ज्ञान गंगा- 10 Bhajan
तव तत्त्वं न जानामि कीदृशः असि महेश्वर।यादृशः असि महादेव तादृशाय नमः नमः।।
हे शिव !!! मैं आपके वास्तविक स्वरूप को नहीं जानता। हे शिव आपके उस वास्तविक स्वरूप जिसे मैं नहीं जान सकता उसको नमस्कार है।
🙏🏾दीवानगी 🙏🏾
मीना दीवानी दीवानी, दीवानी,, वो तो अपने पिया की है दीवानी,
उनकी सूरत वो सीने से लगाकर रखे, उनको मस्तक पे अपनी वो बिठाकर के रखे,,
मीना दीवानी, दीवानी,दीवानी, वो तो अपने पिया की है दीवानी,,
जाँ से ज्यादा वो उनको प्यार करें उनको नहलाये, खिलाये,और श्रृंगार करे,,, वो तो अपने पिया की है दीवानी,
मीना दीवानी, दीवानी,दीवानी, वो तो अपने पिया की है दीवानी,,
सीने से लगाकर के सोये, सीने से लगाकर के जागे, देखकर उनको जीना देखकर खाना, पीना,,
मीना दीवानी, दीवानी, दीवानी,
उनकी तस्वीर को सीने मे बसाकर के चली, मान मर्यादा को वो सारी दुनिया को ही अब तो भुलाकर कर के चली,,
मीना दीवानी, दीवानी, दीवानी, वो तो अपने पिया की है दीवानी,
🙏🏾शिवोहम🙏🏾 जय शिव शम्भू 🙏🏾
2......
1-मुझे ख्वाहिश उन्हें पाने की जब से हो गयी है।
ये दुनिया पहले से भी खूबसूरत हो गयी है ।
दीवाना दिल सभी से मेरा अब ये कह रहा है ।
ये दर्दों को मिटाने की दवा अब बन गयी है।
हमें जबसे मोहोब्बत हो गयी है ।
3.....
🙏🏾शब्द कुछ कम से है 🙏🏾
उनसे मिलना हुआ, बाद मुद्दत के वो सामने मेरे सनम आए थे जन्मों बाद मे।
कह रहे थे कुछ कहो ना तुम हमारे वास्ते,, हम मौन थे लब चुप रहे, पर नजरें सब कहती रही ।
मेरे ह्रदय की वो दशा को देखकर कहने लगे, क्यों तुमने भीतर ही रखा है मेरे सब अहसासों को बाँट लो।
किसी हमदम से अपने सभी जस्बातों को।
उनसे मिलन की दौड़ थी, मन मे गहन सा प्यार था, वो सामने मेरे खड़े बस मौन ये संसार था।
तुम हो सखी मेरी बनी इसके लिए ये कह रही हूँ,, मेरे ह्रदय की वो दशा समझे ना कोई और है।
होठों की वो लाली कहु क्या, जैसे कमल के फूल मे रखी हुई वो ओस की एक बून्द हो।
आँखों को उनकी क्या कहूँ जैसे हो सागर सा भरा वो प्रेम था, शब्द मेरे कम लगे तो मौन को भी सुन लेना।
छवि को उनकी क्या कहूं माथे पे जैसे चाँद था, गालों पे उनके लाली थी, एक प्यारी सी सूरत दिल को लुभाने वाली थी।
हाथों मे उनके बांसुरी, धुन वो पुरानी बज रही थी, पैरों के पायलिया संगीत सारे गा रही थी।
ना वो नर था ना नारी थी , वो मेरे भीतर की कोई सूरत थी, मौन मैं थी सामने,, मेरा रोम रोम कुछ कह रहा था,, बस एक वही अपना सा लग रहा था ।
शब्द कुछ कम हैँ मेरे तुम इन्हे ज्यादा पढ़ो,, मेरी नजरों से देखो ना सखी उस दौर को जी लोगी तुम।
🙏🏾शिवोहम 🙏🏾
4.....
रेशमी जुल्फें, नशीली ऑंखें, होंठ गुलाबी, गोरे गाल ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
ऊपर से तेरी ...ये मुस्कुराहट,,है कमाल ......
All in one,,,, all in one,,, all in one,,,,One in all...One in all....One in all
हाथ का डमरू , माथे का चंदा, और जटाओं मे....बैठी जो गंगा,,
माथे त्रिपुंंड है,गले सर्पमाला और भस्म शरीर मे.... है रूप निराला .....
,, All in one,,,, all in one,,, all in one,,,,One in all...One in all....One in all
कानों मे कुण्डल , कमर मे बाघम्बर ,, और निवास है.... कैलाश .....
ईष्ट हरी है ,, पत्नी जगदम्बा ,, हैँ पुत्र गजानन ,, और भक्त नंदी जैसा ....
,, All in one,,,, all in one,,, all in one,,,,One in all...One in all....One in all
रूप महके जैसे चन्दन,, दृष्टि हैँ सागर , और नजर है.... दर्पण....
साँस- साँस कहती,, शिव शिव शिव शिव,, और उनको है.... यही समर्पण
,, All in one,,,, all in one,,, all in one,,,,One in all...One in all....One in all
🙏🏾 शिवोहम
5.....
🙏🏾अनुभूति🙏🏾
कैसे बताऊँ मैं तुम्हे अल्फाज कुछ मिलते नहीं,, तुम हो जिगर और जान मे हम खिड़कियों से देखते ।
तुम चमन कि खुशबुओ मे,, हम पत्तियाँ बन झूमते,, तुम हो वनों कि शांति जैसे,,हम झरना बनकर नाचते ।
तुम तो मेरी तक़दीर जैसे,, हम तुमपे कुछ यू फूलते है,,, कहदो कि चेहरे पर लिखा है,,,,तुझको मिले तेरे सनम तेरी जो साँसो मे बसा है ।
मेरे कान्हा तो सबके है,,, मैं तो बस बूंद ही मांगू,, मेरा हक़ है नही कुछ भी, मैं फिर भी बस तुम्हे चाहूँ ।
मेरा किरदार ऐसा है जो तेरे बिन नहीं पूरा,, कहीं धड़कन बिना जीवन किसी ने ककभी सोचा है,, वैसे ऐ नेहु तुम्हारी तुमसे जानम कह रही ।
सँवारे के बिन ऐ जीवन मैंने ना सोचा,, सँवारे के बिन मरण भी मैंने ना चाहा ।
मेरी तुम आह को समझो मेरी तुम चाह को जानो,, ऐ दुनिया घूमकर मेरी मोहब्बत तुम पे आयी है,, तुमे ही दिलमे बैठाना मुझे रास्ता दिखाओ तुम ।
दुनिया से सुनती रही सब राय तेरे वास्ते कभी दिल जला,कभी मन दुखा,आकर मेरे दर्दों पे तुम मरहम लगाओ ना,, मेरे जनम तेरे लिए,, बस ऐ सुन तो जाओ ना ।
और कोई भी कला मेरे पास मे तो है नहीं बस एक ऐ ही जानती,,, शब्दों से कुछ कड़िया बनाना वो तुझे अर्पण करू ।
🙏🏾मेरे प्रियतम🙏🏾
6.....
🙏🏾प्रियतम की दीवानी🙏🏾
महोब्बत का आगाज जो हो गया है,, जानू ना मैं अब क्या अंजाम होगा,,
मैं तो दीवानी हूँ प्रियतम की अपने, मैं तो ना जानू कि क्या हाल होगा,, मेरी मोहोब्बत हवाओं के जैसी छुने से ही मुझको आराम होगा,,
है पैरों मे पायल तुम्हारे लिए ही, है माथे पे टीका तुम्हारे लिए ही,, मेरी ऐ माला तुम्हारी ही है, पर जाने मिलन तुमसे किस पार होगा,,
मेरी मांग का तुमतो सिंदूर भी हो,, मेरी जिंदगी का तुम्ही नूर अब हो, मेरे हाथ चूड़ी बजे बस तुम्हारी, जाने मिलन तुमसे किस पार होगा,,,
मेरे मन की वीणा तुम्ही ने बजायी,, मेरी सारी उलझन तुम्ही ने मिटाई,, मेरा दर्दे दिल भी तुम्हे है मिटाना,,,,
तुमको ओं जाना मेरे दिल मे आना है,, घर एक बनाना जहाँ सिर्फ रहते हो मेरे पिया जी ,, तुम्हारी ही बनूँ एक दिन बस.,,
ना बंधन ही रोके.... ना कोई मुझको टोके तुमको लगालूँ गले अपने ऐसे,, सांसे भी आने ना पाएं बदन तक,,
होठों को चुमू मैं,, गालों को छू लूँ मैं,, बांहों मे झूलू ,, बालों से खेलूं,, तुमको मैं अपना बनाऊं कुछ इस कदर,, बस तेरी होलू,,,
उलझी हुई तुम पहेली के जैसे,, तुझमे मैं उलझू तो फिर खुल ना पाऊं,, मुझको दुआ दे कि दिल मे बस जाऊं...
दीवानी, दीवानी मैं तो हूँ अपने प्रियतम की दीवानी,,, 😍😍
दीवानी, दीवानी मैं तो हूँ अपने प्रियतम की दीवानी,,, 😍😍
मैंने करी जो गलतियां है,हमको समझ कर नासमझ तुम बस उन्हें ना दिल पे लेना,,
हमको प्रभु बस माफ करना,, मैंने किया ये गीत है तुमको समर्पित प्रेम से,, बस प्रेम ही समझो इसे,,
और गलतियों को माफ कर दो,, मैं साथ तेरे नाम जोडू,, मैं हूँ नहीं काबिल भी इसके,, मेरी खता बस इतनी सी तुझको मैं चाहूँ बस ह्रदय से,,
तुझे जिंदगी और जांन समझू माफ करना गलतियों को 🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾 जय शिव शम्भू 🙏🏾🙏🏾
🙏🏾 दीवानी🙏🏾
7 .....
1-आपकी ऑंखें मुझे प्यारी लगी कुछ इस कदर, देखने का मन करे दुनिया तेरी आँखों से अब।
आपके होठों का आलम क्या कहें हम , ऐ सनम, जैसे छुआ मेरे ख़तम सारे जनम।
आपके पैरों कि पायल आपके कोमल से पग, इनको छुआ ऐसा लगा मुझको मिला एक नया जनम।
आपके माथे पे सजता है जो प्यारा सा,है मोर भी सौभाग्यशाली , जिसने किये तुमको समर्पित पँख ऐ अपने।
2-हाल ऐ दिल..... 🙏🏾
किसको बताऊँ हाले दिल ,जबसे मिले तुमसे सनम ,दिल को हुई बड़ी मुश्किल।
तेरा वो मुझको देखना, तेरी नजर कातिल लगे,किसको कहूं मैं क्या कहूं ।
तेरा वो मुझसे बात करना, लब तेरे नाजुक से वो, होठों का जब खिलके हंसना, किसको कहूं और क्या कहूं।
तेरी वो हाथों कि छुअन, दिल को मेरे घायल करें, किससे बताऊँ हाल ऐ दिल , जाने यहाँ ना कोई भी मेरा ऐ दिल ,
क्या चाहता है सब कृपा तेरी सांवरे 🙏🏾
जब तुम कुछ हमसे बोलते हो ,कुछ नहीं कह पाती हूं तब, इसलिए मैं कह रही हूं ,शुक्रिया तेरा कर रही हूँ।
तुम रहो मेरे साथ हर पल, ये दुआ मैं कर रही हूं, शुक्रिया तेरा कर रही हूँ, गलतियों को माफ करना, बस मेरे तुम साथ रहना। थामे मेरा हाथ रहना, और अब कोई डर नहीं है, बस तुम ना हमसे दूर जाना।
🙏🏾 मेरे साँवरिया 🙏🏾🤗❤❤ शिवोहम❤❤
8.....
मेरी सासों मे हैँ, मेरे "शिवा" मैंने "शिवा" से वचन है लिया,,
जनम -जनम यूँही साथ रहेंगे, सुख चाहें दुख आएं मिलकर सहेंगे,
हांथो मे हाथ लेके कसमें जो खायी है, मैंने जुदा होकर सदियाँ बितायी हैँ,,
नैनो कि धारा मे तुमको ही ढूना है,, ओस कि चादर मे तुमको भिगोना है,,,
मेरे पिया बनकर के जब भी तुम आओगे चूमकर लबों को तेरे सदियों को जीना है,,
मैंने तो सांसों मे तुमको बसाया तुमको पिया जी मेरे आंगन मे आना है,,
मेरी संसो मे मेरे पिया हैँ,, तुमको तो अब ऐ सबको बताना हैँ ,
अब तो पियाजी तुमको आना ही होगा,, वादा किया वो निभाना तो होगा।।
9....
ओ गिरधर प्यारे हैँ , जगत से न्यारे हैँ,,
उन्हें जब भी देखूँ वो लगते अपने हैँ,, मगर जब जागूं मैं, वो लगते सपने हैँ,,
एक तरफ मैया उनकी, एक तरफ गैया उनकी,,
एक तरफ गोपी हैँ,, तो एक तरफ राधा हैँ,,,
इस तरफ देखो गिरधर कोई मीरा भी हैँ ना,,
मैं मीरा बनाना चाहूँ ,नयन मे भरना चाहूँ,, जब भी तुमको मैं देखूँ, तुम्ही मे खोना चाहूँ,,
तुम्हारी होकर मोहन,, मैं जीना मरना चाहूँ,,
मुझे भी दरस दिखा दो,, तरस कर कर बैठी हूँ मैं,, आज एक झलक दिखा दो,,,
मैं तुम मे खोने को अब,, और तेरी होने को अब,, रात दिन दिन चाहूँ अब ये,,
मुझे तुम खुद मे बसा लो,, मुझे भी श्याम बना लो,,
तुम कुछ भी कर सकते हो,, मुझे चरणों मे जगह दो,, मुझे भी श्याम बना लो 🙏🏾🙏🏾 राधे राधे 🙏🏾🙏🏾
.....SHIVOHAM....
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