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दीपावली आदि पर मंत्र साधना ...बेहद खास प्रयोग-क्लीम के बीज मंत्र का इस्तेमाल ..



दीपावली पर मंत्र साधना कैसे करें?-

दीपावली के दौरान लोग आमतौर पर गणेश और लक्ष्मी की पूजा करते हैं।लेकिन प्राचीन धर्मग्रंथों के अनुसार, ऐसे कई अनुष्ठान और साधनाएं हैं जिन्हें कोई भी व्यक्ति उज्जवल भविष्य और समृद्ध जीवन प्राप्त करने के लिए कर सकता है।कुछ अतिप्रभावशाली मन्त्र है जिनका दीपावली पर जप कर के जीवन मे आ रही बाधाओं को नष्ट किया जा सकता है व असाध्य से असाध्य मनोकामनाओं की पूर्ति की जा सकती है।शुरुआत दीपावली के शुभ दिन से करें,साफ सुथरे कपड़े पहनें,(पीला या सफेद।गुरु और देवी लक्ष्मी की धूप और पुष्प से पूजा करें।मां लक्ष्मी की तस्वीर के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं।अपने हाथ में थोड़ा सा पानी लेकर जमीन पर छोड़कर अपना उद्देश्य बताएं।मंत्र की 11 माला या साधना के अनुसार जाप करें।किसी भी मंत्र का जाप करने से पहले चारों दिशाओं में 4 दीपक या दीया जला लें और बीच में बैठ जाएं।मंत्रों की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए या तो दीपक की रोशनी पर या देवी लक्ष्मी की तस्वीर पर ध्यान केंद्रित करें।शाकाहारी रहें और केवल एक समय ही भोजन करें,आप फल और दूध ले सकते हैं।जप का प्रभाव बढ़ाने के लिए आप दीपावली के बाद 1 माला जाप कर सकते हैं।यहां कुछ बेहद शक्तिशाली और प्रभावी मंत्र दिए गए हैं जिनका जप दीपावली के अवसर पर उज्जवल भविष्य के लिए किया जा सकता है।

1-कुबेर के समान धन धान्य प्राप्ति करने का मन्त्र ;-

ॐ ह्रीं श्रीं नमो भगवते धनं देहि देहि ॐ

Om Hreem Shreem Namo Bhagwate Dhanam Dehi Dehi Om

2-आक्स्मिक धन प्राप्ति मंत्र;-

ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं नमः

Om Hreem Shreem Hreem Namah:

3-शीघ्र ध्यानस्थः होने का मन्त्र ;-

ॐ क्रीं ह्रीं हुं आं ॐ

Om Kreem Hreem Hum Aam Om

4-घर खरीदने का मन्त्र;-

ॐ ह्रीं वसुधालक्ष्म्यै नमः

Om Hreem Vasudhalakshmayee Namah:

5-विद्या प्राप्ति में कठिनाई का मंत्र;-

ॐ ऐं क्रीं ऐं ॐ

Om Aim Kreem Aim Om

6-अन्नपूर्णा मन्त्र;-

ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं अन्नपूर्णे स्वाहा

Om Hreem Shreem Kleem Annapurne Swaha

7-आयु वृद्धि मन्त्र;-

ॐ ऐं दीर्घायुष्यं सिध्यै ॐ नमः

Om Aim Dirghaayushyam Sidhayee Om Namah:

8-संतान सुख प्राप्ति मन्त्र ;-

ॐ नमो भगवते पुत्र सुखं साधय कुरु कुरु नमः

Om Namo Bhagwate Putra Sukham Sadhay Kuru Kuru Namah:

9-संतान नियन्त्रण मन्त्र

ॐ ह्रीं ज्वलमालिनि पुत्रं वशय आकर्षय ॐ नमः

Om Hreem Jwalamalini Putram Vashya Aakarshay Om Namah:

10-दुर्घटना का भय समाप्त करने का मन्त्र;-

ॐ क्रीं कलिके ह्रूं फट् स्वाहा

Om Kreem Kalike Hroom Phat Swaha

11- रोजगार प्राप्ति का मन्त्र ;-

ॐ ह्रीं कार्य सिद्धिं ॐ नमः

Om Hreem Karya Siddhim Om Namah:

12-धन के निरन्तर आगमन का मन्त्र;-

ॐ श्रीं श्रीं महाधनं देहि ॐ नमः

Om Shreem Shreem Mahadhanam Dehi Om Namah

13-महालक्ष्मी कृपा प्राप्ति मन्त्र ;-

ॐ ह्रीं श्रियं देहि महालक्ष्मी आगच्छ स्वाहा

Om Hreem Shriyam Dehi Mahalakshmi Aagach Swaha

14-यश सम्मान कि प्राप्ति का मन्त्र ;-

ॐ ऐं कीर्ति ऋद्धिं देहि देहि ॐ

15-मशीन सम्बन्धित व्यापार कि वृधि के ळिये मन्त्र;-

ॐ वं विश्वकर्मा आगच्छ साधय ॐ

Om Vam Vishwakarma Aagach Sadhay Om

16-चिकित्सा सम्बन्धित व्यापार कि वृधि के ळिये मन्त्र;-

ॐ ह्रीं ह्रौं ह्रां ह्रः ॐ नमः

Om Hreem Hraum Hraam Hraa: Om Namah:

17-क्रोध् शान्ति का मन्त्र;-

ॐ क्रीं क्रोधं संहरय वशय ॐ फट्

Om Kreem Krodham Sanharya Vashya Om Phat

18-स्वयम् के व्यक्तित्व में विशेषता लाने का मन्त्र;-

ॐ श्रीं ईं श्रियं साधय फट्

Om Shreem Eem Shriyam Sadhay Phat

19-पति पत्नी परस्पर आकर्षन मन्त्र;-

ॐ ह्रीं मोहिते आकर्षय नमः स्वाहा

Om Hreem Mohite Aakarshay Namah Swaha

20-घर निर्माण का मन्त्र;-

ॐ ऐं श्रीं ह्रीं कार्य सिद्धिं ॐ नमः

Om Aim Shreem Hreem Karya Siddhim Om Namah:

21-मुकदमें मे विजय प्राप्ति का मन्त्र ;-

ॐ ह्रूं शत्रून वशय विजय सिद्धिं ॐ फट्

Om Hroom Shatru Vasya Vijay Siddhim Om Phat

22-मनोवानच्छितम ईच्छा प्राप्ति का मन्त्र;-

ॐ क्लीं चामुण्डे मनोवानच्छितम कुरु कुरु फट्

Om Kleem Chamunde Manovanchitam Kuru Kuru Phat

23-आपतियों को दूर करने का मन्त्र;-

ॐ क्लीं आपद्उद्धरनाय फट्

Om Kleem Aapadudharanay Phat

24-भाग्योदय मन्त्र ;-

ॐ ह्रीं भाग्योदय कुरु कुरु रुद्राय फट्

Om Hreem Bhagyoday Kuru Kuru Rudray Phat

25-कार्य सिद्धि मन्त्र ;-

ॐ ह्रीं कार्य सिद्धिं ॐ नमः

Om Hreem Karya Siddhim Om Namah:

26-क्लेश नाशक मन्त्र ;-

ॐ क्लीं श्रं वं ॐ फट्

Om Kleem Shram Vam Om Phat

27-विपरीत स्थितः को अनुकूल बनाने का मन्त्र;-

ॐ श्रीं सौभाग्यं सुमङ्ग्लाय फट्

Om Shreem Saubhagya Sumangaly Phat

28-शीघ्र विवाह करने का मन्त्र ;-

ॐ क्लीं विवाह सिद्धिं ॐ ऐं फट्

Om Kleem Vivah Siddhim Om Aim Phat

नोट-गुरु आज्ञा व परामर्श ले कर ही साधना आरंभ करें।

क्लीम बीज मंत्र का अर्थ;-

02 FACTS;-

1-Kleem में क ल इ और म हैं शामिल है। का का अर्थ है कारण । ला का अर्थ है हमारी Physical body /भौतिक शरीर। इ का अर्थ है कारण शरीर ।म का अर्थ है पूर्णता /Completion। मंत्र में छिपी हुई शक्तियां होती हैं । इसके निरंतर जप से यह जागृत होना शुरु हो सकता हैं। इसे अकेले नहीं जपना चाहिए। क्लीम के आगे और पीछे मंत्रो को जोड़कर जपने से इसकी शक्तियां और बढ़ जाती हैं।क्लीम मंत्र के देवता -काली माता, श्री कृष्ण भगवान एवम् कामदेव हैं।क्लीं बीज मंत्र के उच्चारण मात्र से अर्थ, काम और मोक्ष -तीनों की पूर्ति की जा सकती है।इस बीज मंत्र का स्थान चक्र में मूलाधार चक्र हैं। इस मंत्र के साथ ॐ लगाकर जपने से यह आज्ञाकर चक्र को भी उत्तेजित कर सकता हैं।ये एक बीज मंत्र हैं।इस मंत्र के साथ ॐ जोड़कर जपने से इसकी शक्ति कई गुणा बढ़ जाती हैं।जाप करते ही यह उम्मीद मत करिए कि तुरंत ही इसकी आपको फल प्राप्ति होगी। एक उचित समय आने पर ही हो सकती हैं तब तक के लिए आपको धैर्य रखना होगा। आप निश्चित होकर श्रध्दा पूर्वक जप जारी रखें -उम्मीद मत छोड़िए।क्लीम् मंत्र को एक शक्तिशाली मंत्र माना जाता हैं। इसके निरंतर जप करने से हमारे अंदर ऊर्जा का संचार होते रहता हैं। यही ऊर्जा पॉजिटिव एनर्जी हमारे जीवन में बहुत कुछ परिवर्तन लाने में मदद कर सकती है। इस मंत्र की शक्ति हमेशा आपके साथ ही रहती है ।ये हमेशा आपके हित में अच्छा होगा कि वह यह कार्य अपने आप करने लगती हैं और आपको पता भी नहीं चल पाता।

2-इस मंत्र की ऊर्जा आपके रिश्तों में आए बिखराव में सामंजस्य स्थापित करने में मदद कर सकता हैं। पुरानी मित्रता में आई कटुता को लेकर हो या वैवाहिक संबंधों में दरार हो या आपके व्यापार वृद्धि मे रुकावट हो या कोई तंत्र मंत्र की विधि की गई हो या काला जादू जैसे प्रक्रिया आप पर या आपके परिवार पर हुई हो तो क्लीम मंत्र के निरंतर जप से हर समस्या से निजात मिल सकती हैं।धन सुख समृद्धि में कमी लाख मेहनत के बावजूद निराशा हताशा ही हाथ लग रही हो तो इस मंत्र के निरंतर जप से धन वैभव को आकर्षित कर सकते हो।इस मंत्र की ऊर्जा शक्ति सेहत संबंधी समस्या को भी हल करने में सक्षम बन सकते है। ऐसा माना जाता है कि क्लीम बीज मंत्र का वायब्रेशन्स मूलाधार चक्र ,आज्ञा चक्र,सहस्रार चक्र मे वायब्रेट होता हैं जिससे यह मानसिक तनाव को दूर करने में मदद कर सकता हैं। इस मंत्र के निरंतर जप मात्र से ब्लड प्रेशर, स्लीपिंग डिसऑर्डर्स जैसी समस्या से भी मुक्ति मिल सकती हैं।

क्लीम के बीज मंत्र का इस्तेमाल ;-

05 FACTS;- 1-क्लीम बीज मंत्र के उच्चारण मात्र से ही जो भी चीज व्यक्ति के मन में चलती है ;वह दुगनी तेजी से उसके जीवन में खिंची चली आती है। क्लीम बीज मंत्र का जाप आकर्षण शक्ति को कई गुना अधिक बढ़ा देता है। वहीं दूसरी ओर क्लीम के बहुत सारे प्रयोग होते हैं जिससे जीवन में कुछ भी पाया जा सकता है। जिस भी चीज को आप अपने जीवन में बढ़ाना चाहते हैं ;खासकर कि अगर किसी चीज को अपने जीवन में आकर्षित करना चाहते हैं तो उन सभी चीजों के लिए क्लीम बीज मंत्र कार्य करता है। बल्कि ऐसा कहा गया है कि ऐसी कोई भी चीज इस संसार में नहीं है जो क्लीम बीज मंत्र से ना पाई जा सके । लेकिन इसको जाप करने के साथ-साथ कुछ खास क्रियाएं भी अगर की जाती है तो इसका जाप करना विशेषकर लाभकारी होता ही है। इससे यह मंत्र बिल्कुल एक विद्युत चुंबक की तरह कार्य करने लग जाता है। यानी की शक्ति और भी ज्यादा अधिक बढ़ जाती है। लेकिन काफी लोगों को इसके बारे में पता नहीं होता है। जो लोग एडवांस साधना करते हैं, उसमें सारी चीजें बताई ,सिखाई जाती है । 2- खुद भगवान श्रीकृष्ण भी क्लीम बीज मंत्र का इस्तेमाल करके सभी लोगों को अपनी ओर सम्मोहित आकर्षित कर लेते थे क्योंकि जब भी वह बांसुरी बजाते थे तो ऐसा कहा जाता है कि उनकी बांसुरी से क्लीम बीज मंत्र ही धुन बनकर निकलता था। जो लोग बांसुरी बजाना जानते हैं वे अच्छी तरह से जानते हैं कि किस प्रकार अपने शब्दों को ही धुन में बदला जाता है। यही वजह है कि कोई गाना अगर गाया जाता है तो उस गाए हुए गाने को बांसुरी से बड़ी आसानी से बोला जा सकता है। यानी कि धुन में बजाकर उन्ही शब्दों को बड़ी आसानी से बोला जा सकता है और कृष्ण भगवान इसी तरह से करते थे । बीच में क्लीम बीज मंत्र का इस्तेमाल करके गजब की बांसुरी बजाते थे तो उनकी ओर सभी लोग आकर्षित होते ही चले जाते थे और उनके सम्मोहन में बन जाते थे। तो इसी प्रकार क्लीम के बहुत सारे मंत्र एवं प्रयोग होते हैं जो काफी कम लोगों को ही पता होते हैं बल्कि क्लीम बीज मंत्र का बिना किसी प्रयोग के अगर आप यूं ही उच्चारण करते हैं तो उसका लाभ आपको मिल नहीं पाता है। अगर आप उन क्रियाओं को जान लेते हैं कि किस प्रकार करते है क्योंकि वह तंत्र के अंतर्गत आती हैं तो बड़ी आसानी से किसी भी समृद्धि बढ़ाने वाली चीजों को आकर्षित करने के लिए इस बीज मंत्र का इस्तेमाल किया जा सकता है। 3- तो सबसे पहले बेसिक लेवल स्टार्ट करने के लिए आपको केवल क्लीम बीज मंत्र का ज्यादा से ज्यादा जाप करना चाहिए । बल्कि अगर आप अपने जीवन में नौकरी आकर्षित करना चाहते हैं या व्यवसाय मे बहुत सारे ग्राहकों को आकर्षित करना चाहते हैं जिससे आपका व्यवसाय दुगनी तेजी से बढ़ सके तो ऐसे हालातों में भी क्लीम बीज मंत्र का इस्तेमाल किया जा सकता है।अगर आप एक सिटिंग में बैठकर 10,000 से अधिक क्लीम बीज मंत्र का जाप करते हैं तो इससे तुरंत ही चीज बहुत तेजी से आपकी ओर आकर्षित होने लग जाती है। इच्छा पर ध्यान लगाकर यह बीज मंत्र का जाप किया जाता है ।लेकिन इस प्रयोग को करने के लिए आपको केवल इतना करना है कि घी का दीपक जलाकर उसमें चंदन का इत्र या सेंट आपको डाल देना है। अथवा चंदन का इत्र अपने कपड़ों पर लगाकर या अपने कमरे में छिड़ककर वहीं पर ध्यान करते हुए ;उसी दीपक को देखते हुए अगर क्लीम बीज मंत्र का अपनी इच्छा पर ध्यान लगाते हुए 10,000 से अधिक मंत्र का जाप करे तो तुरंत ही वह चीज आकर्षित हो जाती है।10,000 जाप सुनकर काफी लोग भयभीत हो जाते हैं कि कितने घंटे लगेंगे ।जो लोग इस बीज मंत्र का इस्तेमाल करते हैं ;मात्र आधे से 1 घंटे में ही 10,000 से अधिक का मंत्र जाप हो जाता है। 4-इस बात का ध्यान रखें कि जब एक सिटिंग में बैठते हैं तो यह कोशिश करें कि 10,000 से अधिक जाप पहुंच सके। जैसे ही 10,000 से अधिक जाप पहुंचते हैं तुरंत स्पीड मंत्र की शक्ति आ जाती है।कुछ साधक गलती करते हैं कि क्लीम बीज मंत्र का जाप तो करते हैं, लेकिन 5 मिनट 10 मिनट या 15 मिनट ही कर पाते हैं और फिर उठ जाते हैं ।वास्तव में, जब किसी बीज मंत्र का या किसी और मंत्र का इस्तेमाल करते हैं तो जिन शब्दों को आप बोलते हैं, यही शब्द वातावरण में एक ऊर्जा को बनाने लग जाते हैं। इसीलिए कहा जाता है, मंत्र साधना करी जाती है तो साथ-साथ ब्रह्मचर्य का पालन होना चाहिए और साथ में गलत चीजों को नहीं करना चाहिए क्योंकि जिस ऊर्जा को आप बना रहे हैं और गलत चीजों को अगर आप करते हैं तो वहीं ऊर्जा नष्ट भी होती है। जिससे मंत्र जाप का कोई भी लाभ नहीं मिल पाता है और इसीलिए बहुत सारे लोगों को लाभ भी नहीं मिल पाता है। लेकिन अगर क्लीम बीज मंत्र का 10,000 से आधे भी किया तो आपके आसपास आकर्षक विद्युत ऊर्जा बनने लग जाती है। जितनी भी चीजों को आप करते हैं या जिन भी चीजों की कामना करना चाहते हैं, कुछ सारी चीजें बहुत तेजी से जीवन में आकर्षित होती है।आप इस साधना को कभी भी आज से या कल से शुरू कर सकते हैं क्योंकि उनमें किसी भी प्रकार के शुभ योग की आवश्यकता नहीं पड़ती है। 5-यह बीज मंत्र कभी भी फेल नहीं होता है। अगर फेल होता भी है तो इसीलिए होता है कि इसमें आप कुछ गलती कर देते हो।तो इस बात का ध्यान रखें कि जब दीपक की और देखेंगे तो अपनी आंखों को बिल्कुल उस पर त्राटक करते हुए देखना है। जैसे ही दीपक को आप त्राटक करना शुरू करेंगे और आंखों को बंद करेंगे तो दोनों आंखों के बीच में जाने पर आज्ञा चक्र की एक बड़ी ज्योति जलती हुई स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। उसी रोशनी को पकड़ते हुए क्लीम बीज मंत्र का जप करेंगे और जिस चीज को पाना चाहते हैं, उसका ध्यान साथ साथ करते रहेंगे।जब आप इस क्रिया को करेंगे अर्थात जब आप आंखें बंद करके आज्ञा चक्र पर उस रोशनी को देखेंगे तो रोशनी धीरे-धीरे उज्जवल हो जाती है।फिर आपको दोबारा से दीपक पर त्राटक करना है। उस ज्योति को प्रगाढ़ कर लेना है और फिर आंखें बंद करके फिर उस रोशनी को पकड़ने की कोशिश करनी है। बस इसी माध्यम से यानी आज्ञा चक्र का इस्तेमाल करते हुए कुछ भी अपने जीवन में बड़ी आसानी से आकर्षित किया जाता है। यह बिल्कुल एक बेसिक लेवल होता है ।इसी प्रकार और भी बहुत सारे प्रयोग होती हैं, जिसमें अलग-अलग चक्रों का ,अलग-अलग क्रियाओं का इस्तेमाल किया जाता है जिससे अलग-अलग उद्देश्य की प्राप्ति होती है। जैसे कि काफी लोगों की समस्या होती है कि नौकरी नहीं लग पा रही है या फिर आपका व्यवसाय नहीं चलता है।या फिर कर्ज में बहुत ज्यादा परेशान रहते हैं और घर में कलेश होता ही रहता हैं- मन को बिल्कुल भी शांति नहीं मिलती है ।तो आपको कुछ खास प्रयोग करना है।

साधना विधि;-

पहले ध्यान मुद्रा में बैठिए ध्यान मुद्रा में बैठने के बाद अपना ध्यान स्थिर करिए। फिर क्लीम् बीज मंत्र को आपके इच्छित मंत्र के साथ जोड़कर प्रारंभ करिए। फिर आपके अंदर एक अद्भुत मैग्नेटिक पावर विकसित होगा। आप के सोच और जप करने में जितनी पवित्रता और श्रद्धा के साथ शुद्धता होगी उसी अनुसार आप फलादेश की उम्मीद कर सकते हो ।इसके लिए किसी भी शुक्रवार या कृष्ण पक्ष की अष्टमी की रात्रि से प्रयोग किया जाता है, अक्षतों को लाल कुमकुम से रंग लिया जाना चाहिए ।रात्रि का दूसरा प्रहर हो ।स्नान कर पीले वस्त्र धारण कर पीले आसन पर बैठकर सामने लकड़ी की एक बड़ी चौकी पर पीला वस्त्र बिछा ले और उस पर सदगुरुदेव का चित्र तथा भगवान कृष्ण का मोहक चित्र स्थापित कर ले और उसी वस्त्र पर आपको उसमें चंदन और सिंदूर को मिलाकर त्रिकूट बना देना है और उसमें “क्लीं” अंकित कर दे ।उस ट्रायंगल के बायीं (अर्थात अपने दाई ओर) घृत का दीपक प्रज्वलित कर ले, दीपक की बत्ती हल्दी या केसर से रंग कर पीली कर लेनी चाहिए और सुखाने के बाद प्रयोग करना चाहिए ।अब अक्षत, धूप, दीप गुलाब पुष्प, खीर, पान, लौंग और इलायची से सदगुरुदेव, गणपति और कृष्ण जी का पूजन करना चाहिये, और मुझे पूर्ण निश्छल प्रेम की सतत प्राप्ति हो ऐसी प्रार्थना करनी चाहिए ।तत्पश्चात उस अंकित “क्लीं” का भी वैसे ही पूजन कर के दीपक की लौ पर दृष्टि स्थिर कर अर्थात त्राटक करते हुए “ॐ क्लीं” (kleem) बीज का 15मिनट तक उपांशु उच्चारण करना चाहिए । यथासंभव पलकें स्थिर रखें या कम से कम झपकायें ।इसके बाद लाल अक्षतों को उस अंकित बीज मंत्र पर निम्न मंत्र बोल कर अर्पित करें अर्थात एक बार मंत्र और 1अक्षत अर्पित करना है, ये क्रम 30 मिनट तक करना है

1-क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामांग्लाय नम/Kleem Gloum Kleem Shyamanglaay Namah;--

इस के बाद पुनः बीज मंत्र का उच्चारण करते हुए 15 मिनट तक त्राटक करें और जप गुरु चरणों में समर्पित दें ।ये क्रम 7 दिन तक किया जा सकता है ।जब पूरा विधान हो जाये तो एक तो परिस्थितियाँ विपरीत यथा संभव नहीं होंगी और यदि हुयी भी तो 7 पीपल के पत्तों पर कुमकुम से बीज मंत्र अंकित कर और अपनी योग्य कामना बोलकर और प्रार्थना कर आप बहते साफ़ जल या मंदिर में कुछ दक्षिणा के साथ अर्पित कर दें । प्रभाव स्वयं ही आपके सामने होगा ।

2-ॐ क्लीम् क्लीम् कालिके मां ॐ हुम् फ़ट स्वाहा;-

मां काली को प्रसन्न करने एवम उनकी कृपा और आशीर्वाद के साथ सुरक्षा कवच पाने के उद्देश्य से किया जा सकता हैं। नित्य केवल 108 बार या एक माला करना ही काफी हो सकता हैं।यदि ज्यादा करना चाहते हैं तो पहले स्वयं जांच ले इस मंत्र से निर्मित ऊर्जा को झेल पाने की सहनशीलता क्या आपके अंदर है।यह सिद्ध किया हुआ मंत्र है। इस मंत्र का उपयोगी केवल किसी के ऊपर की गई विपरीत क्रियाओं को उतारने के लिए किया जा सकता हैं।किसी के ऊपर काला जादू या तंत्र विद्या जैसे कुछ किया गया है और पीड़ित व्यक्ति की पीड़ा कम नहि हो रही हैं तो इस मंत्र को रूद्राक्ष स्फटिक माला से जप कर उस माला को एक कांच के ग्लास मे पानी लेकर माला को पानी में आधा घंटा डुबोकर रखे।आधा घंटे बाद वह माला निकालकर पीड़ित को पानी पिला दिजिये पीड़ित को जरुर राहत मिलेगी। पर यह रोज करने से ही उचित फल की उम्मीद की जा सकती हैं।मां काली के इस मंत्र से मां काली की कृपा प्राप्ति से पीड़ित को पीड़ा से मुक्ति मिल सकती हैं।

3-ॐॐ क्लीं तत सत श्रीं कृष्णये नमः ॐ;-

क्लीम मंत्र को भगवान कृष्ण के साथ जोड़कर भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त की जा सकती हैं। श्री कृष्ण का यह मंत्र जपने से मंत्र की ऊर्जा शक्ति और बढ़ जाती हैं। इस मंत्र से जीवन में आप जो चाहते हो वह भी आकर्षित कर सकते हो।

रोग, बीमारी से, मानसिक ,शारिरिक व्याधियों से परेशान हो तो भी इसे जपा जा सकता है।

4-ॐ क्लीं कामदेवाय कामना पूर्णरूपेण नमः;-

यह कामदेव का बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है। यह प्रेम संबंधित समस्याओं का समाधान पाने के उद्देश्य से यह जप किया जा सकता हैं।कामदेवजी के इस मंत्र जाप से टूटे हुए प्रेम को दोबारा से जोड़ने की कोशिश की जा सकती हैं। इस मंत्र के जप से जो ऊर्जा शक्ति निर्मित होगी वह आपके टूटे हुए रिश्ते को जोड़ने में मदद कर सकता है।

NOTE;-

ये सभी प्रयोग आपको पॉजिटिविटी के साथ उपयोग करने के लिए बताए गए हैं। जो भी साधक इसे किसी के मदद के उद्देश्य से या मानव जाति के कल्याण हेतु उपयोग करेंगे उनको यह सभी मंत्र फलदाई सिद्ध हो सकते हैं।क्लीम बीज मंत्र साधना से साधक सिद्धि प्राप्त करने की भी कोशिश कर सकते हैं पर इसके लिए गहरे ध्यान में उतरने की आवश्यकता है।मंत्र जपते वक्त सुखासन में या पद्मासन में बैठकर ध्यान मुद्रा में बैठना जरुरी है।क्लीम बीज मंत्र एक बहुत ही शुद्ध और शक्तिशाली मंत्र माना जाता हैं। जैसे जैसे आपके मंत्र जप की संख्या और समय बढ़ता जायेगा आप स्वयं ही खुद के अंदर अद्भुत दिव्य शक्तियों का अनुभव कर सकते हो।दूसरो को हानि या बर्बाद करने के उद्देश्य से यह जाप करने का प्रयत्न कर रहे हो तो कृपया क्लीम मंत्र का उपयोग कदापि ना करें। करने वाले को तो फिर विपरीत परिणाम भोगना ही पड़ता है और स्वयं के विनाश के जिम्मेदार वे खुद हो सकते हैं।मंत्र जपते वक्त जितनी पवित्रता और श्रद्धा होगी उसी के अनुसार आप उतने ही जल्दी और उतनी अधिक पॉजिटिव एनर्जी और दिव्य शक्तियों को अनुभव कर सकते हो।

....SHIVOHAM.....

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