँ, तुम सदा मेरे साथ रहते हो,
पर मैं सबको बताना चाहती हूँ,
कि "शिव" मेरे प्रियतम है और "मै" उनकी प्रिया,,
मेरा जब तुमसे मिलन होगा, मैं सोच के सहम जाती हूं,
कि वो कौन सा पल होगा,
अब भी लगता है क्या कि तुम अकेली हो,,
अक्सर वहीं होते है "शिव" जब हम अकेले होते है,
भीड़ में तो सांसे भी सुनाई नहीं देती,
फिर क्यों तुमको लगता है, जो भीड़ में है वो खुश है ,
🙏 शिवोहम 🙏 " जय शिव शम्भू" 🙏 🙏 """""कैसी दीवानगी"""""" 🙏
Written by Neeha Shukla!
एक दिन बैठी मैं छत पर देखती थी चाँद को,,
रात वह अँधेरी थी, पर भर रही थी आस से,
एक नाचता तारा भी देखा, "जैसे" हो दीवाना चांद का,
तब यें सोचा था मैंने , कि मैं भी तो दीवानी हूं ,
फिर टूट क्यों सकती नही, मैंने कुछ ख्वाब देखे थे,
मेरी दीवानगी ही थी,
जब जा रहा था वो मुझे रास्ते पे यू ही छोड़कर,
मेरे आंसू गिरे ऐसे जैसे कोई तारा टूटा हो,
और उसको दूरी मिली हो चाँद से,
उसने ना देखा पलटकर, कैसी दीवानगी ये थी,,
जब साथ में रहता था मेरे, अक्सर कहा करता था वो,
मुझे छोड़कर जाना नहीं, दिल तोड़कर जाना नहीं,
जरा सी बात पर रूठा, जैसे मौका था ये उसके लिए,
मैं अकेली सोचती कैसी दीवानगी यें थी,
"इश्क़" अंधा है, मगर "अहसास" अंधे है-नहीं,
फिर भूल कैसे हो गयी,
मुझे शक है अपने प्यार पर,
थी कुछ कमी सी रह गयी,
विश्वाश है फिर भी, मुझे मेरी दीवानगी पर,,
लौटकर आएगा मेरे पास ही वह...
तब कहूँगी उसको मैं,,
जा लौट जा तेरी दुनिया में,
मैं हूँ नहीं काबिल तेरे,,,
मैं डूबता सूरज हूं.... और तू तो चमकता चाँद है,
जा लौट जा,, जा लौट जा, ,,
फिर सोचूंगी यह बैठकर, कैसी मोहोब्बत थी मेरी,,,
क्या सच में महोब्बत थी?
🙏 जय शिव शम्भू 🙏
""कब आओगे""""
Written by Neeha Shukla!
मैं जानती हूँ, कि एक दिन, तुम आओगे मिलने मुझे,
सदा को साथ ले जाने ,तुम आओगे हे "प्रभु" मेरे,,,
पर मेरे ख्वाब में आकर, मुझे इतना तो बतला दो,
मैं कैसे राह अब देखूँ, कि कब आओगे तुम लेने,
अब तो है लगने लगा, सदियाँ सी बिता दीं है मैंने,
आंसू भी मेरे सूख गए, कब आओगे अब तो कहदो..
बेचैन हो गयी हूँ अब मैं , मेरा अपना कोई दिखता नहीं,
मुझे बिना तुम्हारे चैन नहीं, बेचैन हो गयी हूँ अब तो,
तुम आकर देखो एक दफा, तड़प मेरी बढ़ने है लगी,,,
आँखों में आँसू रुकते नहीं, सब कारण पूछा करते है,,
तुम ही तो कारण हो इनका ,मैं कैसे कह दूँ यें सबको मैं,
बेचैन खड़ी तेरे मंदिर में, मुझे चैन अब दे जाओ,
नहीं जानती नियम, धर्म, मैं तो बस जानू प्यार तेरा,
दुनिया ने नहीं समझा मुझको, पर आस अभी भी बाकी है,
तुम समझोगे दिल को मेरे, विश्वास प्रभु पर बाकी है,
हाथो में डमरू तुम लेकर, आ जाओ हे "प्रभुवर"मेरे,,
मैं नहीं जानती ख़ामोशी ,आकर ले जाओ नाम मेरा,
और कह दो साथ चलो मेरे ,आकर दे जाओ प्राण मुझे,
मैं राह देखती रहती हूँ ,बिन तेरे कुछ भी याद नही,
मुझे मोह नहीं है जीवन का, पर फिर -फिर जीती तेरे लिए ,
कब आओगे कह दो मुझको... मेरी अर्ज सुनो प्रियतम मेरे,......
कब आओगे तुम यें कह दो...
🙏जय शिव शम्भू🙏
कैसे बताऊँ कि तुम मेरे क्या हो,,,,
किसी रेगिस्तान के प्यासे से पूछो कि पानी उसके लिए क्या है.....,,,,,,,,,,
शायद तुम समझ पाओ कि तुम मेरे क्या हो...........,,,,,
किसी मरते हुए इंसान से पूछो कि एक सांस कि कीमत क्या है,.................
मेरी वो सांस हो तुम........ मैं कैसे बताऊँ कि तुम मेरे क्या हो,............
बस जिस दिन तुमसे बात नही होती,,,,,,,,,,,,,,,,
उस दिन सूरज तो निकलता है पर सवेरा नहीं होता,,,,,,
.... दिन तो ढलता है पर रात नहीं होती,................
समझो ना मेरी जाना मैं बेचैन ही रहती हूँ जब तक तुमसे मेरी बात नहीं होती.....
🙏जय शिव शम्भू🙏
गुनाहों के समंदर में,,,,,, 🙏
गुनाहों के समंदर में, जो मोती टूट जाते हैँ,
कदम कुछ साथ चलकर के, यूँ पीछे छूट जाते हैँ,
मगर जो दिल में बसते हैं, सदा वो याद आते हैँ
तुम्हारे साथ में चलते हुए, ग़म भूल जाते है,
मगर क्यों डर यें लगता है, कि तुम मेरे नहीं जाना,
कहीं एक रोज तुम भी तो, अकेला छोड़ न दोगे,,,
कसम खाकर कहो हमसे, हमारा साथ तुम दोगे,
अगर रुठूँ जो मैं तुमसे,, मुझे हंसकर बुला लेना,
गमों को भूल जाती हूं, तुम्हारी मुस्कुराहट से,,
मेरा विश्वास तुम कर लो, कभी ना तुमको छोडेंगे,
गुनाहों के समंदर से, वो सारे मोती ढूंनेंगे,
उन्हें जब ढून हम लेंगे, उन्हें लय में पिरो लेंगे,
उन्हें अपना बना कर के, उन्हें दिल से लगा लेंगे,,
कसम हम तोड़ सब देंगे, जहाँ से मन छुड़ा लेंगे,
तुम्हारे साथ चलने को, कदम जब हम उठा लेंगे,
कभी न सोचना यें तुम, कि मुड़कर पीछे देखेंगे,,,
तुम्ही को मानकर सबकुछ, खुदी को भूल जायेंगे,,
मेरा विश्वाश कर लो ना, मोहोब्बत इतनी है तुमसे,
जो तुम कह दोगे कर देंगे,, आज हम वादा करते है,,
खुदी को तुम बना देंगे, समर्पण देखकर मेरा,
अगर दिल तेरा ना माने,चले जाना न फिर आना, ना हम हंसकर बुलाएंगे
🙏जय शिव शम्भू🙏
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