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नवग्रह गायत्री मन्त्र....



नवग्रह गायत्री मन्त्र के अनुसार इस पुरे ब्रह्मांड में 9 ग्रह हैं जो व्यक्ति की कुंडली और व्यक्ति के जीवन में विद्यमान होकर अपने अच्छे-बुरे प्रभाव को दर्शाते हैं। इन नव ग्रहों का असर व्यक्ति के करियर, स्वास्थ्य संबंध विवाहित जीवन पर देखने को मिलता है।नवग्रह गायत्री मन्त्रको शांत मन के साथ, अपने आप को प्रभु के चरणों में समर्पित करते हुए पढ़ने से निश्चित ही धन धान्य की प्राप्ति, कीर्ति में बढ़ोतरी होती है तथा सारे कष्ट दूर हो जाते हैं | इस मंत्र का पाठ आरम्भ करने से पहले सर्वपर्थम भगवान गणेश की वन्दना करें। नवग्रह गायत्री मन्त्र का पाठ करने से भक्त को मन की शांति मिलती है और वह व्यक्ति सभी बुराइयों और बुरे विचारों से दूर रहता है।


सूर्य गायत्री...


1) ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥

2) ॐ आदित्याय विद्महे सहस्रकिरणाय धीमहि तन्नोः भानुः प्रचोदयात् ॥

3) ॐ प्रभाकराय विद्महे दिवाकराय धीमहि तन्नोः सूर्यः प्रचोदयात् ॥

4) ॐ अश्वध्वजाय विद्महे पाशहस्ताय धीमहि तन्नोः सूर्यः प्रचोदयात् ॥

5) ॐ भास्कराय विद्महे महद्द्युतिकराय धीमहि तन्नोः आदित्यः प्रचोदयात् ॥

6) ॐ आदित्याय विद्महे सहस्रकराय धीमहि तन्नोः सूर्यः प्रचोदयात् ॥

7) ॐ भास्कराय विद्महे महातेजाय धीमहि तन्नोः सूर्यः प्रचोदयात् ॥

8) ॐ भास्कराय विद्महे महद्द्युतिकराय धीमहि तन्नोः सूर्यः प्रचोदयात् ।।

चन्द्र गायत्री...

9) ॐ पद्मध्वजाय विद्महे हेमरूपाय धीमहि तन्नो सोमःप्रचोदयात् ||

9) ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे महाकालाय धीमहि तन्नो श्चन्द्रः प्रचोदयात् ॥

10) ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृतत्वाय धीमहि तन्नोश्चन्द्रः प्रचोदयात् ॥

11) ॐ निशाकराय विद्महे कलानाथाय धीमहि तन्नोः सोमः प्रचोदयात् ॥

मंगळ गायत्री...

12) ॐ वीरध्वजाय विद्महे विघ्नहस्ताय धीमहि तन्नोः भौमः प्रचोदयात् ॥

13) ॐ अङ्गारकाय विद्महे भूमिपालाय धीमहि तन्नोः कुजः प्रचोदयात् ॥

14) ॐ चित्रिपुत्राय विद्महे लोहिताङ्गाय धीमहि तन्नोः भौमः प्रचोदयात् ॥

15) ॐ अङ्गारकाय विद्महे शक्तिहस्ताय धीमहि तन्नोः भौमः प्रचोदयात् ॥

बुध गायत्री...

16) ॐ गजध्वजाय विद्महे सुखहस्ताय धीमहि तन्नोः बुधः प्रचोदयात् ॥

17) ॐ चन्द्रपुत्राय विद्महे रोहिणी प्रियाय धीमहि तन्नोः बुधः प्रचोदयात् ॥

18) ॐ सौम्यरूपाय विद्महे वाणेशाय धीमहि तन्नोः बुधः प्रचोदयात् ॥

गुरु गायत्री...

19) ॐ वृषभध्वजाय विद्महे क्रुनिहस्ताय धीमहि तन्नोः गुरुः प्रचोदयात् ॥

20) ॐ सुराचार्याय विद्महे सुरश्रेष्ठाय धीमहि तन्नोः गुरुः प्रचोदयात् ॥

शुक्र गायत्री...

21) ॐ अश्वध्वजाय विद्महे धनुर्हस्ताय धीमहि तन्नोः शुक्रः प्रचोदयात् ॥

22) ॐ रजदाभाय विद्महे भृगुसुताय धीमहि तन्नोः शुक्रः प्रचोदयात् ॥

23) ॐ भृगुसुताय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि तन्नोः शुक्रः प्रचोदयात् ॥

शनि गायत्री...

24) ॐ काकध्वजाय विद्महे खड्गहस्ताय धीमहि तन्नोः मन्दः प्रचोदयात् ॥

25) ॐ शनैश्चराय विद्महे सूर्यपुत्राय धीमहि तन्नोः मन्दः प्रचोदयात् ॥

26) ॐ सूर्यपुत्राय विद्महे मृत्युरूपाय धीमहि तन्नोः सौरिः प्रचोदयात् ।।

राहू गायत्री...

27) ॐ नागध्वजाय विद्महे पद्महस्ताय धीमहि तन्नोः राहुः प्रचोदयात् ॥

28) ॐ शिरोरूपाय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नोः राहुः प्रचोदयात् ॥

केतू गायत्री...

29) ॐ अश्वध्वजाय विद्महे शूलहस्ताय धीमहि तन्नोः केतुः प्रचोदयात् ॥

30) ॐ चित्रवर्णाय विद्महे सर्परूपाय धीमहि तन्नो केतुः प्रचोदयात् ॥

31) ॐ गदाहस्ताय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नोः केतुः प्रचोदयात् ॥

नव ग्रह बीज /शांति मंत्र; –

माना जाता है की नव ग्रह मंत्र से ग्रहों पर नियंत्रण बना रहता हे और जीवन में आने वाली दुविधा का समाधान होता है।नव ग्रह शांति मंत्र का पाठ करने से कठिन से कठिन समय का सामना करके हर समस्या से जीता जा सकता है।

सूर्य मंत्र:- ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:

चंद्र मंत्र: -ओम श्रां श्रीं श्रौं सः सोमाय नमः ।

मंगल मंत्र:- ओम क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम: ।

बुध मंत्र:- ओम ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः ।

गुरु (गुरुवार के उपाय) मंत्र:- ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।

शुक्र मंत्र: -ओम द्रां द्रीं द्रौम सः शुक्राय नमः ।

शनि मंत्र:- ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:/ओम प्रां प्रीं प्रोम सह शनये नमः ।

राहु मंत्र:- ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: ।

केतु मंत्र:- ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम: ।


...SHIVOHAM....

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