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दिवाली के बेहद खास प्रयोग-'श्रीं' के बीज मंत्र का इस्तेमाल

02 FACTS;-

1-दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए लोग कई तरह के उपाय करते हैं। शास्त्रों के अनुसार, दिवाली का दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए बेहद शुभ माना जाता है। हालांकि इस दिन कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है।दिवाली पर बेहद खास चीजें करी जा सकती हैं।इस दिन सभी नकारात्मक शक्तियां बिल्कुल शक्तिहीन हो जाती है और सकारात्मक प्रभाव काफी ज्यादा अधिक बढ़ जाता है। यही वजह है कि इस एक रात पर की गई साधना रात्रि में ही सिद्ध करी जा सकती है। यानी कि पूरे साल में इस 1 दिन भी अगर आप लगन और मेहनत से साधना कर लेते हैं तो पूरा साल ही इन सब चीजों का लाभ प्राप्त होता है ।अगर आप कोई मंत्र को सिद्ध करना चाहते हैं तो दिवाली के दिन कर सकते हैं ।अगर आप कोई भी मंत्र लेकर उसे दीवाली की रात पर बैठकर कम से कम 1,00000 बार मंत्रों का जाप अगर कर लेते हैं तो यह समझ ले कि दिवाली की रात पर ही मंत्र सिद्ध हो जाता है।संपूर्ण मंत्र की सिद्धि प्राप्त आपको निश्चित हो जाती है ।और बहुत सारे मंत्र मंत्र विज्ञान में बताए गए हैं, जिनके अलग अलग लाभ होते हैं। तो जिस प्रकार की आपकी भावना है या जो प्राप्त करना चाहते हैं, जिन भी चीजों को आगे करना चाहते हैं, उसी प्रकार कोई भी मंत्र चुनकर दिवाली के दिन बस आप उसको रुद्राक्ष की माला से एक लाख बार जाप कर ले।

2- इसीलिए सबसे पहले तो आप यह ध्यान रखें कि कोई भी एक बीज मंत्र आप ले सकते क्योंकि बीज मंत्रों को एक लाख जाप करना पूरे दिन में बड़ा ही ज्यादा आसान रहता है। अगर आप बड़ा मंत्र चुनेंगे तो फिर आप एक लाख जाप पूरे दिन में कर ही नहीं पाएंगे। बीज मंत्र में आप देवी दुर्गा के बीज मंत्र का जाप कर सकते हैं।''ओम दुम दुर्गाय नमः '' एक ऐसा मंत्र है जिसमें माता लक्ष्मी, माता सरस्वती और माता महाकाली तीनों की शक्तियां विराजमान रहती हैं।यह बहुत ही ज्यादा शक्तिशाली मंत्र है।ॐ दुं दुर्गायै नम:/ओम दुम दुर्गाय नमः/Om Dum Durgaye Namha में इतनी शक्ति विराजमान रहती हैं कि इस मंत्र को सिद्ध करने वाला साधक वशीकरण व सम्मोहन अपनी आंखों से ही कर लेता है।उसके जो शत्रु होते हैं, उसे देखते ही भागना शुरु कर देते हैं। इस मंत्र से इतनी ज्यादा शक्ति की प्राप्ति होती है कि जैसे कोई अगर डरता है ,उसके मन में चिंता रहती है तो इस मंत्र को जाप करने से उस व्यक्ति में इतनी शक्ति बढ़ जाती है कि बिल्कुल स्टेबल रहने लग जाता है। दूं [दुर्गाबीज]-इस दुर्गाबीज में द्= दुर्गतिनाशनी दुर्गा, = सुरक्षा एवं बिंदु= दुखहरण है… इस प्रकार इसका अर्थ है दुर्गतिनाशनी दुर्गा मेरी रक्षा करे और मेरे दुख दूर करे… तो केवल इस मंत्र को चुनकर दिवाली की रात भर पूरा दिन ही 1,00000 बार आप जाप कर सकते हैं। नहीं तो आप तरह-तरह के बीज मंत्र भी ले सकते हैं जैसे श्रीं।यहाँ पर आपको एक बात का विशेष ध्यान रखना है कि जब तक दुर्गा देवी की साधना के साथ बटुक भैरव का नाम उच्चारण ना किया जाए तब तक माँ प्रसन्न नहीं होती है|इसलिए ऊपर दिए मन्त्र का जाप जब समाप्त हो जाए तब आप बटुक भैरव जी के मंत्र का 5 या 11 बार उच्चारण रोज़ाना करना है|

''ॐ बं बटुक भैरवाय: नमः -Om Bum Batuk-Bhairvaye Namha''.

श्रीं (लक्ष्मी बीज);-

04 FACTS;-

1-श्रीं महालक्ष्मी माता या धन-दौलत का बीज मंत्र है।इस बीज मंत्र में -श्- महालक्ष्मी, र्- धन संपत्ति, ई- महामाया, नाद- विश्वमाता तथा बिंदू- दुखहरण हैं। इसका अर्थ है- धन संपत्ति की अधिष्ठात्री माता लक्ष्मी मेरे दुख दूर करें। इस मंत्र के प्रयोग से सभी प्रकार के आर्थिक संकट दूर होते हैं, कर्ज से मुक्ति मिलती है और शीघ्र ही धनवान व पुत्रवान बनते हैं।“श्रीं” बीज मंत्र साधना को करना बेहद फायदेमंद माना जाता है क्योकि ये महालक्ष्मी एकाक्षरी मंत्र है और धन की हर समस्या को दूर करने वाला मंत्र है जिसके परिणाम देखने लायक है। धन से सम्बंधित जो भी समस्याये है उन सभी समस्याओ का समाधान हो जाता है ।इस प्रयोग की सबसे श्रेष्ठ बात यह है की इसका मंत्र बहुत ही सरल और सुगम है। श्रीं बीज मंत्र माँ लक्ष्मी का महालक्ष्मी एकाक्षरी मंत्र है जो पैसो को आकर्षित करने का काम करता है।धन के लिए आपको हर रोज एक माला श्रीं बीज मंत्र का जप करना शुरू कर देना चाहिए। यही नहीं- ये उस जगह का औरा बूस्ट करता है जहाँ इस मंत्र का जप होता है।

2-जब आप इसका जप करते है तब पॉजिटिव और मैग्नेटिक औरा फील्ड आपके औरा को मजबूत करता है। श्रीं बीज को पावरफुल बीज मंत्र में से एक माना जाता है। आकर्षण का मंत्र होने की वजह से धन को ये साधक की तरफ आकर्षित करने लगता है। श्रीं बीज मंत्र का नियमित जप आपको पॉजिटिव बनाता है जिसकी वजह से आप उन लोगो को अपनी तरफ आकर्षित करते है। ये आपके आसपास एक ऐसा वातावरण बनाता है जो आपको सकारात्मक रखने के साथ साथ लोगो से जुड़ने में मदद करता है। वैसे तो इस मंत्र के जप करने के कई तरीके है जिसमे आप चाहे तो मानसिक जप कर सकते है लेकिन चूँकि हमें इसके वाइब्रेशन को बॉडी के साथ अलाइन/Align करना होता है इसलिए इसका जप बोलकर होना चाहिए ।

जब हम बोलकर इसका जप करते है तब न सिर्फ हमारी बॉडी में इस बीज मंत्र का वाइब्रेशन फील किया जाता है बल्कि ये हमें फोकस होने में भी मदद करता है। लेकिन इसके लिए आपका उस मंत्र के वाइब्रेशन को फील करना जरुरी है। सबसे बढ़िया तरीका है आप खुद बोलकर इसका जप करे और बॉडी में साथ ही साथ इसका वाइब्रेशन अनुभव करे। बीज मंत्र सीधे तौर पर हमारे चक्रो को प्रभावित करते है ।उनमे एनर्जी का फ्लो बढ़ने लगता है।

3-अगर साधना को शुरुआती स्तर पर ही बड़े लेवल पर किया जाए तो ये उर्जा का प्रवाह आपकी सहनशक्ति से बाहर होगा। कुछ साइड इफ़ेक्ट का सामना भी करना पड़ सकता है जैसे की बॉडी में होने वाली असहनीय उष्णता का अहसास। हलाँकि ऐसा बहुत कम बार देखने को मिलता है लेकिन फिर भी किसी भी बीज मंत्र का ऐसे ही जप करना उचित नहीं होता है। इनके शुरुआत में ॐ का जप करना फायदेमंद है क्योकि ये उर्जा के प्रवाह को कण्ट्रोल करता है और आपको ज्यादा से ज्यादा लाभ हासिल करने में मदद करता है। श्रीं बीज मंत्र न सिर्फ धन को आकर्षित करते है बल्कि इनका नियमित जप करना आपको मन की शांति प्रदान करता है। इस मंत्र के प्रभाव से आपके चारो तरफ एक पॉजिटिव औरा मैग्नेटिक फील्ड बनना शुरू हो जाती है और आप नेगेटिव लोगो से प्रभावित होने से बचते है। अगर आप श्रीं बीज मंत्र chant के दौरान उर्जा के प्रवाह को कण्ट्रोल नहीं कर पा रहे है तो इसका दूसरा मंत्र ॐ श्रीम महालक्ष्मीयै नमः / Om shreem maha Lakshmiyai namaha का भी जप कर सकते है। ये मंत्र भी फायदेमंद है लेकिन इसका प्रभाव आपको देर सवेर से मिलता है। बेहतर होगा कि जल्दबाजी ना करे और धीरे धीरे अपने सामर्थ्य के अनुसार ही आगे बढे। श्रीं बीज मंत्र का उच्चारण करते समय आप अपने बॉडी में इसका वाइब्रेशन साफ तौर पर महसूस कर सकते है।

4-इसका हर रोज जप करना आपके चक्रो को भी सक्रिय करता है जिसकी वजह से आप दूसरो पर अपना प्रभाव डालने में कामयाब होने लगते है। कुछ लोग किसी खास महूर्त से इसकी शुरुआत करते है जो की उनके आस्था पर निर्भर है। आप जब चाहे इसकी शुरुआत कर सकते है। मंत्र की शक्ति उसके वाइब्रेशन में होती है। अगर आप सही अनुभव चाहते है तो इसके लिए आपको मंत्र का सही वाइब्रेशन मालूम होना चाहिए। बीज मंत्र को मानसिक जप और तेज आवाज में आप जैसे चाहे जप कर सकते है लेकिन, आपका पूरा फोकस इस मंत्र से निकलने वाली साउंड पर होना चाहिए। आपकी पूरी बॉडी में होने वाला वाइब्रेशन शरीर के हर हिस्से में महसूस होना चाहिए। हर रोज सुबह शाम जब भी आपको समय मिले खुद को शांत रखते हुए इसका 108 बार जप करे आपको कुछ समय बाद ही बदलाव और फायदे दिखना शुरू हो जाएंगे ।

अभय बीजमन्त्र "भं";-

अभय बीजमन्त्र - अभय का मतलब है निर्भय, जहाँ आपको किसी प्रकार का भय न रहे । अगर आपको किसी भी तरह का भय लगता है तो उसके लिए "भं" नाम का बीज है जो भैरव देवता का बीज है । भैरव इसके अधिष्ठाता देवता माने गये है जो समस्त ग्रहबाधा, भूतबाधा, तन्त्रबाधा का नाश करनेवाले है और ये मन्त्र "अचूक मन्त्र" और "अकाट्य मन्त्र" भी कहा गया है । इसका विधान है कि शुक्रवार अथवा शनिवार मेँ से किसी भी एक दिन भैरव देवता के विग्रह का आप स्थापन करेंगे, फिर पंचोपचार पूजा उनकी विधिवत् संपन्न करें और संभव हो तो उस दिन भी आपको व्रत ही रखना चाहिए । शाम को जब ये संपूर्ण पूजाक्रम आपका समाप्त हो जाए तो पूजास्थल पर आपको भैरव की प्रतिमा के सामने ही एक छोटा सा त्रिशूल स्थापित करना है और फिर वहीं पर भैरव देवता का मानसिक रुप से आवाहन करना है । लड्डु का प्रसाद बनाकर भैरव को आप अर्पित कर दीजिए और फिर लाल रंग का कम्बल चुनकर उसका आसन बनाकर उसपर स्थित होकर के "भं" बीजमन्त्र का आपको जाप करना है । हकीक की माला या रुद्राक्ष की माला मेँ से कोई भी माला लेकर आप पाँच माला का मन्त्रजाप करेंगे । बीजमन्त्र को यदि आप कपूर मिश्रित स्याही से लिखते है,या किसी भी स्याही मेँ यदि आप कपूर मिलाकर उसे भोजपत्र पर लिखते है तो इससे ये मन्त्र उत्कीलित होता है और भैरव की कृपा आपको शीघ्र प्राप्त होती है ।

धनिया की जड़ से करें धन वृद्धि के उपाय;-

02 FACTS;-

1-धनिया ना सिर्फ आपके खाने का जायका बढ़ाता है बल्कि इसके उपाय आपकी किस्मत को भी चमका सकते हैं। धनिया का प्रयोग कई चीजों के लिए किया जाता है लेकिन टोटकों में इसका प्रयोग कारगर सिद्ध होता है। तंत्र शास्त्र के अनुसार, इसके उपाय करने से ना सिर्फ घर में सुख-शांति का वास हो सकता है बल्कि आपकी आर्थिक स्थिति को भी मजबूत हो सकती है। लेकिन इनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है फिर धनिया के ये टोटके आम प्रचलन में आते हैं। धनिया की जड़ों में माता लक्ष्मी का वास बताया गया है। आपको दिवाली के दिन एक छोटा सा पौधा लेकर आना है ;जो हरा वाला पार्ट है। आपको इससे बिल्कुल अलग कर देना है और धनिया की जड़ का इस्तेमाल करना है। आपको सिर्फ इतना करना है कि जड़ को माता लक्ष्मी के चरणों में दीवाली की रात को आपको रख देना है और इस जड़ के पास 8 छोटी-छोटी चावल की ढेरी आपको बनानी है।धनिया की जड़ को थोड़ी देर के लिए पिसी हल्दी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर भीगा देना है। 8 छोटी-छोटी चावल की ढेरी अष्टलक्ष्मी के लिए रखी जाती है।

2-अष्टलक्ष्मी सिद्ध करना बेहद आवश्यक होता है क्योंकि केवल पैसा ही लक्ष्मी नहीं है। बहुत सारे ऐसे लोग भी होते हैं जिनके पास पैसा तो होता है लेकिन बाकी चीजें नहीं होती। अच्छी सेहत नहीं होती है, अच्छे संतान नहीं होती है और यह सभी चीजें किसी व्यक्ति को तभी प्राप्त हो पाती हैं, जिसके पास अष्टलक्ष्मी की सिद्धियों हो।लक्ष्मी के आठ रूप ये हैं- आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, सन्तानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, भाग्य लक्ष्मी , विजयलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी।माता लक्ष्मी को दिखाकर चौमुखी दीपक को जलाना है। अगर आपके पास काली हल्दी है तो काली हल्दी से और काली हल्दी नहीं है तो पीली हल्दी का इस्तेमाल आप कर सकते हैं। इस जड़ के सामने आपको 'ओम श्रीम नमः' मंत्र का जाप करना है। कम से कम 1 से 2 घंटे बैठकर आपको इस मंत्र को जाप करना है।इस जड़ को अगर फिर आप अपने घर में कहीं भी उत्तर दिशा में रख देते हैं तो सौभाग्य की प्राप्ति होती है।कई वनस्पतियों को दीवाली पर ही इसी प्रकार सिद्ध किया जाता है और अपने घर में रखा जाता है क्योंकि दिवाली की रात शक्तियां भ्रमण कर रही होती है।तो किसी प्रकार दिवाली पर धनिए की जड़ को सिद्ध करके अगर आप अपनी तिजोरी में रख लेते हैं तो यह समझ ले कि आप की तिजोरी में कभी भी धन की कमी नहीं पड़ेगी।यह खास तंत्रोक्त और सिद्ध प्रयोग है तो आप इसका लाभ उठाएं।

...SHIVOHAM...










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