हर ग्रह हमारे जीवन से जुड़े हुए है।
कौन सा ग्रह किस रिश्ते के लिए है जिम्मेदार?-
1-सूर्य का नाता हमारे पिता के साथ हमारे रिश्ते से है. यदि कोई व्यक्ति अपने पिता के साथ रिश्तों को खराब करता है और उनका सम्मान नहीं करता है तो वह अपने सूर्य को कमजोर करता है.
2-चंद्रमा मां के साथ संबंधों से जुड़ा है. मां के साथ रिश्ते खराब होने और उन्हें अपमानित करने से चंद्रमा खराब असर डालता है. अगर आपका चंद्रमा नाराज होगा तो आप मानसिक बीमारियों के शिकार होते हैं, आपकी तरक्की रुक जाती है और आप आर्थिक परेशानियों से घिर जाते हैं.
3-मंगल की वजह से आपके रिश्ते ससुराल वालों के साथ और चाचा, चाची, ताऊ और दूसरे रिश्तेदारों से अच्छे या बुरे होते हैं. मंगल छोटे-भाई बहन से आपके रिश्तों के साथ भी जुड़ा हुआ है.
4-भाई-बहन, मामा, मामी और आपके विरोधियों से आपके रिश्ते बुध ग्रह के कारण निर्धारित होते हैं. गुरु और शुक्र आपके रिश्ते जीवनसाथी और दोस्तों के साथ बेहतर बनाते हैं.शनि अपने अधीन लोगों के साथ रिश्तों का स्वामी है. शनि ग्रह के कारण पिता, सास-ससुर, बेटे-बेटियों और दोस्तों के साथ रिश्ते अच्छे बनते हैं.
5-राहु दादा से रिश्तों के लिए जिम्मेदार है और केतु नाना से रिश्ते के लिए. राहु का संबंध आपके दादा के साथ साथ ससुराल पक्ष के लोगों के साथ भी जुड़ा है.
क्या ग्रह हमारे जीवन से जुड़े हुए है ?-
04 FACTS;-
1-अगर हम सबसे पहले देखे तो हमारे घर से ही हमारे संबंध ग्रहों से जुड़े हुए हैं।जिस तरह से सूर्या पिता का कारक होता है अगर सूर्य कुंडली में अच्छा होता है तो पिता पुत्र की बहुत अच्छी बनती है। पिता पुत्री की बहुत अच्छी बनती है।अगर पिता से नहीं बनती है तो पिता को उपहार में कुछ ना कुछ जरूर दें।इसी तरह से चंद्रमा माता का कारक होता है क्योंकि चंद्रमा शांत स्वभाव का होता है इसीलिए कहते भी हैं स्त्री को हमेशा शांत स्वभाव का होना चाहिए क्योंकि स्त्री को मां का दर्जा दिया गया है ।अगर चंद्रमा कुंडली में अच्छा होता है तो मां से संबंध बहुत अच्छे होते हैं ।चंद्रमा शीतल सौम्य होता है जिस स्त्री का स्वभाव क्रूर होता है उस घर में सुख शांति बिल्कुल भी नहीं होती ।अगर माता से नहीं बनती है तो आप माता को कुछ भी उपहार भेंट स्वरूप जरूर दें।इसी तरह से मंगल भाई का कारक होता है अगर हमारा मंगल अच्छा होगा तो हमें अपने भाई से बहुत अच्छा मान सम्मान मिलेगा ।और भाई से संबंध मधुर होंगे।अगर भाई से नहीं बनती है या भाई नहीं है तो आप हनुमान जी की शरण में जा सकते हैं हनुमान जी की पूजा कर सकते हैं।
2- बुध ग्रह थोड़ा सा हटके है बुध से हमारे जो रिश्ते होते हैं .नाना नानी और ननिहाल के लोगों का विचार बुध से किया जाता है. अगर ननिहाल के लोगों का सम्मान न किया जाय तो बुध कमजोर हो जाता है. ननिहाल के लोगों के सम्बन्ध ठीक रखें.
अगर आपके ननिहाल में किसी से भी नहीं बनती है तो आपको बहुत अच्छा उपाय करना है।ननिहाल से कोई पौधा लाकर अपने घर में लगाएं. वर्ष में एक बार ननिहाल जरूर जाएं.बृहस्पति- दादा दादी और वृद्ध लोग बृहस्पति से दादा-दादी की स्थिति का विचार किया जाता है. यह आपके जीवन के वृद्ध लोगों की सूचना भी देता है. अपने दादा दादी और बुजुर्गों का सम्मान जरूर करें. उन्हें समय समय पर वस्त्र और मिठाई आदि उपहार में दें.गुरु के रिश्ते के लिए हम कुंडली के पंचम भाव को भी देखते हैं क्योंकि पंचम और नवम भाव का अगर कुछ संबंध बनता है । तो यहां पर हमें अपने दादा का यह कह सकते हैं अपने पूर्वजों का कोई न कोई सिद्धि कोई न कोई उनका कार्य हमें जरूर मिलता है और उनका कार्यभार हम संभाल सकते हैं ।
अगर गुरु अच्छा होगा तो आपको अपनी पैतृक किसी भी चीजों का जरूर आपको फल मिलेगा और आप उस कार्य को जरूर करेंगे जो आपके पैतृक में हुआ है।
3-शुक्र का कारक स्त्री से लेकर क्यों होता है अगर शुक्र अच्छा होता है तो पति पत्नी का संबंध बहुत अच्छा होता है।
शुक्र को लक्ष्मी के रूप में भी देखा जाता है और शुक्र अच्छा होता है तो घर में धन की कोई कमी नहीं होती इसलिए जिस घर में पत्नी का सम्मान होता है उस घर में सुख शांति हमेशा बनी हुई होती है । हमेशा पत्नी से भी उस व्यक्ति को सम्मान जरूर मिलता है और पत्नी से हर तरह के लाभ मिलते हैं ।क्योंकि एक पत्नी अगर अच्छी होती है तो अपने पति की हर जगह सहायता कर देती है । उसकी बहुत सी गलतियों को माफ भी कर देती है।क्योंकि पत्नी को एक लक्ष्मी का दर्जा दिया गया है आपने कई बार देखा भी होगा पत्नी चाहे कमाती भी नहीं हो लेकिन उसके पास हमेशा आपको धन जरूर मिलेगा ।चाहे वह अपने घर में अपने पति के पैसों में या अपने पिता के पैसों से या उसको कोई भी धन देता है उस धन को वह हमेशा छुपा करके रखती है ।
और आपके जरूरत के समय पर वह धन आपका काम आ जाता है क्योंकि इसीलिए स्त्री को शुक्र का दर्जा दिया गया है और मां लक्ष्मी जी से जोड़ा गया है ।इसीलिए हमेशा घर की स्त्रियों का सम्मान जरूर करना चाहिए और उनको हमेशा उनके श्रृंगार के लिए हमेशा पैसा कुछ धन अलग से देना चाहिए ।अगर आप इस तरह से करते हैं उनके श्रृंगार के लिए आप धन देते हैं तो ये 100% सत्य है कि आपके घर में धन की कभी कमी नहीं रहेगी ।
4-शनि ग्रह को अच्छा नहीं माना जाता इसलिए शनि का परिवार में कोई रिश्ता नहीं होता ।शनि की पूजा भी घर से बाहर करनी चाहिए । शनि देव के कोई मंत्र जाप कोई पूजा पाठ घर के अंदर नहीं करनी चाहिए। इसी तरह राहु का भी कोई संबंध घर के किसी परिवार से नहीं बनता है क्योंकि राहु का जो वास होता है वह बाथरूम में होता है ।तो घर का हर व्यक्ति को जब भी अपना नहाने के बाद में बाथरूम को को गंदा नहीं छोड़ना चाहिए बाथरूम को हमेशा साफ रखना चाहिए पानी को साफ करना चाहिए और बाथरूम में आपने जो भी सामान इस्तेमाल किया है उसको हमेशा सही तरह से रखना चाहिए।इससे आपका राहु ठीक होता है और आप के बाहर के लोगों से संबंध अच्छे होते हैं।क्योंकि शनि, राहु, केतु- सहयोगियों के साथ रिश्ते सहयोगियों के साथ रिश्ते शनि राहु केतु से सम्बन्ध रखते हैं. सहयोगियों के साथ ख़राब रिश्तों से शनि राहु केतु बिगड़ जाते हैं. सहयोगियों के साथ रिश्ते ठीक रखें. उनका शोषण न करें, उनको धन का भुगतान समय से करें. सप्ताह में एक बार उनको मिठाई जरूर दें.
...SHIVOHAM....
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