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मंत्र दिवस...होली

  • Writer: Chida nanda
    Chida nanda
  • Mar 6, 2023
  • 9 min read

Updated: Mar 7, 2023



मंत्र दिवस .... होली

1-होली के दिन किया हुआ जप लाख गुना फलदायी होता है |इस दिन जिस निमित्त से भी जप करोंगे वह सिद्ध होगा | ईश्वर को पाने के लिए जप करना है|होली के दिन ..आरोग्य मंत्र की भी कुछ मालाएँ कर लेना है|

अच्युतानन्तगोविन्द नामोच्चारणभेषजात |

नश्यन्ति सकला रोगा: सत्यं सत्यं वदाम्यहम ||

‘ हे अच्युत ! हे अनंत ! हे गोविंद ! – इस नामोच्चारणरूप औषधि से तमाम रोग नष्ट हो जाते है, यह मैं सत्य कहता हूँ, सत्य कहता हूँ |’ (धन्वंतरि महाराज)

2-दोनों नथुनों से श्वास लेकर करीब सवा से डेढ़ मिनट तक रोकते हुए मन–ही–मन दुहराना –

नासै रोग हरै सब पीरा | जपत निरंतर हनुमत बीरा ||

फिर 50 से 60 सेकंड श्वास बाहर रोककर मंत्र दुहराना |

3-दुख और कष्टों के लिए;-

अगर आपके जीवन में सब कुछ सामान्य है लेकिन फिर भी मन में अजीब सा दुख, अकेलापन और अपनों को खोने का भय है तो आपको 'ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्' इस मंत्र का जप अवश्य करना चाहिए। भगवान शिव का यह मंत्र बहुत चमत्कारी माना जाता है। ध्यान रहे कि मंत्र का जाप पूर्ण श्रद्धा से करना है और भगवान शिव का स्मरण करते हुए करना है।मान्यता यह भी है कि शिव शंकर महादेव के इस मंत्र को संकल्प के साथ नियमति रूप से किया जाए तो इसके प्रभाव के बीमार व्यक्ति रोग मुक्त हो जाता है और पुनः स्वस्थ हो सुचारू रूप से अपने जीवन का निर्वाह करता है। उसे बीमारी दोबारा कभी नहीं जकड़ती।इस मंत्र के जाप से न सिर्फ विवाह की बाधा दूर होगी बल्कि नौकरी, व्यापार आदि में लाभ मिलने लगेगा और बाधाएं समाप्त होती चली जाएंगी। नौकरी में तरक्की के योग बनेंगे और व्यापार में उन्नति होगी। ध्यान रहे कि इस मंत्र का जाप मन ही मन भगवान को याद करते हुए करना है। कोशिश करें इस मंत्र को आप या तो होलिका दहन के पश्चात परिक्रमा के दौरान बोलें या फिर रात के समय में मंदिर के सामने बैठकर जपें।

4-बाधा दूर करने के लिए;-

विवाह, नौकरी, व्यापार आदि में अगर आपको बार-बार बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है तो ऐसे में होलिका दहन के दौरान या रात के समय में आप 'कात्यायनि महामाये महायोगिनयधीश्वरि। नंदगोपसुतं देवि! पतिं में कुरु ते नम:' मंत्र का जाप कर सकते हैं। यह मंत्र अगर लड़के करना चाहते हैं तो इस मंत्र को इस रूप में कर सकते हैं- 'पत्नी मनोरंमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्। तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्धवाम्'।

5-रोग से मुक्ति ;-

ये मंत्र इतना शक्तिशाली होता है इसके जाप से लोगों की बड़ी से बड़ी बीमारी का खात्मा हो जाता है।माना जाता है कि इस मंत्र के प्रभाव से उसे रोग से मुक्ति मिलेगी।होली की रात को तुलसी की माला के साथ इस विशेष मंत्र का 1008 बार जाप करना चाहिए।

मंत्र-

“ॐ नमो भगवते रुद्राय मृतार्क मध्ये संस्थिताय मम शरीरं अमृतं कुरु कुरु स्वाहा”।


होली पर धन प्राप्ति के सरल उपाय;-

उपाय 1-

यदि आप आर्थिक संकट में है तो होली की रात्री में सर्वप्रथम निवास के पूजा स्थल में माँ लक्ष्मी की प्रतिमा के समक्ष रोली में लाल गुलाल मिलाकर माँ को तिलक करें इस दौरान माँ लक्ष्मी के किसी भी मंत्र का यथा सामर्थ्य जप करें इसके बाद निवास अथवा व्यावसायिक स्थल की एक कील के ऊपर कलावा (मौली) बांधकर जिस स्थान पर होली जलनी है वहाँ मिट्टी में दबा दें अगले दिन उस कील को निकाल कर मुख्य द्वार के बाहर की मिट्टी में दबा दें। इस उपाय के प्रभाव से आपके निवास अथवा व्यावसायिक प्रतिष्ठान में नकारात्मक शक्ति का प्रवेश नही होगा।

विशेष-

यदि कील को होली जलने वाले स्थान पर दबाना संभव ना हो तो जब होली जल जाए तो उसकी राख लाकर किसी मिट्टी के पात्र में रख कर इस राख के नीचे कील को दबा दें ध्यान रहे राख को घर से बाहर ही सुरक्षित स्थान पर रखें दूसरे दिन राख में से कील निकाल ऊपर बताये अनुसार ही प्रयोग करें एवं होली की राख को जल में प्रवाहित कर दें।

उपाय 2-

आपके ऊपर किसी भी प्रकार का कोई कर्ज है अथवा आय में कमी है तो होली की रात्रि में जहाँ होली जलनी है वहां की जमीन में छोटा सा गद्दा खोद कर उसमे 5 अभिमंत्रित गोमती चक्र व इतनी ही कौड़िया दबा दें साथ ही हरे गुलाल से गड्ढे को भर के ऊपर से मिट्टी डाल दें। गड्ढे के ऊपर एक पान का पत्ता रखकर उस पर पीला गुलाल, एक सिक्का, एक छोटी कील और सुपारी रखें अब जब होली जले तब एक पान के पत्ते पर एक बताशा, एक जोड़ी लग्न घी में डुबोकर, एक बड़ी इलायची, काले तिल, पीली सरसों, एक सुपारी व एक गुड़ की डली रख कर पीला गुलाल छिड़क दें और दूसरे पान के पत्ते से ढक दें उस के ऊपर 7 गौमती चक्र रखें और होली की सात परिक्रमा करते हुए प्रत्येक परिक्रमा में निम्न मंत्र का जाप करते हुए एक गौमती चक्र होली में डालते जाएं।

मंत्र-फ्रीम फ्रीम अमुक (जिसका कर्ज देना है) कर्ज विनशयते फट स्वाहा।

यहाँ अमुक के स्थान पर कर्जदार का नाम लें परिक्रमा पूर्ण होने पर प्रणाम कर वापस आ जाये। अगले दिन होली जलने वाले स्थान पर जाकर सर्वप्रथम गड्ढे के निकट 3 अगरबत्ती दिखाकर गड्ढे से सारी सामग्री निकाल लें इसमे कुछ सामग्री जल भी सकती है। सामग्री के साथ उस स्थान की थोड़ी मिट्टी भी ले लें और सारी सामग्री के साथ मिट्टी को किसी नीले कपड़े में लाल गुलाल के साथ बांधकर पोटली को तीव्र प्रवाह के जल में प्रवाहित कर दें इस उपाय से कुछ ही समय मे कर्ज मुक्ति के मार्ग खुलने लगेंगे।

विशेष- होली जलने के बाद वहाँ दबी सामग्री आपको शायद ना भी मिले ऐसी स्थिति में परेशान होने की आवश्यकता नही है। आप केवल राख प्राप्त करें और ऊपर बताई सामग्री पुनः राख में रख पोटली बनाकर जल में प्रवाहित करें।

उपाय 3-

यदि आपको लगता है आपको मेहनत के अनुसार लाभ अथवा सुविधाए नही मिलती है तो होली से पहले किसी सुनार से मिलकर उससे अपनी मध्यमा उंगली के माप के छल्ले के लिये 50% चांदी, 30% लोहा एवं 20% पीतल के अनुसार तीन धातुएँ ले और होली जलने से पहले उस स्थान पर ईशान कोण में गड्ढा खोदकर लाल गुलाल के साथ तीनो धातुएँ और 11 लौंग भी दबा दें और गद्दा बन्द करके ऊपर से पीले गुलाल से स्वस्तिक बना कर होली की पूजा करे होलिका दहन होने के बाद एक पान के पत्ते पर कर्पूर, थोड़ी हवन सामग्री, शक्कर, शुद्ध घी में डुबोकर लौंग का जोड़ा, काले तिल और पीली सरसों रखें व दूसरे पान के पत्ते से उस पत्ते को ढक दें और जिस स्थान पर आपने धातुएँ दबाई है उस स्थान से ही परिक्रमा आरम्भ करें प्रत्येक परिक्रमा में ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का जप करते हुए होली की अग्नि में एक बताशा डालते जाए सात परिक्रमा होने पर पान के पत्ते की सारी सामग्री होली में अर्पित कर दें तथा प्रणाम कर वापस आ जाएं। अगले दिन नए पान के पत्ते वाली सामग्री पुनः ले जाकर जो धातुएँ दबाई है उन्हें निकाल लें तथा पान के पत्ते की सामग्री गड्ढे में रकह कर लाल गुलाल से गड्ढा भर के उसके ऊपर 3 अगरबत्ती जला दें और प्रणाम कर आ जाये अब किसी सुनार से तीनों धातुओं को मिलाकर अपनी मध्यमा उंगली की नाप का छल्ला बनवाकर 15 दिन बाद आने वाले शुक्ल पक्ष के गुरुवार के दिन धारण करें जब तक आपके पास यह छल्ला रहेगा तब तक आर्थिक समस्या बनने पर भी परेशान नही करेंगी।

विशेष -अगर होलिका दहन के स्थान पर धातु दबाना सम्भव ना हो तो इसे भी होलिका की राख लाकर दबा दें लेकिन घर के बाहर ही रखें इसके बाद समस्त क्रिया ऊपर बताये अनुसार ही करे और अगके दिन तीनो धातु निकाल कर छल्ला बनवालें और ऊपर बताये अनुसार ही धारण करें। यदि सम्भव हो तो ऊपर बताये अनुसार उपाय करने का प्रयास करें यह ध्यान रहे तीनो धातुओं का अगले दिन मिलना आवश्यक है।यदि धातुएँ दबाई जगह नही मिली तो उपाय विफल हो जाएगा।आज हम आपको जो उपाय बताने जा रहे है वह सभी के लिये अत्यंत लाभदायक है। इस उपाय के प्रभाव से आपके घर एवं व्यावसायिक क्षेत्र की सारी नकारात्मक उर्जा समाप्त होगी नकारत्मकता समाप्त होने के बाद ही माँ लक्ष्मी का स्थायी निवास सम्भव हो पाता है।

उपाय 4-

आपके निवास के पास जब होली जल जाए तब आप होली की थोड़ी सी अग्नि लाकर अपने निवास व व्यवसाय स्थल के बाहर आग्नेय कोण की ओर उस अग्नि की सहायता से एक सरसो के तेल का दीपक जला दें। इस दीपक की मदद से एक दूसरा दीपक जलाएं और मुख्य द्वार के बाहर रख दें। जब दीपक जल कर ठंडा हो जाये तो इसे किसी चौराहे पर जाकर फोड़ दे और बिना पीछे देखे सीधे घर आ जाये। अंदर आने से पहले अपने हाथ पांव अवश्य धो लें। इस उपाय के प्रभाव से आपके निवास एवं व्यवसाय की सारी नकारत्मक उर्जा जलकर समाप्त हो जाएगी।

उपाय 5 -

आप होली की रात्रि में होलिका दहन से पहले अपने घर अथवा व्यवसाय के मंदिर में माँ लक्ष्मी को रोली व गुलाल मिलाकर तिलक करें। शुद्ध घी का दीपक, धूप बत्ती दिखाने के बाद पीले रंग का भोग अर्पण करें इसके बाद माँ के चरणों मे पीला गुलाल व 3 गौमती चक्र अभिमंत्रित करने के बाद अर्पित करें। माँ के सामने लाल अथवा सफेद ऊनि आसान पर बैठकर कमलगट्टे की माला से 5 माला "(श्रीं ह्रीं श्रीं कमलवासिन्यै नमोस्तुते)" का जाप करें जाप के बाद पृथ्वी पर जल छोड़े उसे माथे पर लगाकर उठ जाए। अब अगले दिन माँ के चरणों से गौमती चक्र और पीला गुलाल उठाकर एक लाल वस्त्र मे बांधकर घर के शुद्ध स्थान पर रख दें। इस उपाय से माँ लक्ष्मी के चरण एक वर्ष आपके घर मे रहेंगे ऐसी आस्था रखें अगले वर्ष पुनः इस उपाय को करने से पहले पुरानी पोटली को होलिनसे एक दिन पहले धूप दीप दिखाकर बहते जल में प्रवाहित कर दें। इस प्रयोग को प्रत्येक वर्ष होली पर अवश्य करें।

उपाय 6 -

होली की रात्रि में आप एक चांदी का गिलास अथवा कटोरी लेकर उसमे जल भर कर थोड़ा गंगाजल मिला दें ।सम्भव हो तो गंगाजल ही लें अब इसमें 3-3 अभिमंत्रित गौमती चक्र और धनकारक कौड़िया डाल दें। माँ लक्ष्मी के विग्रह पर लाल गुलाल और रोली मिलाकर तिलक करें धूप दीप दिखाकर खीर का भोग अर्पण करें ।चरणों मे भी लाल गुलाल अर्पण करें इसके बाद अधिक से अधिक संख्या में श्री लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें। पाठ के बाद 5 माला श्री लक्ष्मीभ्यो नमोस्तुते का जप करें। जप के बाद उस जल को पूजा स्थल पर ही रखा रहने दें। अगले दिन एक लकड़ी अथवा चांदी की डिब्बी में माँ के चरणों से लाल गुलाल उठाकर भर दें तथा जल में से गौमती चक्र और कौड़िया निकाल कर डिब्बी में रख दें। डिब्बी में गुलाल कम हो तो अलग से गुलाल लेकर डिब्बी को पूरा भर दें और एक लाल रेशमी वस्त्र में बांधकर धन वाले स्थान पर रख दें। आपके पास जो जल बचा है उसे निवास स्थान की दीवारों पर छिड़क दें।

उपाय 7-

यदि आपको लगता है कि आपको मेहनत के अनुसार आय नही मिल रही है तथा निवास - व्यवसाय में कोई नकारात्मक ऊर्जा है ।अथवा किसी नजर के प्रभाव से हानि उठानी पड़ रही है तो आप होली जलने से पहले होलिकादहन वाले स्थान पर रात्रि के समय उस जमीन की पश्चिम दिशा में छोटा गड्ढा कर 4 बड़ी कीलें दबा दें ।कीलो के ऊपर 11 लौंग रख हरा गुलाल भरने के बाद ऊपर से मिट्टी से ढक दें। जब होलिका दहन का समय हो तब एक पान पत्ते पर 5 बताशे, एक छोटी कील, एक लौंग का जोड़ा, कुछ काले तिल व पीली सरसों रखकर एक अन्य दूसरे पान के पत्ते से ढक दें। उस पान के पत्ते पर सात बताशे रखें । इसके बाद परिक्रमा आरम्भ करें। प्रत्येक परिक्रमा की समाप्ति पर एक बताशा होलिका में अर्पित करते जाए सात परिक्रमा पूर्ण होने पर अंतिम परिक्रमा में पान के पत्ते पर रखी सामग्री भी होलिका में अर्पित कर प्रणाम कर आ जाएं। होली की मध्यरात्रि में शरीर शुद्धि के बाद मा लक्ष्मी को गुलाल से तिलक कर धूप, दीप, भोग अर्पण कर लाल आसन पर बैठ कर कमलगट्टे की माला से (श्रीं ह्रीं श्रीं लक्ष्मीनारायण नमोस्तुते) निम्न मंत्र का कम से कम 5 माला जप करें। जप के बाद धरती पर जल छोड़ उसे सर से लगा कर उठ जाए। अगके दिन आप होलिकादहन स्थान पर जाकर गड्ढे से चारो कीले निकाल कर अपने निवास अथवा व्यवसाय के चारो कोनो में बाहर की ओर एक-एक कील ठोक दें । इसके प्रभाव से आपका निवास एवं व्यवसाय नकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह से बचा रहेगा।

उपाय 8 -

होली की रात्रि में आप माँ लक्ष्मी को पूरे भाव से लाल गुलाल से तिलक करें शुद्ध घी का २ दीपक दोनो तरफ जलाए एवं धूप दिखाकर खीर का भोग लगाये। इसके बाद एक लाल वस्त्र में लाल गुलाल व एक पीले वस्त्र में पीला गुलाल रख दोनो को पोटली का रूप देकर माँ लक्ष्मी के चरणों मे रख दें इसके बाद (ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं श्री महालक्षमये नमः) निम्न मंत्र का 11 माला जप करें। जप के बाद धरती पर जल छोड़ उसे सर से लगाकर उठ जाए।अगके दिन दोनो पोटलियों को पहले माँ को धूप दीप भोग अर्पण करने के बाद पोटली को भी धूप दीप दिखाकर धन वाले स्थान पर रख दें इसके बाद इसका प्रभाव स्वयं अनुभव करें।

उपाय 9 -

होली की रात्रि में आप अपने निवास के पूजा स्थल में एक लाल वस्त्र पर नागकेशर बिछाकर उस के ऊपर एक प्रतिष्ठित श्री यंत्र को स्थापित करें यंत्र को लाल गुलाल से तिलक कर घी का दीपक जलाये और धूप दिखाए इसके बाद खीर का भोग लगाएं इसके बाद श्री यंत्र के सामने आसान लगाकर पहले श्री ललिता सहस्त्रनाम का पाठ करे इसके बाद (ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं श्री महालक्षमये नमः) मंत्र की 11 माला जप करे जप कर भूमि पर जल छिड़क उसे माथे से लगाकर उठ जाए अगले दिन प्रातः ही श्री यंत्र को पुनः मंदिर में प्रतिष्ठित कर लाल वस्त्र को नागकेशर समेत उठाकर बांधकर धन रखने के स्थान पर रख दें। यह उपाय कितना लाभ देगा आप स्वयं ही अनुभव करेंगे।

..SHIVOHAM....

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