ज्ञान गंगा-7-गीत
NOTE;-
1-लगन लागी रे!
2-पान खाए सैयां हमारे।
3-न जाओ सैंया छुड़ा के बैयां।
4-कि घुंघरू टूट गए।
5-तू मिले दिल खिले।
6-बाहों के घेरे में मौसम बहार का।किस्मत से पाया है नजराना प्यार का।
7-तेरा साथ है कितना प्यारा।कम लगता है जीवन सारा
8-हे मेरी सांसो में मेरे पिया।मैंने पिया जी से वचन है लिया।
9-तू पागल प्रेमी आवारा...दिल तेरी मोहब्बत का मारा।
10-ए जाते हुए लम्हों, जरा ठहरो जरा ठहरो।
11-जैसे राधा ने माला जपि श्याम की। मैंने ओढ़ी चुनरिया तेरे नाम की।
12-तेरे संग जीना तेरे संग मरना।
NOTE;-यह सारे गाने उत्सव में गाए जा रहे थे।
2.....
तू मिले दिल खिले और जीने को क्या चाहिए, ना हो तू उदास तेरे पास मै रहूंगा जिंदगी भर।
सारे संसार का प्यार मैने तुझी मे पाया।
चंदा तुझे ...हो ,,,देखने को निकला करता है।
आईना भी....ओ..दीदार को तरसा करता है।
इतनी हंसी कोई नहीं... इतनी हंसी कोई नहीं...।
हुस्न दोनों जहां का... एक तुझमें सिमट के आया।
Darling every breath you take ;every move you make;
I will be there with you ; what would i do without you ;
I want to love you forever and ever and ever...।
होते हैं वह लोग अमर.. प्यार जो करते हैं।
जितनी अदा!उतनी वफा।जितनी अदा!उतनी वफा,,,।
एक नजर प्यार से देख लो।फिर से जिंदा कर दो।
तू मिले दिल खिले और जीने को क्या चाहिए, ना हो तू उदास तेरे पास मै रहूंगा जिंदगी भर।
3.....
❤हरी -हर❤
ये दुनिया लड़ रही इसमें कि,, तुम मे कौन जीता है,,
कोई कहता बड़े है हर , कोई कहता बड़े है हरी,।
हरी के चरणों से निकली जो गंगा, वो हर के शीश पर आयी,,
हर से निकली जो सीता, हरी के दिल मे आयी है,,।
जो रक्षा चाहते हरी से ,वो हर के चरणों मे आते,,
एक दुनिया चलाता है,, एक दुनिया मिटाता है,,
बड़ा है कौन समझाओ,, समझना तुमको आता है,,।
लड़े वो दुनिया की खातिर, ना कोई जीता-- हारा है,
कभी सोंचो, अभी सोचा, बैठो ना अकेले मे,
किसी को कृष्ण प्यारे है, किसी को शिव ही प्यारे है,,
बताओ भेद क्या इनमे,,।
जरा दिल को बताओ ना, अपने मन को समझाओ ना,,
चाहे सुर बांसुरी का हो,चाहें डमरू ही बजता हो,
ह्रदय की धड़कने होती अलग, क्या दोनों धुनियों से ,,
दिल तो बस मुस्कुराता है,, सुनके संगीत प्यारे का,,।
दो रास्ते होते सदा जब, सामने चलते हो तुम,,
पर सदा, ये याद रखना,
कोई तो चौराहे पे मिल जायेंगे सदियों को वो,,
वैसे ही ह्रदय मे हर हो, या हरी हो तुम्हारे, भेद ना करना कोई, ।
बस चलना उन तक ...आंख मुंदे वो... तुम्हे बस एक ही चंदा मे नजर आ जायेंगे,,
हम दो भी हैँ और एक भी,,
दुनिया को ये सन्देश देने, तुम सैकड़ो की भीड़ मे कोई अकेला है नहीं,,
सब भीड़ है... सब एक है। ,
सब एक से आया हुआ है,एक मे ही मिल जायेगा मंजर..
वो भी अब आएगा ..ये याद रखना... मेरी राह तकना,,।
शिवोहम ❤
4.....
ये कहां आ गए हम ...यूं ही साथ -साथ चलते...
तेरी बाहों में है जानम ... मेरे जिस्म जां पिघलते ।
तेरी बाहों में है जानम ... मेरे जिस्म जां पिघलते ।
ये कहां आ गए हम ...यूं ही साथ -साथ चलते...
तू बदन है।
मैं हूं छाया!
तू ना हो तो ..मैं कहां हूं?
मुझे प्यार करने वाले... तू जहां है, मैं वहां हूं।
हमें मिलना ही था हमदम... किसी राह.. भी निकल के....।
हमें मिलना ही था हमदम... किसी राह.. भी निकल के....।
ये कहां आ गए हम ...यूं ही साथ -साथ चलते...।
हु...मेरी सांस- सांस महके।
कोई भीना - भीना चंदन।
तेरा प्यार चांदनी है..।
मेरा दिल है.. जैसे आंगन ।
हुई और भी मुलायम मेरी शाम ढलते -ढलते।
हो...हुई और भी मुलायम मेरी शाम ढलते- ढलते।
5.....
तू प्यार तू प्रीत।
तू चांद तू रात
जीना मरना साथ तेरा मेरा जुदा होना मुश्किल है।
तू साज , तू गीत।
हां तू रूप हां तू रंग ।
छूटे ना यह संग तेरा मेरा जुदा होना मुश्किल है।
बात आज की तो.. यह नहीं.. भूल जाए, जो वो यह नहीं।
हां बात आज की तो.., यह नहीं... भूल जाएं जो वो यह नहीं ।
नई है जिंदगानी,, है सदियों पुरानी... हमारी मुलाकात.... तेरा मेरा जुदा होना मुश्किल है।
तू साज , तू गीत।
हां तू रूप हां तू रंग ।
छूटे ना यह संग तेरा मेरा जुदा होना मुश्किल है।
दूर दूर अब रहना नहीं..।
आज और कुछ कहना नहीं...
हो, दूर-दूर अब रहना नहीं
आज और कुछ कहना नहीं...
ना लागे अब जिया रे .. ।
कहे तो तेरे द्वारे ....मैं ले आऊं बारात .... तेरा मेरा जुदा होना मुश्किल है।
तू प्यार तू प्रीत।
तू चांद.. तू रात ...तेरा मेरा जुदा होना मुश्किल है।
रात और दिन ढलते रहे....
साथ साथ हम चलते रहे......।
हां रात और दिन ढलते रहे
हो... साथ साथ हम चलते रहे।
बने हम ऐसे साथी///कि जैसे दिया बाती...
दिल में है यह उमंग ///तेरा मेरा जुदा होना मुश्किल है।
तू प्यार ///तू प्रीत/ तू चांद //तू रात तेरा मेरा जुदा होना मुश्किल है।
तू प्यार ///तू प्रीत ...
6.....
कब के बिछड़े हुए हम आज कहां आके मिले
जैसे सम्मा से कहीं लौ यह झिलमिला के मिले।
कब के बिछड़े हुए हम आज कहां आके मिले
जैसे सावन से कहीं प्यासी घटा छा गए मिले।
कब के बिछड़े हुए हम आज कहां आके मिले।
कब के बिछड़े ....कब के बिछड़े।
बाद मुद्दत के रात महकी है।
दिल धड़कता है सांस बहकी है।
प्यार छलका है प्यासी आंखों से।
सुर्ख होठों पर आग दहकी है।
ओ.......
महकी हवाओं में , बहकी फिजाओं में ... दो प्यासे दिल यूं मिले ...दो प्यासे दिल यूं मिले ।
जैसे मयकश ... जैसे मयकश।
जैसे मयकश से कोई साकी डगमगा के मिले।
कब के बिछड़े ..कब के बिछड़े ।
कब के बिछड़े हुए हम आज कहां आके मिले
दूर शहनाई गीत गाती है।
दिल के तारों को छेड़ जाती है ...दिल के तारों को छेड़ जाती है।
यूं.... सपनों के फूल यहां खिलते हैं।
आ .......
यूं दुआ दिल की रंग लाती है। यूं दुआ दिल की रंग लाती है।
बरसों के बेगाने उल्फत के दीवाने अनजाने ऐसे मिले ...अनजाने ऐसे मिले।
जैसे मनचाही ..जैसे मनचाही, जैसे मनचाही दुआ बरसो... आजमा के मिले।
कब के बिछड़े हुए हम आज कहां आके मिले
जैसे सावन से कहीं प्यासी घटा छा गए मिले।
कब के बिछड़े हुए हम आज कहां आके मिले।
कब के बिछड़े ....कब के बिछड़े।
7.....
अंग लगा दे रे,,,।
मोहे रंग लगा दे रे,,,,,।
अंग लगा दे रे मोहे रंग लगा दे रे,,,,,।
मैं तो तेरी जोगनिया,,,,,।
तू जोग लगा दे रे,,,,,।
जोग लगा दे रे,,, प्रेम का रोग लगा दे रे,,,,,।
मैं तो तेरी जोगनिया तू जोग लगा दे रे,,,,,।
राम रतन धन
लगन मगन मन
तन मोरा चंदन रे,,,,,।
उजली गोरी प्रीत।
पिया सत रंग लगा दे रे,,,,,।
अंग लगा दे रे,,,,, मोहे रंग लगा दे रे,,,,,।
मैं तो तेरी जोगनिया, तू जोग लगा दे रे,,,,,।
रात बंजर सी है,,,,,, काले खंजर सी है,,,,,।
रात बंजर सी है, काले खंजर सी है,,,,,।
तेरे सीने की लो मेरे अंदर भी है ,,,,,,।
तू हवा दे इसे तो मेरा तन जले,,,,,,।
जला दे रे,,,,,, संग जला दे रे,,,,,,।मोहे अंग लगा दे रे,,,,।
रास है रात में ,तेरी हर बात में,,,,।
रास है रात में, तेरी हर बात में,,,,,।
बोल मैं क्या करूं,,,,।, ऐसे हालात में ,,,।
हूं मैं तेरी मलंग,,,,।, तू ही मेरा नशा ,,,,,,।
चढ़ा दे रे भंग चढ़ा दे रे,,,,। प्रेम की भंग चढ़ा दे रे,,,,।
मैं तो तेरी जोगनिया, तू जोग लगा दे रे,,,,,।
जोग लगा दे रे प्रेम का रोग लगा दे रे ,,,,,।
मैं तो तेरी जोगनिया तू जोग लगा दे रे,,,,,।
राम रतन धन,, लगन मगन मन.. तन मोरा चंदन रे ,,,,,।
राम रतन धन,, लगन मगन मन.. तन मोरा चंदन रे ,,,,,।
राम रतन धन,, लगन मगन मन.. तन मोरा चंदन रे ,,,,,।
राम रतन धन,, लगन मगन मन.. तन मोरा चंदन रे ,,,,,।
राम रतन धन,, लगन मगन मन.. तन मोरा चंदन रे ,,,,,।
8.....
तुम हो ....तुम हो....तुम हो पास मेरे,,,, साथ मेरे हो तुम यू.....।
जितना महसूस करूं तुमको उतना ही पा भी लूं....।
तुम हो ...मेरे लिए.... मेरे लिए.... हो तुम यूं..... ।
खुद को मैं हार गया ..... ।
तुमको मैं जीता हूं.....।
तुम हो.....तुम हो.....।
कहीं से .....कहीं को..... भी आओ बेवजह चले ..... ।
पूछे बिना किसी से..... हम मिले.....।
बंदीसे ना रही.....।
कोई..... बाकी..... तुम हो। ..... तुम हो..... पास मेरे..... साथ मेरे..... हो तुम यूं..... ।
जितना महसूस करूं तुमको ..... उतना ही पा भी लूं..... ।
किस तरह ..... छीनेगा ..... मुझसे यह जहां तुम्हें..... ?
तुम भी हो ना ..... । क्या फिकर अब हमें..... ।
तुम हो ...मेरे लिए.... मेरे लिए.... हो तुम यूं..... ।
खुद को मैं हार गया ..... ।
तुमको मैं जीता हूं.....।
ओ,,,,,,,,!
तुम हो..... ।
9.....
ना है यह पाना....।
ना खोना ही है....।
तेरा ना होना.... जाने...।
क्यों होना ही है ...।
तुमसे ही दिन होता है,
सुरमई शाम आती है,
तुमसे ही....तुम से ही
हर घड़ी सांस आती है..... जिंदगी कहलाती है......।
तुमसे ही....तुम से ही......।
ना है यह पाना....।
ना खोना ही है....।
तेरा ना होना.... जाने....।
क्यों होना ही है....।
आंखों में आंखे तेरी ....।
बाहों में बाहें तेरी....।
मेरा ना मुझ में कुछ रहा....।
हुआ क्या ....।
बातों में बातें तेरी....।
राते सौगाते.... तेरी....।
क्यों तेरा सब यह हो गया....।
हुआ क्या ....।
मैं कहीं भी जाता हूं।
तुमसे ही मिल जाता हूं ।
तुमसे ही....तुम से ही......।
शोर में खामोशी है......।
थोड़ी सी बेहोशी है ।
तुमसे ही....तुम से ही......।
आधा सा वादा कभी......।
आधे से ज्यादा कभी......।
जी चाहे कर लू इस तरह...... वफा का......।
छोड़े ना छूटे कभी......।
तोड़े ना टूटे कभी......।
जो धागा तुमसे ......जुड़ गया वफा का ......।
मैं तेरा शर्मआया हूं......।
जो भी मैं बन पाया हूं......।
तुमसे ही....तुम से ही......।
रास्ते मिल जाते हैं......।
मंजिलें मिल जाती ......।
तुमसे ही....तुम से ही......।
ना है यह पाना....।
ना खोना ही है....।
तेरा ना होना.... जाने...।
क्यों होना ही है ...।
10.....
तुम ही एहसासों में...!
तुम ही जज्बातों में...!
तुम ही लम्हातो में...!
तुम ही दिन रातो में...!
बाखुदा तुम्हीं हो....।
हर जगह तुम ही हो....। .
हां मैं देखूं जहां जब.....।
उस जगह तुम ही हो....।
ये जहां तुम ही हो....।
वो जहां तुम ही हो....।
इस जमीन से फलक के दरमियां तुम ही हो....।
तुम ही हो बेशुबा तुम ही हो....।
तुम ही हो मुझ में हां तुम ही हो....।
तुम ही हो मुझ में हां तुम ही हो....।
तुम ही हो....!
हो हो हो.... !
कैसे बताएं तुम्हें और किस तरह....।
कितना तुम्हें हम चाहते हैं....।
साया भी तेरा दिखे....।
तो पास जा के....।
उसमें सिमट हम जाते हैं....।
रास्ता तुम ही हो ....।
रहनुमा तुम ही हो....।
जिसकी ख्वाहिश हैं हमको....।
वो पनाह तुम ही हो....।
तुम ही हो बेशुबा तुम ही हो....।
तुम ही हो मुझ में हां तुम ही हो....।
तुम ही हो मुझ में हां तुम ही हो....।
मुझ में हां तुम ही हो।
तुम ही एहसासों में...!
तुम ही जज्बातों में...!
तुम ही लम्हातो में...!
तुम ही दिन रातो में... !
कैसे बताएं तुम्हें....।
शब मैं तुम्हारे....।
ख्वाब हंसी जो आते हैं....।
कैसे बताएं तुम्हें ....।
लमस वो सारे....।
जिस्म को जो महकाते हैं....।
इफतदा तुम ही हो .....।
इंतहा तुम ही हो.....।
तुम हो जीने का मकसद.....।
और वजह तुम ही हो.....।
बाखुदा तुम ही हो.....।
हर जगह तुम ही हो.....।
हां मैं देखूं जहां जब.....।
उस जगह तुम ही हो....।
ये जहां तुम ही हो....।
वो जहां तुम ही हो....।
इस जमीन से फलक के दरमियां तुम ही हो....।
11 .....
हम तेरे बिन अब रह नहीं सकते....।
तेरे बिना क्या वजूद मेरा....।
हम तेरे बिन अब रह नहीं सकते....।
तेरे बिना क्या वजूद मेरा....।
तुझसे जुदा अगर हो जाएंगे....।
तो खुद से ही हो जाएंगे जुदा....।
क्योंकि तुम ही हो....।
अब तुम ही हो....।
जिंदगी अब तुम ही हो....।
चैन भी... मेरा दर्द भी....।
मेरी आशिकी ....अब तुम ही हो....।
तेरा मेरा रिश्ता है कैसा
एक पल दूर गवारा नहीं।
तेरे लिए हर रोज है जीते
तुझको दिया मेरा वक्त सभी
क्योंकि तुम ही हो....।
अब तुम ही हो....।
जिंदगी अब तुम ही हो....।
चैन भी... मेरा दर्द भी....।
मेरी आशिकी ....अब तुम ही हो....।
तुम ही हो....।
तुम ही हो....।
तेरे लिए ही जिया मै....।
खुद को जो यूं दे दिया है ....।
तेरी वफा ने मुझको संभाला....।
सारे गमों को दिल से निकाला ....।
तेरे साथ मेरा है... नसीब जुडा....।
तुझे पाके अधूरा ना रहा....।
क्योंकि तुम ही हो....।
अब तुम ही हो....।
जिंदगी अब तुम ही हो ....।हो ....।
चैन भी... मेरा दर्द भी....।
मेरी आशिकी ....अब तुम ही हो....।
क्योंकि तुम ही हो....।
अब तुम ही हो....।
जिंदगी अब तुम ही हो ....।
चैन भी... मेरा दर्द भी....।
मेरी आशिकी ....अब तुम ही हो....।
12 .....
रेशमी जुल्फें, नशीली ऑंखें, होंठ गुलाबी, गोरे गाल ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
ऊपर से तेरी ...ये मुस्कुराहट,,है कमाल ......
All in one,,,, all in one,,, all in one,,,,One in all...One in all....One in all
हाथ का डमरू , माथे का चंदा, और जटाओं मे....बैठी जो गंगा,,
माथे त्रिपुंंड है,गले सर्पमाला, है भस्म शरीर मे.... और है रूप निराला .....
,, All in one,,,, all in one,,, all in one,,,,One in all...One in all....One in all
कानों मे कुण्डल , कमर मे बाघम्बर ,, और निवास है.... कैलाश .....
ईष्ट हरी है ,, पत्नी जगदम्बा ,, हैँ पुत्र गजानन ,, और भक्त नंदी जैसा ....
,, All in one,,,, all in one,,, all in one,,,,One in all...One in all....One in all
रूप महके जैसे चन्दन,, दृष्टि हैँ सागर , और नजर है.... दर्पण....
साँस- साँस कहती,, शिव शिव शिव शिव,, और उनको है.... यही समर्पण
,, All in one,,,, all in one,,, all in one,,,,One in all...One in all....One in all
13 .....
My heart is beating. Keeps on repeating.
I am waiting for you.
My love encloses, a plot of roses.
And when shall be , then our next meeting.
Cause love, you know.
That time is fleeting. Time is fleeting time is fleeting.
My heart is beating keeps on repeating. I am waiting for you. My love encloses, a plot of roses. And when shall be, then our next meeting. Cause love, you know.That time is fleeting. Time is fleeting time is fleeting.
Oh, when I look at you, the blue of Heaven seems to be deeper blue.
And I can swear that God himself seems to be looking through
hoo-hoo, zu zu zu zu zu zu . I will never part from you and when shall be, then our next meeting.
Cause love, you know. And that time is fleeting. Time is fleeting, time is fleeting.
Spring is the season that. That drops, the reason of lovers ,who are truly true. Young birds are mating while I am waiting for you. hoo-hoo , darling, you haunt me. Say, do you want to me and if it's so, when are we meeting
Cause love, you know.That time is fleeting. Time is fleeting, time is fleeting. My heart is beating keeps on repeating. I am waiting for you.
My love goes has a plot of roses and then shall be then our next meeting, cause love, you know, that time is fleeting time is fleeting, time is fleeting.
Zoo zoo, zoo, zoo, zoo, zoo, zoo, zoo, zoo zoo.
14....
दिल में तुझे बिठा के.. कर लूंगी मैं बंद आंखें ....।
पूजा करुंगी तेरी ..होके रहूंगी तेरी....।
मैं ही मैं देखूं तुझे पिया.. और ना देखे कोई....।
मैं ही मैं देखूं तुझे पिया.. और ना देखे कोई....।
एक पल भी यह सोच रहे ना ....।
किस विधि मिलना होये....।
सबसे तुझे बचाके.. कर लूंगी मैं बंद आंखें ....।
पूजा करुंगी तेरी ..होके रहूंगी तेरी....।
ना कोई बंधन जगत का .. कोई पहरा ना दीवार ....।
ना कोई बंधन जगत का .. कोई पहरा ना दीवार ....।
कोई ना जाने दो दीवाने .. जी भर कर ले प्यार ....।
कदमों में तेरे आके .. कर लूंगी मैं बंद आंखें ....।
पूजा करुंगी तेरी ..होके रहूंगी तेरी....।
तेरा ही मुख देखकर पिया .. रात को मैं सो जाऊं....।
तेरा यह मुख देखकर पिया .. रात को मैं सो जाऊं....।
भोर भई जब ..आंख खुले तब .. तेरे ही दर्शन पाऊं ....।
तुझ को गले लगा के .. कर लूंगी मैं बंद आंखें....।
पूजा करुंगी तेरी ..होके रहूंगी तेरी....।
15....
मुझको अपने गले लगा ले .. ऐ मेरे हमराही ....।
तुमको क्या बतलाऊं मैं ..कि तुमसे कितना प्यार है....।
जब तुम मुझसे दूर रहते हो ....।
जिया मेरा घबराता है....।
नींद आंखों से उड़ जाती है....।
चांद अगन बरसाता है....।
दोनों पहलू जल जाते हैं....।
आग में आग लगाता है....।
जैसे तड़पे जल बिन मछली....।
प्यार मुझे तड़पाता है....।
इस उलझन से मुझे बचा लो.. ऐ मेरे हमराही ....।
तुमको क्या बतलाऊं मैं ..कि तुमसे कितना प्यार है....।
🙏🏾 शिवोहम
...SHIVOHAM....
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