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महालक्ष्मी एवं कर्ज मुक्ति साधना-

महालक्ष्मी साधना एवं कर्ज मुक्ति साधना;-

अपने पूजा स्थान में श्रीयंत्र , कनकधारा यंत्र एवं कुबेर यंत्र स्थापित करें , और निम्न लक्ष्मी मंत्र का कमलगट्टे की माला से मंत्र जाप करें । ( कमलगट्टे की माला को एक डिब्बे में या प्लास्टिक की थैली में कर्पूर के टुकड़े के साथ रखें कपूर के टुकड़े के साथ रखने से इसमें कीड़े नहीं लगेंगे )

मंत्र – ॥ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सौं जगतप्रसुत्यै नमः ॥

॥ ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः ॥

मंत्र जाप के बाद कनकधारा स्तोत्र या श्री सूक्त का संस्कृत में पाठ करें एवं कभी-कभी उसका हिंदी अनुवाद भी पढ़ें ।

श्री यंत्र को अक्षत ( साबुत चावल ) के मध्य किसी पात्र में गाड़कर रखने से लक्ष्मी जी का आगमन बड़ी तेजी और तीव्रता से होने लगता है।किसी भी पूर्णिमा की रात्रि में किसी स्वच्छ सफेद पात्र में शुद्ध जल भरकर उसमें श्रीयंत्र को डुबोकर पूर्णिमा की चाँदनी में खुले आकाश में रखने से लक्ष्मी जी का आगमन एवं आबद्ध क्रिया स्वता ही प्रारंभ हो जाती है।

कर्ज मुक्ति प्रयोग 01;-

1-अपने पूजा स्थान में एक सफेद आक के गणेश जी स्थापित करें या हरे रंग के मरगज के गणेश जी स्थापित करें या आपके पास जो संभव है उस गणेश जी की मूर्ति को स्थापित करें । ( पूजा स्थान में 2 से ज्यादा गणेश जी की मूर्ति स्थापित नहीं करनी चाहिए ) मंत्र जाप के लिए एक हल्दी की माला प्राप्त करें ।( हल्दी की माला को भी किसी थैली या डिब्बे में कपूर के टुकड़े के साथ में रखना चाहिए वरना उसमें कीड़े लग जाते हैं )। यह प्रयोग बुधवार से प्रारंभ करना है । यह प्रयोग 21 दिन तक करना है ।पहले आप बिना टूटे हुए चावल लगभग ढाई सौ ग्राम लें । उसको हल्दी में रंग कर रख लें । इस प्रयोग को करने के लिए आपको हल्दी में रंगे हुए 108 चावल और 108 दूर्वा की आवश्यकता पड़ेगी । रंगे हुए चावल को 108 दाने की 21 पुड़िया बना लें ।

2-बुधवार से साधना प्रारंभ करें । प्रातः दैनिक पूजन करने के बाद गणेश जी का सामान्य पूजन करें उसके बाद एक चावल और एक दूर्वा गणेश जी पर चढ़ाएँ और एक बार मंत्र बोले इस प्रकार 108 बार 108 हल्दी से रंगे हुए चावल और दूर्वा चढ़ाते जाए और 108 बार मंत्र उसके साथ बोलते रहें । फिर दूसरे दिन चावल और दुर्गा जो आप ने चढ़ाया था , उसे एक डिब्बे में रख लें । और फिर वही प्रयोग लगातार 21 दिन तक करें । 21 दिन के बाद उन सभी सामग्री को पवित्र स्थान पर रखकर उसको जला दें और जलाते समय मन में भावना करें कि हमारे सभी कर्ज जलकर भस्म हो जाए और मुझे कर्ज से मुक्ति मिले । जलाए गए भस्म को पवित्र नदी में विसर्जित कर दें या जमीन में दबा दें । इसके बाद प्रतिदिन हल्दी की माला से पांच माला 11 माला या जितना आप कर सकते हैं उतना मंत्र जाप करते रहे । धीरे-धीरे आपको आपके कर्ज से मुक्ति मिल जाएगी ।

मंत्र –

॥ ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट् ॥

NOTE;-

मंगलवार को कभी भी किसी से कर्ज ना लेना चाहिए ना देना चाहिए । यदि कोई व्यक्ति मंगलवार को कर्ज ले लेता है तो फिर वह चुका नहीं पाता है बहुत परेशानी होती है । यदि आपने किसी से कर्ज लिया है तो उस कर्ज को चुकाना मंगलवार से प्रारंभ करना चाहिए ।

कर्ज मुक्ति प्रयोग 02;-

श्रावणी शिवरात्रि को सूर्यास्‍त के समय घर में बैठकर अपने गुरुदेव का स्मरण करके शिवजी का स्मरण करते- करते ये 17 मंत्र कम से कम 41 बार बोलें, जिनके सिर पर कर्जा ज्यादा हो, वो प्रदोष काल मे शिवजी के मंदिर में जाकर घी का दिया जलाकर ये 17 मंत्र 108 बार बोले इससे कर्जा से मुक्ति मिलेगी।

1).ॐ शिवाय नम:

2).ॐ सर्वात्मने नम:

3).ॐ त्रिनेत्राय नम:

4).ॐ हराय नम:

5).ॐ इन्द्र्मुखाय नम:

6).ॐ श्रीकंठाय नम:

7).ॐ सद्योजाताय नम:

8).ॐ वामदेवाय नम:

9).ॐ अघोरह्र्द्याय नम:

10).ॐ तत्पुरुषाय नम:

11).ॐ ईशानाय नम:

12).ॐ अनंतधर्माय नम:

13).ॐ ज्ञानभूताय नम:

14). ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नम:

15).ॐ प्रधानाय नम:

16).ॐ व्योमात्मने नम:

17).ॐ युक्तकेशात्मरूपाय नम:

आर्थिक परेशानी से बचने हेतु;-

श्रावण शिवरात्रि से आरंभ करके प्रत्येक माह शिवरात्रि (मासिक शिवरात्रि - कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी) को आती है। तो उस दिन जिसके घर में आर्थिक कष्ट रहते हैं वो शाम के समय या संध्या के समय जप-प्रार्थना करें एवं शिवमंदिर में दीप-दान करें और रात को जब 12 बज जायें तो थोड़ी देर जाग कर जप और एक श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें। आर्थिक परेशानी दूर हो जायेगी। प्रति वर्ष में एक महाशिवरात्रि आती है और हर महीने में एक मासिक शिवरात्रि आती है। उस दिन शाम को बराबर सूर्यास्त हो रहा हो उस समय एक दिया पर पाँच लंबी बत्तियाँ अलग-अलग उस एक में हो शिवलिंग के आगे जलाये और वही आसान बिछाकर बैठ कर भगवान शिवजी के नाम का जप दारिद्रय दहन शिव स्तोत्र का पाठ करने से और अंत मे मन मे संकल्प कर प्रार्थना करें, इससे यदि कर्जा हो तो जल्दी उतारने की संभावना बनती है, आर्थिक परेशानियाँ दूर होती है।

श्रावण मास सर्व कामना सिद्धि साधना;-

साधना सामग्री ;- सिद्धि चक्र, सर्वकार्य सिद्धि कल्प, रुद्राक्ष माला|।

यदि आप पारिवारिक कलह, घर में पितृ दोष से परेशान है। और चाहते हैं कि गृहस्थ में पूर्ण अनुकूलता, लक्ष्मी का घर में स्थपित, ऋण से मुक्ति, निरंतर आर्थिक उन्नति, बेरोजगारी दूर हो श्रावण के सोमवार के प्रयोग से नहीं चूकना चाहिए। इसे स्त्री-पुरुष कोई भी कर सकता है।

विधि;-

सर्वप्रथम स्नान कर शुद्ध धोती/साड़ी या वस्त्र पहनकर पूर्व की ओर मुंह कर बैठे। अब अपने सामने बाजोट पर एक पात्र स्थापित करें व उससे सिद्धिप्रद चक्र, सर्वकार्य सिद्धि कल्प स्थापित करें। रुद्राक्ष माला भी साथ ही रखें।अब अपने हाथ में थोड़ा सा जल लेकर अपनी मनोकामना पूर्ति हेतु सकंल्प करें। मैं (अपना नाम, पिता का नाम, विवाहित स्त्रियां अपने पति का नाम लें, गौत्र व शहर का नाम बोलकर) अपने गुरु व इष्ट का ध्यान करते हुए अपनी समस्त कामनाओं की पूर्ति हेतु श्रावण मास साधना सम्पन्न कर रहा हूं। भगवान शिव मेरा पूजन सफल करें।यह बोलकर जल छोड़ दें। फिर शुद्ध जल में थोड़ा-सा कच्चा दूध और गंगाजल मिलाकर ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का उच्चारण करते हुए सामग्री पर छिड़कें। अब यंत्र एवं सिद्धि चक्र पर केसर और कुमकुम की बिंदी लगाएं और पुष्प फल, बिल्व पत्र इत्यादि अर्पण करें। अबीर, गुलाल, अक्षता इत्यादि से सुसज्जित करें।

मंत्र;-

पंच तात्वाय पूर्ण कार्य सिद्धिं देहि देहि सदाशिवाय नमः||

प्रत्येक सोमवार उपरोक्त मंत्र की 3 माला जपें। जाप के पश्चात सामग्री यों ही पूजा स्थान पर पात्र में रखी रहने दें। नित्य सुबह-सुबह दीप प्रज्जवलित करें। श्रावण मास के अंतिम दिन इस सामग्री को लाल वस्त्र में लपेटकर किसी शिव मंदिर में जाकर शिव चरणों में अर्पित कर दें। इस साधना को आवश्यकता अनुसार श्रावण मास के बाद भी जारी रखा जा सकता है। इस प्रकार साधक शीघ्र ही मनोवांछित सफलता प्राप्त करने में सफल हो पाता है।

कर्ज मुक्ति के लिए अन्य विशेष उपाय;-

13 FACTS;-

1-किसी भी महीने की कृष्णपक्ष की 1 तिथि, शुक्लपक्ष की 2, 3, 4, 6, 7, 8, 10, 11, 12, 13 पूर्णिमा मंगलवार के दिन उधार दें और बुधवार को कर्ज लें।

2-बुधवार को सवा पाव मूंग उबालकर घी-शक्कर मिलाकर गाय को खिलाने से शीघ्र कर्ज से मुक्ति मिलती है।

3- वास्तुदोष नाशक हरे रंग के गणपति मुख्य द्वार पर आगे-पीछे लगाएं।

4-कहा जाता है कि भोजन में गुड़ का प्रयोग भी इस दृष्टि से अति उत्तम है।

6- प्रतिदिन लाल मसूर की दाल का दान करें।

7-ऋणमोचक मंगल या गजेन्द्र-मोक्ष स्तोत्र का पाठ करें: यदि आप कर्ज घेरे रहते हैं, उन्हें प्रतिदिन 'ऋणमोचक मंगल स्तोत्र' का पाठ करना चाहिए। यह पाठ शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार से शुरू करना चाहिए। यदि प्रतिदिन किसी कारण न कर सकें, तो प्रत्येक मंगलवार को अवश्य करना चाहिए।

8-इसके अलावा कर्ज-मुक्ति के लिए आप 'गजेन्द्र-मोक्ष' स्तोत्र का प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व पाठ भी कर सकते हैं। दोनों में से किसी एक का ही पाठ करें। दोनों ही कर्ज मुक्ति के लिए अमोघ उपाय हैं।

9-गुलाब के फूल का उपाय: सर्वप्रथम 5 लाल गुलाब के पूर्ण खिले हुए फूल लें। इसके पश्चात् डेढ़ मीटर सफेद कपड़ा लेकर अपने सामने बिछा लें।अब इन पांचों गुलाब के फुलों को उसमें रखकर 21 बार गायत्री मंत्र पढ़ते हुए उसे बांध दें। अब स्वयं जाकर इन्हें जल में प्रवाहित कर दें। इस उपाय से जल्द ही कर्ज से मुक्ति मिल जाती है।

10-श्मशान का पानी :- यदि आप निरंतर कर्ज में डूबते जा रहे हैं तो श्मशान के कुएं का जल लाकर किसी पीपल के वृक्ष पर चढ़ाना चाहिए। यदि यह उपाय कम से कम छह 6 शनिवार किया जाए तो आश्चर्यजनक परिणाम प्राप्त होते हैं।

11-विष्णु-लक्ष्मी मंदिर :- सोमवार के दिन एक रूमाल, 5 गुलाब के फूल, 1 चांदी का पत्ता, थोड़े से चावल तथा थोड़ा सा गुड़ लें। फिर किसी विष्णु लक्ष्मीजी के मंदिर में जाकर मूर्त्ति के सामने रूमाल रखकर शेष वस्तुओं को हाथ में लेकर 21 बार गायत्री मंत्र का पाठ करते हुए बारी बारी से उक्त वस्तुओं को उसमें डालते रहें। फिर इनको इकट्ठा करके कहें कि 'मेरी परेशानियां दूर हो जाएं तथा मेरा कर्जा उतर जाए।' यह क्रिया आगामी 7 सोमवार तक करें।

12-सियार सिंगी : -यदि आप कर्ज से परेशान हैं, तो सियार सिंगी लेकर उसे एक डिब्बी में रख लें और उसे प्रत्येक पुष्य नक्षत्र में सिंदूर चढ़ाते रहें। ऐसा करने से शीघ्र ही शुभ फल मिलेगा। इसके अलवा तिजोरी में सिंदूर युक्त हत्था जोड़ी रखने से भी आर्थिक लाभ होगा।

13-तांत्रिक उपाय :- दोनों मुट्ठियों में काली राई लें। चौराहे पर पूर्व दिशा की ओर मुंह रखें तथा दाहिने हाथ की राई को बाईं ओर तथा बाएं हाथ की राई को दाहिनी दिशा में फेंक दें। राई फेंकने के पश्चात चौराहे पर सरसों का तेल डालकर दोमुखी दीपक जला देना चाहिए। दीया मिट्टी का रखना चाहिए।यह प्रयोग शुक्ल पक्ष के प्रथम शनिवार को संध्या के समय करें। श्रद्धा द्वारा किया गया यह उपाय अवश्य कर्ज से मुक्ति दिलाता है। एक बार सफलता न प्राप्त हो तो दोबारा फिर कर लेना चाहिए। यह उपाय शनिश्‍चरी अमावस्या को भी कर सकते हैं।

लक्ष्मी कुबेर तंत्र:-

लक्ष्मी कुबेर तंत्र का प्रयोग मुख्य रूप से दरिद्रता को नष्ट करने के लिए किया जाता है, शेयर बाजार,रियल स्टेट,जुवां,व्यवसाय में उन्नति,कर्ज से मुक्ति,समस्त प्रकार की भौतिक सुख सुविधाओं की प्राप्ति हेतु ये श्रेष्ठ विद्या है।वाहन सुख,मकान,आभूषण की कामना रखने वालों के लिए ये अचूक प्रयोग है।

सामग्री : प्राण प्रतिष्टित कुबेर लक्ष्मी यन्त्र, प्राण प्रतिष्ठित मूँगे की माला, मधु, तिल, चन्दन, अगरु और कुंकुम कर्पूर मिश्रित सामग्री, गौ घृत, 9 दीपक।

कुबेर लक्ष्मी मंत्र:-

ॐ श्रीं ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः।

कुबेर लक्ष्मी अभिषेक जाप एवं तर्पण मंत्र:-

ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्यादिपतये धन धान्य समृद्धिं देहि दापय स्वाहा।

तंत्र क्रिया कैसे करें ?-

1-यह कुबेर लक्ष्मी तंत्र किसी भी पूर्णिमा की रात्रि को संपन्न किया जा सकता है।स्नानादि से निवृत हो कर अपने पूजन स्थल में प्राण प्रतिष्टित कुबेर लक्ष्मी यन्त्र को स्थापित कर दें।

2-इस यन्त्र के आगे 9 दीपक जला कर रख दें।अपने गुरु का संक्षिप्त पूजन करें और तंत्र में सफलता के लिए प्रार्थना करें।

फिर गणेश लक्ष्मी का धूप दीपादि से पूजन करें।

3-इस मंत्र को 108 बार जप करने के पश्चात् दूध से कुबेर लक्ष्मी यन्त्र का अभिषेक करें।इसके पश्चात दूसरे मंत्र की 11 माला मंत्र जप प्राण प्रतिष्ठित मूँगे की माला से करें।

4-11 माला मंत्र जप के पश्चात 108 बार मधु, तिल, चन्दन, अगरु और कुंकुम कर्पूर मिश्रित सामग्री से हवन करें।इसके पश्चात कुबेर मंत्र के अंत में स्वाहा के स्थान पर तर्पयामि बोलते हुए 100 बार नारियल पानी से यन्त्र का तर्पण करें।अर्थात यन्त्र पर नारियल पानी का स्पर्श करें।किसी योग्य ब्राह्मण को अगले दिन भोजन कराएं।

5-इस मंत्र की 1 माला नित्य जाप करते रहें तो जीवन में सभी प्रकार के भौतिक सुख प्राप्त होते रहेंगे और कोई भी कमी जीवन में व्याप्त नहीं होगी।दीपावली की रात्रि को यह प्रयोग पुनः संपन्न करते हुए इस यन्त्र को अपनी तिजोरी में स्थापित कर दें।

...SHIVOHAM...


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