साधना रहस्य-बगलामुखी धूमावती सम्पुट मंत्र/जादू टोने से बचाव के उपाय
जादू टोना जानने का उपाय ;-
05 FACTS;-
1-बहुत सारे लोग तो ऐसे होते हैं कि उन्हें अपने ऊपर संदेह होता है कि किसी ने कुछ करा दिया है लेकिन का पता नहीं है कि आखिर किसने कुछ करवाया है और किस प्रकार करवाया है और इसको किस प्रकार ठीक किया जा सकता है। आज एक ऐसी खास क्रिया के बारे में हम आपको बताएंगे जिसके माध्यम से आप सामने वाले किसी भी व्यक्ति के बारे में पता लगा सकते हैं कि उस पर कोई तंत्र प्रयोग या काला जादू वगैरह हुआ है या नहीं और बड़ी ही आसानी से उसे समाप्त कर सकते हैं बल्कि कुछ ही मिनटों में आपको पता लग जाएगा कि सामने वाले व्यक्ति पर इस प्रकार का कोई तंत्र प्रयोग हुआ है या फिर नहीं या फिर आप अपने लिए भी खुद भी इसे चेक कर सकते हैं कि आप पर तो किसी ने कुछ करा नहीं दिया है।आपको कहीं भी जाने की आवश्यकता बिल्कुल भी नहीं है। केवल इस बताई हुई विधि के अनुसार अगर आप चलते हैं पर इस क्रिया को करते हैं तो किसी का भी तंत्र प्रयोग बड़ी आसानी से आप पता लगा सकते हैं। तो सबसे पहले तो आपको करना यह है कि जब भी आप घर से बाहर जाते हैं तो घर से बाहर जाकर आप एक नीला धागा लेना है और अगर आपको नीले रंग का धागा नहीं मिल पाता है तो आप पीले रंग का धागा भी ले सकते। बस नीला या फिर पीला धागा। इनमें से कोई भी आप चुन सकते हैं। आपको बिल्कुल एक रोल उसका लेकर आ जाना है और जिस भी व्यक्ति को आप को चेक करना है कि इस पर तो कोई टोना टोटका वगैरह हुआ है या नहीं तो सर्वप्रथम आपको करना यह है कि उस व्यक्ति की कितनी लंबाई है, उतना ही धागा आपको ले लेना है।
2-सिर से लेकर पैर तक पूरा धागा आपको नाप लेना है और फिर उस धागे को काट लेना है। बिल्कुल ध्यान से इस क्रिया को करे।फिर जो उसकी लंबाई का धागा निकल कर आया है कि उसी को डबल करना है।इस प्रकार करने से जो भी उस व्यक्ति की लंबाई होगी, उस धागे में आधी हो जाएगी।आपको डबल करने के बाद धागा जहां पर आधी होता है; कट लगा देना है।और फिर से उसे एक बार ऐसे ही डबल करना है जैसे आपने किया था। बिल्कुल वैसे ही दोबारा करना है यानी कि अब लंबाई का जो धागा था, फिर से उसको कट कर देना है।3 बार मोड़ने के बाद सिर्फ चार बार आपको मोड़ लेना है।यानी के चार बार कुल मिलाकर यह धागा मिलेगा। यानी आधा होगा तो उस व्यक्ति की एक चौथाई लंबाई निकल जाएगी। इस प्रकार यानी कि 4 बार मोड़ देने से आपको सोलह धागे अलग-अलग प्राप्त हो जाएंगे। ऐसा करने के बाद आपको करना यह है कि उन 16 धागो को एक साथ बिल्कुल लंबाई में बिल्कुल सीधा करके पकड़ लेना है। यानि कि एक दूसरे से मिलाते हुए आपको बिल्कुल एक दूसरे की लंबाई बिल्कुल Exact होनी चाहिए, ऊपर-नीचे नहीं ।
3-इस प्रकार करने से एक मोटी सी रस्सी आपको दिखने लगेगी। इस बात का भी ध्यान रखना है कि एक दूसरे में लपेटना नहीं है बल्कि एक साथ उनको 16 धागो कों रख देना है और पकड़ कर आपको इस प्रकार करना है कि सबसे पहले एक गांठ आपको उस धागे पर लगानी है और गांठ इस प्रकार से लगानी है कि बिल्कुल टाइट आपको नहीं करना है बल्कि इस प्रकार गांठ लगानी है कि गांठ में से आरपार आप बड़ी आसानी से देख पाए। आप जिस व्यक्ति को आप चेक कर रहे हैं तो सामने वाले व्यक्ति को उसी गांठ में से अपनी सीधी आंख में से देखते हुए इस मंत्र को आपको बोलना है और एक बात का ध्यान रखना है कि अगर यह प्रयोग यह क्रिया आप स्वयं के लिए कर रहे हैं तो आपको करना यह है कि अपने आप को एक आंख बंद करते हुए शीशे में देखते हुए ,RIGHT EYE में से अपने आप को देखना है और यह मंत्र आपको बोलना है। यह मंत्र इस प्रकार है ''ओम क्रीम महाकाली कीली कीली क्रोम फट स्वाहा ''इस प्रकार यह मंत्र आपको कुल मिलाकर 11 बार बोलना है और बोलते ही गांठ पर फूक मार देनी है और उस गांठ को बिल्कुल खींचकर टाइट कर देना है। जितनी भी बात आपको बतायी जा रही है ; इन्हें बिल्कुल ध्यान से सुनते जाएं। इसी प्रकार आपको दूसरी गांठ लगानी है। इसी प्रकार जैसे आपने पहले गांठ पर किया था। थोड़ी खोल कर रखी थी। उसमें से आरपार आपने उस सामने वाले व्यक्ति को देखा था। अपने लिए कर रहे हैं तो अपने आप को शीशे में देखना है। फिर से इसी मंत्र को आपको बोलना है। बड़ा आसान सा मंत्र है- ''ॐ क्रीम महाकाली कीली कीली क्रोम फट स्वाहा'' तो बिल्कुल इसी प्रकार सेम प्रोसेस आपको चार बार करना है। यानी कि 4 गांठ उस धागे में लगा दे । इस प्रकार करने के बाद धागे को बिल्कुल गोल सर्कल बनाते हुए मोडकर घटा ले। गोल करते हुए और सीधे हाथ में पकड़ते हुए आपको इस मंत्र का ''ॐ चामुण्डायै देवी तंत्र बाधाये निवारणाये फट स्वाहा '' केवल एक माला ही जब आपको करना है ।
4-इस मंत्र के लिए आपको किसी भी माला का प्रयोग नहीं करना है। यह भी ध्यान रखें कि 108 से ज्यादा बार तो आप पढ़ सकते हैं, लेकिन 108 से कम नहीं होना चाहिए।तो इस प्रकार आपको एक माला यह मंत्र पढ़ लेना है। उस धागे को सीधे हाथ में पकड़ कर रखना है। अब यह करना है कि उस धागे को किसी कोयले पर या फिर किसी गैस पर किसी भी आग में इस धागे को जला देना है और इस प्रकार से जलाना है कि उस धागे में से धुआं निकलना चाहिए। इसीलिए इस प्रकार जलाना है जैसे कि आप उसे गैस पर रखेंगे तो जलकर इस धागे में से धुआं निकलने लगे। बिल्कुल एकदम से ही इस धागे को जलाकर राख नहीं करना है क्योंकि अगर आप ऐसा करेंगे तो फिर आपको कुछ भी पता नहीं चल पाएगा। केवल इसी धागे के धुआं से आपको पता लगने वाला है कि सामने वाले पर तंत्र प्रयोग हुआ है या फिर नहीं ।और इसी क्रिया से आप तंत्र प्रयोग, काला जादू टोने टोटके को भी समाप्त कर सकते हैं। कपूर की सहायता का प्रयोग आपको बिल्कुल भी नहीं करना है। कोई और चीज नहीं लेनी है। केवल कोयले का इस्तेमाल या फिर गैस का इस्तेमाल ही आप कर सकते हैं।तो उस धागे में से जो धुआं निकलता है, बस इस धागे के धुआं को नोटिस करना शुरू करें। अगर इसमें से ऐसी बदबू आती है जैसे किसी श्मशान घाट में से आती है या फिर जब कोई मर जाता है या किसी मुर्दे से जब जलाया जाता है वैसी। तो आप समझ जाएं कि उस व्यक्ति पर कोई ना कोई तंत्र प्रयोग निश्चित ही हो चुका है। जितनी ज्यादा प्रबल और प्रचंड बदबूदार धुआ उसमें से निकलता है तो यह संकेत करता है कि कितना ज्यादा स्ट्रांग प्रयोग उस पर प्रयोग हुआ है।
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तंत्र क्रियाएं ,काला जादू किसे हो जाता है ?-
02 FACTS;-
1- इस दुनिया में दो प्रकार के जगत होते हैं जैसे कि एक दृश्य जगत होता है और एक अदृश्य जगत होता है और अदृश्य जगत शक्तिशाली होता है क्योंकि दिखाई नहीं देता है। उस चीज को संभालना, उस चीज को पकड़ना बहुत ही ज्यादा मुश्किल होता है ।और जिस प्रकार सकारात्मक शक्तियां होती है, बहुत सारे लोग ऐसा समझते हैं कि जब तक पूजा-पाठ करते हैं तो उन्हें साक्षात खुद भगवान प्रकट हो जाएंगे तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता है। यह जितनी भी चीजें होती है जो अदृश्य होती हैं, वह केवल आपके आभामंडल पर ही प्रभाव डाल सकती है और मन को ,दिमाग को काबू कर लिया जाता है। यही कारण है कि जिस भी व्यक्ति पर यह तंत्र क्रियाएं हो जाती है तो ऐसा व्यक्ति खुद पर ही चाह कर भी कुछ भी काबू नहीं कर पाता है बल्कि सबसे पहले वे खुद ही जान जाता है कि कुछ ना कुछ गड़बड़ उसके साथ अवश्य है।जो भी ऐसी परेशानी किसी भी व्यक्ति के साथ होती है और वह दूसरे लोगों को बताता है तो सभी लोगों से यही कहते हैं कि मन को शांत करो। बिल्कुल चुपचाप बैठो कोई डरने की कोई भी घबराने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन जिस व्यक्ति पर यह प्रक्रिया हो रही होती है ;ऐसा व्यक्ति खुद से ही डरता है ।कोई भी इस दुनिया में चिंता नहीं करना चाहता है लेकिन नकारात्मक या व्यक्ति के आभामंडल पर प्रभाव डालती हैं तो खुद से ही डरना शुरू हो जाता है और जब किसी को डर लगता है तो उसके दिल की धड़कन बहुत तेज हो जाती है। उसके दिमाग बिल्कुल काबू में नहीं रहता है तो इस प्रकार पल पर हर एक क्षण गए व्यक्ति मौत को देखता है। यानी कि हर एक पल खुद बिल्कुल नरक को जीता रहता है। ना तो उसे ठीक से भूख लगती है। ना ही सही से प्यास लगती है। ना तो सही से बस सो पाता है यानी कि कोई भी कार्य अच्छाई से कर ही नहीं पाता है।
2-अब आपको यह बता दे कि किन-किन लोगों पर यह तंत्र क्रियाएं बड़ी आसानी से हो जाती है। सबसे पहला तो यह जिस व्यक्ति का चंद्र ग्रह कमजोर होता है, उसकी कुंडली में कमजोर स्थिति में है तो ऐसा व्यक्ति बड़ी आसानी से तंत्र क्रियाओं का शिकार बन जाता है। वहीं दूसरी ओर जिन लोगों का मन बिल्कुल भी चुप नहीं बैठता है। हमेशा ही उनके दिमाग में कुछ ना कुछ चलता रहता है तो उन पर भी बड़ी आसानी से तंत्र क्रियाएं हो जाती है। जो व्यक्ति अपने दिमाग से बहुत गलत सोचते हैं। यानी कि दूसरों को नुकसान किस प्रकार पहुंचाना है। दूसरे को किस प्रकार परेशानी देनी है तो दूसरों को दुख देने वाले लोगों को भी बड़ी आसानी से तंत्र क्रियाएं ,काला जादू हो जाता है क्योंकि ऐसे लोगों का अपने आप ही चंद्र ग्रह कमजोर हो जाता है। अपनी हरकतों से चंद्र ग्रह को कमजोर कर लेते हैं और फिर बच नहीं पाते हैं। इस प्रकार यह काफी जगह कहा भी जाता है कि किसी का भी बुरा या गलत बिल्कुल भी नहीं सोचना चाहिए क्योंकि सामने वाले को बुरा सोचने से उसका बुरा हो या ना हो सबसे पहले आपका ही बुरा हो जाता है। इसलिए अगर आपके साथ कोई गलत भी करता है तब भी आपको कुछ गलत नहीं बोलना चाहिए। मन से बिल्कुल भी नहीं बोलना चाहिए क्योंकि अगर आप किसी को गलत बोलते हैं तो आप का आभामंडल खुद स्वयं कमजोर पड़ जायेगा । जब आभामंडल कमजोर होता है। उसके चक्र बैलेंस होता ही नहीं है। ऐसे व्यक्ति पर तंत्र क्रियाओं का होना बेहद आसान होता है।
जादू टोने से बचाव के उपाय ;-
05 FACTS;-
1-जिस व्यक्ति में ध्यान करने की शक्ति बहुत ज्यादा अधिक रहती है तो ऐसे व्यक्ति पर कोई भी तंत्र क्रिया को नहीं कर सकता है, बल्कि अदृश्य शक्तियों को पकड़ कर बाहर निकाल सकता है या फिर जो लोग त्राटक और ध्यान करते हैं.. बिल्कुल कंट्रोल में रहते हैं। जो व्यक्ति अकेले में बिल्कुल शांत बैठ सकता है वो अपने आप में रहता है।यह काफी लोगों के लिए संभवनहीं हो पाता है बल्कि 90% लोग अकेले में बैठ ही नहीं सकते हैं । इसीलिए अगर आप इनमें से भी कुछ ना कर पाए तो आप इस बात का ध्यान रखें कि अपने चंद्र ग्रह को मजबूत बनाएं। इसके लिए आप शिवलिंग पर रोजाना जल चढ़ाएं। भगवान शिव की पूजा पाठ करें क्योंकि भगवान शिव के जो भक्त होते हैं उनका भी चंद्र ग्रह अपने आप ही स्ट्रांग बन जाता है और उन पर भी तंत्र क्रियाएं नहीं हो पाती है। अगर आपके मन में भगवान शिव के लिए श्रद्धा है तो इस दुनिया की कोई भी नकारात्मक शक्ति आपको छू भी नहीं सकती है बल्कि अगर आप को छूने की कोशिश भी करेगी तो छूने से पहले ही नष्ट हो जानी है। इसीलिए भगवान शिव के भक्तों पर भी तंत्र क्रियाएं आसानी से नहीं होती है या फिर जो काल भैरव की साधना करते हैं, काल भैरव के ,महाकाल के भक्त हैं तो उन लोगों के आभामंडल को चुना या कोई भी तंत्र क्रिया करना, कोई भी काला जादू करना आसान नहीं होता है ।
2-आपने देखा होगा कि काफी तंत्र क्रियाएं उल्लू के माध्यम से ही की जाती है। जिस समय आप सो रहे होते हैं तो तांत्रिक उल्लू का इस्तेमाल करते हुए जिन लोगों का मन मजबूत नहीं होता है, ऐसे लोगों पर अटैक करते हैं। तो अगर आप अपने घर में उल्लू रखते हैं तो इसके प्रभाव से भी कोई भी तंत्र क्रिया आपका नहीं कर सकता है। अगर आप उल्लू नहीं रख पाते हैं तो केवल उल्लू का पंख भी किसी भी ताबीज में भरकर पहनने से भी हर प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा से, तांत्रिक क्रियाओं से बचाव होता है। दूसरी चीज है कि अगर आप अपने घर में कोई काला कुत्ता पालते हैं तो नकारात्मक ऊर्जा से, तांत्रिक क्रियाओं से बचाव होता है।लेकिन जिन लोगों पर पहले से हो गया है तो फिर इसका कोई लाभ नहीं मिलता है।कुत्ता भैरव का ,राहु का, केतु का ,शनि का बिल्कुल प्रिय होता है। इसलिए शनि ग्रह के, राहु के ,केतु के, भगवान भैरव के जितने भी प्रयोग होते हैं, उनमें कुत्ते से जुड़े हुए कुछ ना कुछ उपाय अवश्य ही होते हैं। तो पहले से ही अगर आप अपने घर में कुत्ता पालते हैं तो यह भी आपकी रक्षा कर सकता है।
3-अब तीसरी चीज है कि पीपल पेड़ की जड़ होती है। इसको भी अगर आप ताबीज में भरकर अपने पास पहन लेते हैं तो कोई भी आप पर तंत्र क्रियाएं नहीं करवा सकता है। अगर आप पर पहले से ही तंत्र क्रियाएं है तब इसका कोई प्रभाव नहीं होता है। लेकिन अगर आप पर अभी नहीं है तो पहले से ही अपने बचाव के लिए आपको पीपल पेड़ की जड़ को किसी ताबीज में भरकर पहन लेना चाहिए।अब चौथी चीज है कि आंक के पौधे की जितनी भी चीजें होती है, जड़ होती है, पत्ते होते हैं, फूल होता है। इन सभी चीजों को लेकर ताबीज में भरकर भी अगर आप पहन लेते हैं क्योंकि मां काली का प्रतीक बताया जाता है तो भी तांत्रिक क्रियाएं कोई भी आप पर नहीं करा सकता है।इन चीजों से बचने के लिए आपको पहले ही यह बचाव निश्चित ही करनी चाहिए। लेकिन अगर आप पर तंत्र क्रिया हो गई हैं तो इसका सबसे सरल सबसे आसान उपाय और प्रयोग यह है कि आप किसी भी शिव मंदिर में बैठना शुरू करें , वहां पर साफ सफाई करना शुरू करें। भगवान शिव के मंदिर में जितना समय आप बताएंगे उतना ही नकारात्मक शक्तियां आपसे दूर होती चली जाएंगी ।
4-बगलामुखी धूमावती सम्पुट मंत्र प्रयोग जिसको करते ही भयंकर भूत प्रेत भी दूर हो जायेगे ;-
''OM HLEEM HLEEM DHOOM DHOOM DHURJATEI HLEEM THAH THAH PHAT''
''ऊँ ह्लीं ह्लीं धूं धूं धूर्जटी ह्लीं ठः ठः फट्''।
रात्रि में एकांत स्थान में तांबे के लोटे में जल भरकर रख लें और लोटे में एक बेलपत्र डाल दे।काले हकीक की माला से इस मंत्र ''ऊँ ह्लीं ह्लीं धूं धूं धूर्जटी ह्लीं ठः ठः फट्'' के 11 माले करना हैं। सबसे पहले अपने गुरु मंत्र का जाप करना है। यदि कोई गुरु नहीं है तो शिव का मंत्र करना है- 'ओम नमः शिवाय'। इसके बाद 'ओम गं गणपतए नमः'का एक माला करना है। तब इस मंत्र के 11 माले का जाप कर सकते हैं। 11 माले का जाप माला करने के बाद तांबे के लोटे के उस जल में 9 बार मंत्र शक्ति को उस जल में फूंक देना है।माला करने के बाद उस जल को स्वयं पर और सभी सामानों पर छिड़क देना है। और तांबे के लोटे को पूजाघर में रख देना है।ये क्रिया 41 दिन तक करनी है।
5-शत्रु की समस्या/सुख समृद्धि के लिए मंत्र;-
अनार का पेड़ घर में लगाना सुख समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। सावन के महीने में ,नवरात्रि में अनार पेड़ को लगाया जा सकता है। अनार के पंच तत्व पूजा में इस्तेमाल होते हैं । पंचतत्व अर्थात अनार के पेड़ की टहनी, जड़, पत्ती ,फूलऔर फल। इन पांच तत्वों को मिक्सर बना कर दिया जलाकर मंत्र सिद्ध किए जाते हैं। जिस किसी को शत्रु की समस्या हो वह 'ओम क्रीम कालिकाएं नमः' मंत्र का जाप 10,000 बार करके सिद्ध कर लें। जिसे धन की समस्या हो, वह 'ओम श्री ओम क्लीम नमः' मंत्र का जाप 10,000 बार करके सिद्ध कर लें।सावन के महीने में किसी भी शुक्रवार/ सोमवार के दिन 10,000 बार मंत्र सिद्ध किए जा सकते हैं। इसके बाद आप प्रतिदिन 11 माले करते रहे तो समस्या का समाधान हो जाता है।
....SHIVOHAM....
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