भगवान विष्णु के 16 नामों का एक श्लोक ...
भगवान विष्णु ने इस धरती पर अपने भक्तों को संकटों को दूर करने और जगत के पालनहार के लिए 24 अवतार लिए हैं। त्रेतायुग में जन्म लेने वाले पुरूषोत्तम श्रीराम भगवान विष्ण जी के ही एक अवतार हैं जिनका नाम जपने मात्र से भक्तों के कष्ट मिट जाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान विष्णु के 16 ऐसे नाम हैं जिन्हें कुछ खास परिस्थिति में जपने से जातकों को कई लाभ प्राप्त होते हैं।मनुष्य को किस किस अवस्थाओं में भगवान विष्णु को किस किस नाम से स्मरण करना चाहिए।भगवान विष्णु के 16 नामों का एक छोटा श्लोक...
औषधे चिंतयते विष्णुं, भोजन च जनार्दनम।
शयने पद्मनाभं च विवाहे च प्रजापतिं ॥
युद्धे चक्रधरं देवं प्रवासे च त्रिविक्रमं।
नारायणं तनु त्यागे श्रीधरं प्रिय संगमे ॥
दुःस्वप्ने स्मर गोविन्दं संकटे मधुसूदनम् ।
कानने नारसिंहं च पावके जलशायिनाम ॥
जल मध्ये वराहं च पर्वते रघुनन्दनम् ।
गमने वामनं चैव सर्व कार्येषु माधवम् ॥
षोडश एतानि नामानि प्रातरुत्थाय य: पठेत ।
सर्व पाप विनिर्मुक्ते, विष्णुलोके महियते ॥
(1) औषधि लेते समय - विष्णु
(2) भोजन के समय - जनार्दन
(3) शयन करते समय - पद्मनाभ
(4) विवाह के समय - प्रजापति
(5) युद्ध के समय - चक्रधर
(6) यात्रा के समय- त्रिविक्रम
(7) शरीर त्यागते समय - नारायण
(8) पत्नी के साथ - श्रीधर
(9) नींद में बुरे स्वप्न आते समय - गोविंद
(10) संकट के समय - मधुसूदन
(11) जंगल में संकट के समय - नृसिंह
(12) अग्नि के संकट के समय - जलाशयी
(13) जल में संकट के समय - वाराह
(14) पहाड़ पर संकट के समय - रघुनंदन
(15) गमन करते समय - वामन
(16) अन्य सभी शेष कार्य करते समय - माधव
...SHIVOHAM...
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