कोलाइटिस
कोलाइटिस पेट में होने वाली एक बीमारी है जिसमें बड़ी आंत में सूजन हो जाती है। इसके कारण पेट में तेज दर्द और शौच के दौरान काफी दिक्कतें होने लगती हैं। इस बीमारी को अल्सरेटिव कोलाइटिस के नाम से भी जाना जाता है। इस बीमारी का इलाज संभव है और कुछ मामलों में इसे पूरी तरह ठीक होने में काफी लम्बा वक़्त लग सकता है। इस बीमारी की ज्यादातर शिकार महिलायें ही होती हैं जिनमें से अधिकतर की उम्र 40 साल से कम होती है। अभी तक इस बीमारी के होने के पीछे सटीक कारणों का पता नहीं चल पाया है फिर भी डॉक्टरों का कहना है कि खराब खानपान और कुछ दवाइयों के साइड इफ़ेक्ट के कारण ही यह समस्या होती है। वैसे देखा जाए तो इसका इलाज डॉक्टर के पास जाकर ही करवाना चाहिए लेकिन कुछ ऐसे भी घरेलू उपाय हैं जो इससे होने वाले दर्द और लक्षणों में आराम पहुंचाते हैं। कुछ ख़ास घरेलू उपायों के बारे में बता रहे हैं जो कोलाइटिस की समस्या में आराम दिलातें हैं।
1 - योगर्ट : योगर्ट का सेवन कोलाइटिस के इलाज में काफी असरदार है। इसमें अच्छे बैक्टीरिया की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो लैक्टिक एसिड की मात्रा को बढ़ा देते हैं जिससे हानिकारक टोक्सिन शरीर से बाहर निकल जाते हैं। योगर्ट बड़ी आंत के पीएच लेवल (Ph level) को नियंत्रित करने में भी मदद करती हैं। इसके नियमित सेवन से आपकी इम्युनिटी पॉवर मजबूत होती है। कैसे करें सेवन : रोजाना खाने के साथ एक कटोरी ताजे योगर्ट का सेवन करें। योगर्ट में फ्रूट और सब्जियां डालकर हेल्दी स्मूदी बना लें और उसे रोजाना पियें। डिहाइड्रेशन से बचने के लिए जरुर खाएं ये फूड, थकान और गर्मी रहेगी दूर
2- आलू का जूस: आलू में मौजूद एल्कलाइन, अल्सरेटिव कोलाइटिस से लड़ने में बहुत असरदार है। इसमें स्टार्च और नेचुरल फाइबर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो आंतों की कार्यक्षमता को बढ़ा देती है साथ ही यह भोजन नली में होने वाले इरीटेशन को भी कम करती है। शोधों में इस बात कि पुष्टि हुई है कि इस जूस के सेवन से पेट दर्द और गैस की समस्या से आराम मिलता है। सेवन का तरीका : कच्चे आलू को पीस कर इसका जूस बना लें और उसे छननी से छान लें। दिन में दो तीन बार इस जूस को पियें।
3- चावल का मांड (Rice water) : चावल बनाते समय कई लोग उसके बचे हुए पानी को फेंक देते हैं जबकि वह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है, इसलिए इसे ना फेंकें। यह पानी आंत के पीएच लेवल को नियंत्रित रखता है साथ ही भोजन नली में होने वाली इरीटेशन को भी कम करता है। इसमें मौजूद हेल्दी बैक्टीरिया पेट में होने वाली गैस और अपच की समस्या से राहत दिलाती है। इस पानी में उपस्थित विटामिन और मिनरल डायरिया के कारण शरीर में होने वाले पोषक तत्वों की कमी को पूरा करते हैं। कैसे करें सेवन: दो चम्मच चावल को एक कटोरे पानी में डालकर उबालें। जब चावल उबल जाए तो आंच बंद कर दें और इसे ठंडा होने दें। जब इसका तापमान पीने लायक हो जाये तो इस पानी को छानकर अलग कर लें और रोजाना एक या दो गिलास इस पानी का सेवन करें।
4- फ्लेक्ससीड वाटर : अलसी के बीजों में नेचुरल फाइबर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और इसमें पाए जाने वाले यौगिक आंतों की समस्या से राहत दिलाने में बहुत मदद करते हैं। इसमें मौजूद फैटी एसिड और एंटी-ऑक्सीडेंट, इन्फ्लेमेशन को कम करते हैं और बॉडी से खराब टोक्सिन को बाहर निकालने में मदद करते हैं। सामग्री: एक कप फ्लेक्ससीड एक गिलास पानी बनाने का तरीका : एक गिलास पानी में अलसी के बीजों को रातभर के लिए भिगोकर रख दें। अगली सुबह जब यह बिल्कुल जिलेटिन की तरह गाढ़ा हो जाए तो इसे छननी से छान लें। जब तक आराम न मिले रोजाना एक गिलास इस पानी का सेवन करते रहें।
5- गाजर : गाजर में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होता है। इसके सेवन से कोलाइटिस में होने वाले दर्द और जलन से राहत मिलती है। गाजर में प्रोबायोटिक क्षमताएं भी होती हैं जिससे ये भोजन नली की रक्षा करने वाले बैक्टीरिया की मात्रा को बढ़ाने में मदद करते हैं। इसमें मिलने वाले पोषक तत्व डायरिया के लक्षणों में भी कमी लाते हैं और उल्टी से आराम दिलाते हैं। कैसे करें इस्तेमाल : जूसर में गाजर को डालकर इसका जूस बना लें। इसके अलावा आप इसे पानी में डालकर उबाल लें और जब ये मुलायम पड़ जायें तो इनकी प्यूरी बनाकर उसका सेवन करें। ध्यान रखें कि उबालते समय पानी में नमक न डालें। जब तक कोलाइटिस से आराम ना मिले रोजाना दिन में एक बार इस जूस का सेवन करें।
6- केला : केले में पेक्टिन नामक फाइबर होता है जो आंत में पहुंचकर वहां के पीएच लेवल को नियत्रित रखता है और डायरिया और कब्ज़ की समस्या से आपको बचाता है। इसके अलावा केले में पोटैशियम और मैग्नीशियम की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जिससे बॉडी का इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस नियंत्रित रहता है। डायरिया होने पर जब शरीर का इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बुरी तरह बिगड़ जाता है उस समय केले का सेवन बहुत ही फायदेमंद है। अल्सरेटिव कोलाइटिस से राहत दिलाने में केले का सेवन सबसे ज्यादा असरदार है। सामग्री: एक केला एक चम्मच शहद बनाने का तरीका : केले को मैश कर लें और उसमें फिर शहद मिला दें और उसे खाएं। इसके अलावा आप केले की स्मूदी बनाकर उसका सेवन करें।
7-पानी ;-आंतों में सूजन की समस्या हो या नहीं हमारे शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा जरूर होनी चाहिए। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से पेट से लेकर स्किन तक की तमाम समस्याएं खत्म हो जाती हैं। आंत की सूजन में पानी का पर्याप्त मात्रा में सेवन करना जरूरी माना गया है। शरीर को हाइड्रेट रखने से आंत की सूजन में फायदा मिलता है। इसलिए नियमित रूप से पर्याप्त पानी जरूर पीना चाहिए।
8-हल्दी
हल्दी में एंटी-इनफ्लेमटरी गुण के साथ करक्यूमिन (Curcumin) नाम का यौगिक पाया जाता है। ये यौगिक पेट से एसिड स्राव (acid secretion) कम करने सहित पेट की सूजन कम करने में भी सहायक है। इतना ही नहीं ये पेट की आंतों में अल्सर होने से बचाता है। जापान के अध्ययनकर्ताओं ने अपने एक अध्ययन में पाया कि छह महीने तक नाश्ते और रात को खाने के बाद एक ग्राम हल्दी खाने से यूसी को रोकने में मदद मिलती है।
9-नारियल तेल
आंतों में सूजन की समस्या से राहत पाने के लिए नारियल का तेल काफी फायदेमंद होता है। नारियल तेल से बने भोजन को अपने आहार में शामिल करके इस समस्या से राहत पा सकते हैं। नारियल तेल का उपयोग खाना बनाने में करने से पाचन तंत्र, कब्ज, डायरिया, गैस, सूजन से जुड़ी समस्याओं से राहत मिलती है। साथ ही यह आंत में इंफेक्शन और सूजन भी कम करता है।
10-अलसी
अलसी के तेल में काफी मात्रा में ओमेगा-3 पाया जाता है। जो आंतों की सूजन को कम करने में काफी सहायक होता है। अलसी का प्रयोग दर्द और सूजन कम करने में बहुत मददगार होता है। इसके अलावा एक चम्मच अलसी के बीजों को रात भर पानी में भिगोकर छोड़ दें सुबह इन बीजों को चबाकर खाएं और ऊपर से पानी पी लें नियमित ऐसा करने से सूजन में राहत मिलती है।
11-ग्रीन टी
आंतों की सूजन को कम करने में ग्रीन टी व हर्बल टी अहम भूमिका निभाती है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं। ग्रीन टी का सेवन बहुत सी बीमारियों से निजात पाने में किया जाता है। इसका नियमित सेवन करने से आंतों के साथ-साथ पेट की समस्याओं से भी राहत मिलती है।
12-विटामिन डी
विटामिन डी आंतों की सूजन की समस्या के लिए काफी फायदेमंद होता है। जो लोग इसका सेवन पर्याप्त मात्रा में करते हैं। उनको आंतों व पेट की समस्या नहीं होती संतरे, नींबू आदि में विटामिन डी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए नियमित इनका सेवन करना लाभदायक होता है।
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आँत की सूजन में जीवन शैली में बदलाव;-
1-दिनभर तरल पदार्थों का सेवन करते रहें
2-पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों का सेवन करें
3-अदरक आंतों के संक्रमण और पेट में दर्द की गंभीरता को कम करने में मददगार होती है इसलिए अदरक का किसी भी रूप में नियमित सेवन करें
4-सेव का सिरका और तुलसी आंतों की सूजन कम करने और पेट की समस्याओं से राहत दिलाने में लाभदायक है
5-दूध या दूध से बनी चीजों का सेवन कम करें
6-सिगरेट और नशीले पदार्थों का सेवन न करें
7-फास्ट फूड, जंक फूड, बर्गर, चाऊमीन आदि का सेवन ना करें
8-दस्त, गैस, बदहजमी आदि समस्याओं को कम करने के लिए डेयरी प्रोडक्ट का सेवन करना कम या बंद कर दे।
9-ज्यादा तेज मिर्च मसालेदार भोजन, शराब, कैफीन आदि का सेवन नही करना चाहिए।
10-दिन में कई बार थोड़ा थोड़ा भोजन करें एक बार मे ज्यादा खाने से बचना चाहिए।
11-आँतो की सूजन को कम करने में व्यायाम व योगासन बहुत ही प्रभावकारी होते हैं इसलिए नियमित व्यायाम करें।
12-इस समस्या से राहत पाने के लिए लौंग या लौंग का तेल भी काफी मददगार होता है क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट व एन्टी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो पेट की सूजन में आराम दिलाते है।
कोलाइटिस के रोगी का आहार ;-
1-कम फाइबर वाले फल :-अल्सरेटिव कोलाइटिस में नाश्ते के रूप में केला, स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, खरबूजा, अंगूर, कीवी आदि फलों का सेवन लाभकारी हो सकता है कम फायबर वाले फल जैसे केले, खरबूजा, मीठा तरबूज, सेब , चेरी, खुबानी,आम, आड़ू, बेर, अनानास, स्ट्रॉबेरी, कीनू, चकोतरा आदि हैं।
2-कम फाइबर अनाज: जैसे दलिया, कॉर्नफ्लैक्स, चावल, चोकर सहित आटा, मल्टीग्रेन आटा आदि।
3-कम फाइबर वाली सब्जियां: जैसे बीन स्प्राउट्स, गोभी, फूलगोभी, ककड़ी, प्याज, मशरूम,आलू, हरी मिर्च, मूली, टमाटर। इन्हें तब खाएं जब बीज और छिलके निकले हों।
4-घर के बने शेक
आप घर पर बने शेक भी पी सकते हैं। अपने डॉक्टर या डाइटिशन से पूछें कि कौन से शेक आपके नुट्रिशन की जरूरतों को पूरा करते हैं।
क्या न खाएं?-
1-ऐसे अघुलनशील फाइबर युक्त आहार: जिन्हें पचाना मुश्किल है, जैसे कच्ची सब्जियां ब्रोकली गोभी, साबुत मेवे और साबुत अनाज।
2-दूध और दूध से बनी चीजें: जिनमें शुगर की मात्रा होती है। दूध से बने पदार्थों को खाने से बचे कुछ चीजें खाने से आपकी इस रोग की समस्या बढ़ सकती है। इसलिए दूध , दही , पनीर, आइस क्रीम खाने से बचे। इससे आपको डायरिया ,पेट दर्द और गैस से छुटकारा मिलेगा।
3-नॉन अब्सॉर्बड शुगर: जिन चीज़ों में अधिक मात्रा में चीनी होती है जैसे कैंडी ,आइस क्रीम या कुछ फल या जूस जैसे नाशपाती, आड़ू । पेस्ट्रीज , कैंडी, और जूस जिसमें बहुत अधिक चीनी होती है।
4-अधिक वसा और चिकनाई वाले खाद्य पदार्थ: जैसे मक्खन नारियल क्रीम आदि।
5-अल्कोहल और कैफीन युक्त पेय पदार्थ: जैसी बियर, वाइन ,सोडा या कॉफी।
6-मिर्च मसाले वाला आहार या जंक फ़ूड।
अल्सरेटिव कोलाइटिस डाइट प्लान;-
सबसे पहले सुबह उठ कर एक या दो गिलास पानी अवश्य पीएं
नाश्ता (8 :30 AM) : नाश्ते में आप दलिया / पोहा/ 2 रोटी + उबली सब्जी/ स्प्राउट्स आदि ले सकते हैं।
ध्यान रहे, रोटी या तो चोकर सहित आटे से या मल्टीग्रेन आटे से बनी हों।
दिन का भोजन (12:30-01:30 PM) : 2 रोटियां + हरी सब्जी + दाल+ सलाद + लस्सी +चावल या खिचड़ी
सांयकालीन भोजन (03:30 pm) : जूस / सूप/ छाछ/ कटे हुए फल/ नारियल पानी
रात्रि का भोजन(7: 00 – 8:00 Pm): 2 रोटियां + सब्जी + दाल
निम्न फाइबर कोलाइटिस आहार के लिए आवश्यक हैं:
..SHIVOHAM..
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